Kitchen की जगह, समय, भाव और सामग्री
से जुड़ी कुछ खास बातों पर ध्यान देकर हम अपनी health में बड़े बदलाव ला सकते है।
समय के साथ हमारा चौका धीरे-धीरे kitchen बनता गया। कुछ समय तक ठीक
रहा, पर धीरे-धीरे स्वास्थ्य गिरना शुरू हो गया। चौका चेतना नामक अभियान के तहत
नेचुरोपैथी के कुछ specialist ने health को ठीक रखने के लिए चार तरह की चीजों पर
जोर दिया है।
एक हालिया research के मुताबिक कई लोगों की kitchen toilet से भी
गंदी होती है। बर्तन साफ करने वाले स्पाँन्ज और kitchen टॉवेल को बहुत कम लोग
नियमित रूप से साफ करते है। इनमे toilet सीट से भी ज्यादा Bactria पाए जाते है।
क्या करें
1-
कटिंग बोर्ड,
खाना बनाने के उपकरण, फ्रिज,dustbin, बर्तन साफ़ करने वाले कपड़े की नियमित सफाई
करें।
2-
kitchen के लिए अलग चप्पल बना लें।
3-
बर्तनों में detergent का अंश न छोड़े।
4-
fruits-vegetables क अच्छी तरह धोकर
इस्तेमाल करें।
सामग्री
हम क्या खाएं, जो खा रहे है उसे खाने
से पहले कैसे साफ करें, उसे किस तरह पकाएं, ये सभी बातें ध्यान में रखनी जरूरी है।
विदेशों से आये fruits-vegetables दुकानों पर कई दिन तक रखे हुए होते है। इसके बाद
हम उन्हें अपने फ्रिज में कई दिनों तक रखते है। ‘रेडी टू ईट’ food products में
खाद्य पदार्थो को सुखा कर उनमें रासायनिक प्रिजवेटिक्स मिलाकर स्टोर में कई महीनों
तक रखा जाता है। इस तरह की चीजों से बचें।
1-
घर में ही
kitchen garden बना सकते है।
2-
खाने की सभी चीजों को प्राकृतिक रूप
में या फिर कम से कम बदलाव के साथ खाएं। जैसे, भूसी निकाला हुआ सामान्य चावल पॉलिश
किये चावल की तुलना में ज्यादा फायदेमंद है।
3-
सलाद बनाते समय एक स्वाद के फलों को
एक साथ खाएं, खट्टे-मीठे फल एक साथ खाएं। खट्टे-मीठे fruits एक साथ खाने पर पाचन
क्रिया गड़बड़ा जाती है।
4-
नरम छिलके वाले आलू, लौकी, तोरी और
सीताफल जैसी vegetables के छिलके की उपरी परत को हल्का सा उतारें।
5-
चोकारवाला आटा और हरी पत्तेदार
vegetables भरपूर मात्रा में खाए। अलग से fiber की जरूरत नही पड़ेगी।
6-
ठंडा, गरम, नमकीन आदि विपरीत प्रकृति
वाली चीजों को एक साथ न खाए।
7-
ताजे व् मौसमी fruit व् vegetables
खाएं। चीजो को सामान्य तापमान पर ही खाएं।
समय की शुद्धि
हमारे body का हर अंग, फिर चाहे वह
liver हो या आंतें, एक विशेष clock के अनुरूप काम करते है।
हमारे body के रूटीन के हिसाब से ही वे ढल जाते है और दिन के किसी खास वक्त पर
सबसे ज्यादा गतिशील होते है। आप अपने body की मांग के हिसाब से दिन में तीन या चार
बार खाना खा सकते है। night shift वालों को खास तौर पर समय को लेकर सचेत रहने की जरूरत
है।
क्या करें
1-
सुबह आठ बजे तक
नाश्ता करें। fruits, milk, अंकुरित अनाज, दलिया आदि लें।
2-
इसके 4-5 घंटे
बाद दोपहर का भोजन करें। इस पहर में वायुमंडल गर्म होता है और body की पाचन क्षमता अच्छी
होती है, इसलिए इस वक्त सम्पूर्ण आहार ले सकते है। उसमे दाल, रोटी, मट्ठा/दही,
सलाद, घी आदि शामिल करें।
3-
शाम के वक्त
रस्क, vegetables का सूप, या तुलसी, अदरक, काली मिर्च आदि से बनी हर्बल चाय ले
सकते है।
4-
रात को खाना गरिष्ठ नही होना चाहिए।
5-
रात की shift में काम करने वालों को
नीद का ध्यान रखना चाहिए। 9-10 बजे तक खाना खा लें या शाम को 5-6 बजे खाना खाकर
office जाना चाहिए।
भाव की शुद्धि
खाना पकाते, परोसते और खाते समय आपके
मन में क्या भाव है, यह बात सीधे-सीधे स्वास्थ्य को प्रभावित करती है।
1-
अगर किसी वजह से
आपका मूड ख़राब हो तो पहले अपना मूड सही करना चाहिए, उसके बाद खाना खाना चाहिए।
2-
खाना खाते समय कोई और काम नही करना
चाहिए। न टीवी, न computer, न किसी से बातें।
3-
खाने का कौर मुंह में डालने के बाद
उसके स्वाद का अनुभव करें। उसे अच्छी तरह चबाने के बाद ही निगले।
4-
अगर कुछ पी रहे है तो घूंट लेकर उसे
कुछ देर मुंह में रखें, उसके स्वाद का अनुभव करें, फिर उसे निगलें।
5-
खाना तभी खाएं, जब भूख लगी हो। बिना
भूख खाने की इच्छा तनाव की वजह से होती है। ऐसे में अतिरिक्त न खाएं।
No comments:
Post a Comment