Friday, December 25, 2015

Mahamana Madan Mohan Malviya मदन मोहन मालवीय


मदन मोहन मालवीयका जन्म 25 दिसंबर 1861 को इलाहाबाद में हुआ था। उनके दादा पं. प्रेमधर और पिता पं. बैजनाथ संस्कृत के अच्छे विद्वान थे। उनके पिता पं. बैजनाथ, एक उत्कृष्ट कथावाचक (भागवत कथा) भी थे। मदन मोहन की शादी 1878 में मिर्जापुर की कुमारी देवी के साथ हुई थी।
मदन मोहन की शिक्षा पांच साल की उम्र में शुरू हो गई थी। वह एक बहुत मेहनती बालक थे। उन्होंने 1879 में मुइर सेंट्रल कॉलेज से मैट्रिकुलेशन की परीक्षा उत्तीर्ण की। उन्होंने 1884 में कलकत्ता विश्वविद्यालय से स्नातक किया। उन्होंने कानून की पढ़ाई की और 1891 में एल.एल.बी. की परीक्षा उत्तीर्ण की, किन्तु उन्होंने कानूनी पेशे में कोई दिलचस्पी नहीं ली।
मदन मोहन मालवीय एक सच्चे राष्ट्रभक्त थे। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। उन्हें महामनाका खिताब दिया गया था। उन्हें वाराणसी में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के संस्थापक के रूप में याद किया जाता है। मदन मोहन मालवीय एक महान विद्वान, शिक्षाविद् एवं राष्ट्रीय आंदोलन के नेता थे। उन्होंने वर्ष 1906 में हिंदू महासभा की स्थापना की। उन्होंने कई दैनिक, साप्ताहिक और मासिक समाचार पत्र और पत्रिकाओं का प्रकाशन भी किया।
12 नवंबर 1946 को 85 वर्ष की आयु में मदन मोहन मालवीय का देहांत हो गया। वह सामाजिक मामलों में एक रूढ़िवादी व्यक्ति थे। उनकी 153 जयंती के एक दिन पहले, 24 दिसंबर, 2014 को उन्हें (मरणोपरांत) भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, भारत रत्न से सम्मानित किया गया। मदन मोहन मालवीय का भारतीय सार्वजनिक जीवन में एक बहुत ही उच्च स्थान है। उन्हें उनकी सौम्यता और विनम्रता के लिए सदैव जाना जाता रहेगा।
-मदन मोहन मालवीय के पौत्र गिरिधर मालवीय ने बताए महामना की सफलता के पांच सूत्र

 पंडित मदन मोहन मालवीय सही मायनों में भारत निर्माता थे। उन्होंने समाज सेवा, वकालत, पत्रकारिता, शिक्षा, साहित्य आदि के जरिए देश को बहुत कुछ दिया है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना और उसमें इंजीनियरिंग व टेक्नोलॉजी के कोर्स चलाकर उन्होंने अंग्रेजों को चुनौती दी। वह नहीं चाहते थे कि आजादी के बाद अंग्रेजों के चले जाने से देश का यांत्रिक ढांचा बर्बाद हो जाए। महामना मालवीय को भारत रत्‍‌न दिए जाने की घोषणा के बाद उनके पौत्र पूर्व जस्टिस गिरिधर मालवीय ने ये शब्द कहे। उन्होंने महामना के जीवन से जुड़े कई पहलुओं पर पत्रकारों से खुलकर बात की।

सफलता के पांच सूत्र

महामना का जीवन स्वच्छता और पवित्रता से भरा था। वह अजातशत्रु थे। किसी से उनका मनमुटाव नहीं था। मृदुभाषी होने के चलते वह सबके प्रिय थे। कोमल हृदय होने के बावजूद वह विचारों के दृढ़ थे। साधारण भोजन करते थे और सफेद वस्त्र पहनते थे। उनके जीवन में सफलता के पांच सूत्र थे। जिनमें देशप्रेम, सतचरित्र, विद्या अध्ययन, आत्म त्याग और स्वस्थ जीवन शामिल हैं। उन्होंने आजीवन इन्हीं का पालन किया।

नौकरी देने के लिए नहीं थी शिक्षा

अंग्रेजी शासन के दौरान कुछ युवाओं ने महामना से शिकायत की कि बीएचयू से पढ़ने के बाद अंग्रेज उन्हें सरकारी नौकरी नहीं दे रहे हैं। इस पर उन्होंने युवाओं को बुलाया और समझाया कि बीएचयू में शिक्षा का उददेश्य कभी सरकारी नौकरी दिलाना नहीं रहा। इसका उददेश्य युवाओं को देश निर्माता बनाना है। आप के भीतर देश- प्रेम की भावना जागृत करना है।

पत्रकारिता में नहीं किया उसूलों से समझौता

 राष्ट्रीय महासभा के मंच पर पहला भाषण देने के बाद वह इतने चर्चित हुए कि काला कांकर के राजा रामपाल सिंह ने उनसे समाचार पत्र हिंदोस्थान का संपादक बनने का आग्रह किया। एक बार राजा द्वारा मद्यपान करके उनका संबोधन करने से वह इतने रुष्ट हुए कि अखबार से अलग हो गए। बाद में वह इंडियन ओपिनियन, हिंदुस्तान रिव्यू, इंडियन पीपुल, लीडर और भारत आदि समाचार पत्रों से जुड़े। इस बीच उन्होंने कभी अपने उसूलों से समझौता नहीं किया।
लंबे समय से थी प्रतीक्षा
पूर्व जस्टिस गिरिधर मालवीय ने कहा कि उन्हें ही नहीं बल्कि प्रयाग नगरी को लंबे समय से महामना मालवीय जी को भारत रत्‍‌न प्रदान किए जाने की प्रतीक्षा थी। राष्ट्रपति द्वारा ट्वीट किए जाने के बाद फोन के जरिए उन्हें इसकी जानकारी दी गई। इसके बाद तो बधाई देने वालों का तांता लग गया। सभी ने गिरिधर मालवीय को फोन और व्यक्तिगत तौर पर शुभकामनाएं दीं।


भारत की एकता का मुख्य आधार है एक संस्कृति, जिसका उत्साह कभी नहीं टूटा। यही इसकी 

विशेषता है। भारतीय संस्कृति अक्षुण्ण है, क्योंकि भारतीय संस्कृति की धारा निरंतर बहती रही है

और बहेगी।

 मदनमोहन मालवीय







Thursday, December 24, 2015

work Place में इन गलतियों से बचे


work place में आपकी छवि आपके काम पर काफी हद तक असर डालती है। अक्सर लोग पूरी मेहनत व् लगन के साथ office में अपनी बेहतरीन image बनाने की कोशिश करते है, मगर पूरी कोशिश के बावजूद छोटी-छोटी गलतिया हो ही जाती है। इसी वजह से आपको वह जगह नही नही मिल पाती, जिसके आप हकदार है। आये जानते है उन गलतियों के बारे में-

बहाना न बनाये

office में काम से बचने के कई बहाने होते है। ऐसा न समझे कि बार-बार बनाये जा रहे इन बहानो को कोई समझ नही रहा। office न आने का कोई बहाना बना आप boss से छुट्टी तो ले लेते है, मगर ऐसा कर आप धीरे-धीरे दूसरो के विश्वास को भी कम करने लगते है, इसलिए ऐसा करने से हमेशा बचे।

Dressing Sense

work place में professional behaviour में सही dressing भी आती है। office का माहौल चाहे कितना भी cool हो या फिर मौसम कितना भी सर्द- गर्म हो, पहनावा workplace के मुताबिक ही होना चाहिए।

निजी कार्य

facebook पर लगातार chat करना, personal document के print लेना- यह सब अगर आप करते है तो यह ज्यादा दिनों तक नोटिस में आये बिना रह नही पाता। इसलिए सावधान रहे और ऐसी आदत न डाले।

गलतिया स्वीकारे

खुद गलतिया कर दूसरो के सिर डालने वाले लोग हर जगह मिल जाते है, लेकिन office में ऐसे लोग बहुतों की परेशानी की वजह बन जाते है। अपनी गलती दूसरो के सिर न मढ़े। हो सकता है कि अपनी गलती को स्वीकार करते हुए आपको शमिंदगी महसूस हो रही हो, लेकिन यकीन जानिये कि इसे छिपाने की कोशिश में आपको कही ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ सकती है।

हर बात पर गुस्सा

गुस्सैल स्वभाव आपको मुसीबत में डाल सकता है। office में जब आपका गुस्से पर काबू नही रहता, तब आप खुलकर या तो लाल-पीले होने लगते है या फिर अपने खोल में सिकुड़ जाते है। दरअसल ये दोनों तरह का व्यहवार ही सही नही है। याद रहे, तुरंत प्रतिक्रिया से बचे। इससे आप सबकी नजरो में अधिक सवेंदनशील साबित हो जाते है। वही चुपचाप किसी का गुस्सा झेल लेने से आप हर किसी को आसान दीखते है।









Sunday, December 20, 2015

Feedback सही दशा से मिलेगी दिशा


हम अपनी कामकाजी life का एक-तिहाई हिस्सा office में गुजारते है। अपने काम के प्रति सदैव positive रहते है, काफी मेहनत करते है, सारा काम समय से पूरा करते है। इसके बावजूद हमे यह पता नही चल पाता है कि हमारी performance कैसी है और boss हमारे काम से किस हद तक संतुष्ट है। कई बार तो यह भी आभास नही हो पाता है कि office में हमारी भूमिका किस स्तर की है। इन सब का असर हमारे प्रदर्शन पर पड़ता है तथा उत्पादन प्रभावित होता है। देखा जाये तो यह सारा खेल ‘feedback’ की कमी का है। बिना feedback के काम शुरू करने का मतलब है बिना किसी map या संकेत चिह्न के यात्रा शुरू करना। आपके पास भले ही काम की अच्छी समझ हो, लेकिन काम को track पर रखने के लिए यह पर्याप्त नही है। यदि कर्मचारियों के पास थोडा सा भी feedback हो तो वे काम को track पर ला सकते है।

FeedBack फैमिन

अक्सर देखा गया है कि पुरे जोश के साथ अपना काम करते है, लेकिन feedback के आभाव में निरंतर एक तरह की गलतिया दोहराते रहते है। boss व् कर्मचारियों के बीच सुझाव और फैसले में समानता न होकर विरोधाभास नजर आता है। इस स्थिति में feedback फैमिन कहा जाता है। यह feedback फैमिन किसी भी company के लिए खतरनाक होता है। कर्मचारियों की कार्यशैली में भी कोई सुधार नही हो पाता, चाहे company किसी भी स्तर की हो।

मिलती है भरपूर ताकत

आपको ऐसे कई लोग मिलेगे, जो success के शिखर पर है। निश्चित तौर पर उन्होंने भी कठिन परिस्थितियों एवं चुनौतियों का सामना किया होगा, दूसरो से अपने कार्यो के बारे में feedback लिया होगा। सही मायने में feedback हमे दिशा दिखाता है कि यदि हम सही रास्ते पर न हो तो खुद को पटरी पर लाये।

सफलता और असफलता का अंतर

feedback एक आसान व् पॉवरफुल management tool है। यह कर्मचारियों की संतुष्टि व् उत्पादन बढ़ाने का काम करता है। इसके जरिये सफलता व् असफलता का अंतर जाना जा सकता है। यदि किसी को समय रहते उसके प्रदर्शन में कमी का पता चल जाए तो सुधार के अवसर व् सम्भावनाये बढ़ जाती है। इसलिए काबिल कर्मचारी अपने वरिष्ठो की बात गहराई से सुनता है।

सुनने को भी तैयार रहे

दूसरो के मुख से अपने प्रदर्शन की निंदा सुनना आसान नही होता, जबकि सच्चाई यह है कि feedback मिले बिना आप अपने बारे में दूसरो की राय नही जान पाते। हमे अपनी सेवा या उत्पाद की गुणवता का अनुमान नही हो पाता। feedback लेने के साथ complain सुनने का धैर्य भी रखे। इसे positive पहल के रूप में ले। हम चाहकर भी feedback की उपेक्षा नही कर सकते। student भी तो entrance exam के रूप में feedback हो पाते है।

कई हो सकते है स्रोत

feedback कई स्रोतों मसलन manager, supervisor, management system, quality control team, मित्र समूह, customer से मिल सकता है। इसमे जरूरी यह नही है कि यह feedback कितना विश्वसनीय है और इस पर काम कर company को किस हद तक तरक्की की राह पर ले जाया जा सकता है।

संदेश positive हो

feedback के बारे में यह आम धारणा है कि यह negative ही होगा, इसलिए इसे positive तरीके से दिया जाना चाहिए, ताकि कर्मचारियों को यह लगे कि यह उनके और company के हित की बात है। कई बार कर्मचारियों की ओर से बेहतर प्रदर्शन नही हो पा रहा है और boss को negative feedback देना है तो फिर उन्हें कहानी बदलनी पड़ेगी। उन्हें कर्मचारियों को हतोत्साहित न करते हुए अपना सन्देश और जरूरत उन तक पहुंचानी होते है। यह काम बहुत ही सावधानीपूर्वक करना का है।

जरुरतो को भी समझे

यदि आप team leader या manager है और आपको कर्मचारियों को feedback देना है तो इसके लिए आपको कई तरह की तैयारी भी करनी पड़ेगी। आपको कर्मचारियों की जरुरतो को भी सुनना पड़ेगा और उन्हें यह भरोसा दिलाना होगा कि आप उनके आइडियाज और जरूरते सुनने के लिए तैयार और इच्छुक है। अपने स्तर की कमिया होने पर कर्मचारियों होने पर कर्मचारियों से तर्क-वितर्क न कर उसे स्वीकार कर लेना सही approach साबित होगा।

Feedback के फायदे

किसी भी workplace पर feedback के ढेरो फायदे है

आपसी समझ: workplace पर feedback मिलने से कर्मचारियों के बीच एक आपसी समझ विकसित होती है कि अच्छी performance के लिए क्या जरूरी है। कर्मचारियों उस हिसाब से अपना काम आगे बढ़ाते है।

विशिष्टता: feedback तब सटीक काम करता है, जब वह किसी खास लक्ष्य से सम्बद्द हो। कर्मचारी फिर उसी के हिसाब से अपने काम में गति अथवा बदलाव लाते है। इससे काम की गति 10 प्रतिशत तक बढ़ सकती है।

समयबद्दता: कर्मचारियों को यदि उनके काम का feedback मिले तो वे पूरी कोशिश करते है कि किस तरह से उनका काम नियत समय तक पूरा हो। यदि काम में कुछ बदलाव भी हो तो उससे काम प्रभावित नही होता।

आत्म सुधार: feedback से सिर्फ कर्मचारी एवं company की performance में ही सुधार नही होता, बल्कि इससे खुद में भी सुधार होता है। आप उसी दिशा में कदम बढ़ाते है, जो company को feedback फैमिन से बाहर निकालती है।

बेहतर तरीका: feedback की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इससे काम करने का बेहतर तरीका मिलता है। कर्मचारी focus होकर काम करते है। बस positive दृष्टिकोण आपको भी अपनाना चाहिए।

समस्या-सुधार: company की मुलभुत समस्याए क्या है तथा इनसे कैसे जल्दी निजात मिल सकती है, यह feedback से पता चल जाता है। इसके बाद सभी लोग मिल-जुल कर नये आइडियाज सामने लाते है और हल निकालने की कोशिश करते है।

Office में कार्य में फर्क डालने वाली 7 प्रमुख बाते

1-  64% कर्मियों को नही लगता कि मौजूदा company में कार्य करने का माहौल बढ़िया है।


2-  66% कर्मचारियों को लगता है कि उनकी company में विकास के अवसर सीमित है।

3-  49% कर्मचारी अपने supervisor से खुश नजर नही आये

4-  4 में से 1 से अधिक कर्मचारी के पास कार्य करने के लिए जरूरी tools नही है।

5-  21% कर्मचारियों को ही सिर्फ लगता है कि company में वे भी important है।

6-  44% कर्मचारियों ने पाया कि उनके समकक्ष साथियों से उन्हें सम्मान मिलता है।

7-  मित्र समूह जैसे बहुत से कारण ऐसे रहे, जिनसे कर्मचारियों ने कुछ अलग कर दिखाया।










Thursday, December 17, 2015

Best Nutritive की सात अच्छी आदते


हम क्या खाते है और कितना पानी पीते है, यह तय करता है कि हम कितने fit और health रहेगे। अच्छी सेहत के लिए खान-पान में पोषण का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। जानते है पोषण से सम्बंधित कुछ बाते-

1 breakfast जरुर करे

खुद को यह बताये कि सुबह का नाश्ता अच्छी सेहत के साथ-साथ body को ऊर्जावान बनाये रखने के लिए जरूरी है। टोंड दूध के साथ ओट्स ले। उच्च फाइबरयुक्त fruit और एक चुटकी दालचीनी खाए। इससे blood शर्करा को control करने में मदद मिलेगी। आप चाहे तो मल्टीग्रेन बेड और कुछ अंडे, हल्के तले हुए मशरूम और हरी पत्तेदार vegetable भी खा सकते है।

2 ज्यादा चाय कॉफ़ी ठीक नही

चाय और कॉफ़ी की मात्रा का ध्यान देना बहुत जरूरी है। green tea भी अधिक न पीये। पांच कप से अधिक green tea लेना body में पानी की कमी पैदा करेगा। अगर आप सिर्फ दूध और चीनी वाली चाय पीते है तो यह तय है कि आप सीमा से अधिक चीनी डाइट में ले रहे है।

 3 खूब खाए हरी पत्तेदार vegetable

यह ध्यान रखे कि daily कितनी मात्रा में हरी पत्तेदार vegetable का सेवन कर रहे है। पालक और मेथी में फोलेट प्रचुरता में होते है। इस vitamin से body में लाल रक्त कोशिकाओं तेजी से बनती है। सबसे अच्छी बात यह है कि इसमे calorie बहुत कम होती है। तीनो समय हरी vegetable को भोजन में शामिल करे।

4 पानी है अनमोल

हर आधे घंटे में पानी पीये। पानी body के पोषक तत्वों को भीतरी अंगो और उतकों तक ले जाता है। यह ध्यान रखे कि जूस और अन्य drinks पानी की बराबरी नही कर सकते।

5 नीद का रखे ध्यान

पोषक तत्व नीद पर भी असर डालते है। सोने से पहले कैफीन, चाकलेट, अधिक चिकनाई वाली चीज न खाए। ये चीजे आंतो को प्रभावित करती है। example के लिए सोने से पहले अधिक तला खाना पित्त बनाता है। और पाचन प्रकिया को धीमा करता है।

6 हर रोज व्यायाम करे

अपने workout में heart के लिए लाभकारी व्यायाम करे। body को मजबूत और लचीला बनाये रखने वाले व्यायामों को शामिल करे।

7 healthy स्नेक्स

हल्के फुल्के नाश्ते के लिए स्वस्थ तरीके आजमाए। इससे भूख control रहती है। सेब,अनार के दाने और बादाम का सलाद खाए। शाम के समय गाजर और खीरे का सलाद खाए।












Sunday, December 13, 2015

Sugar की लत अच्छी नही


white sugar को ‘food-place food’ कहा जाता है। इसमे empty calorie होती है, लेकिन vitamin या minerals नही होते, जिससे सेहत के लिए इसका कोई खास फायदा नही होता। एक अनुमान के अनुसार दुनियाभर के लोग sugar के कारण प्रतिदिन 500 calorie का अधिक सेवन करते है। जो लोग अधिक चीनी खाते है, उनमे ह्रदयरोग होने की आशंका छह गुना बढ़ जाती है। research में sugar के सेवन और cell की उम्र बढने में भी सीधा सम्बन्ध पाया जाता है। अधिक मात्रा में sugar खाने वालो में brain की cell जल्दी बूढी हो जाती है।

मोटापा और डायबीटीज होने पर sugar का अधिक सेवन कई अन्य problem का कारण बन सकता है। specialist के अनुसार कोकीन की तुलना में sugar सात गुना अधिक व्यसनकारी है। जब यह लत लगती है तो sugar और कार्बोहाइड्रेटयुक्त खाघ पदार्थ खाने की तीव्र इच्छा होती है। जितनी अधिक चीनी खाते है, उतनी ही इसे खाने की इच्छा बढ़ जाती है। यदि health है तो नियमित exercise के साथ सामान्य मात्रा में sugar लेना नुकसान नही करता।

क्या है sugar

sugar कार्बोहाइड्रेट है, जो कई तरह की होती है। सामान्य sugar मोनोसैक्कैराइड जैसे glucose, फ्रक्टोज व् गैलेक्टोज है। डाईसैक्कैराइड जैसे सुक्रोज, माल्टोज व् लैक्टोज की सरंचना जटिल है।

Glucose

naturally रूप से पौधों व् फलो में पाया जाता है। हमारे body में glucose change होकर energy में बदल जाता है।

फ्रक्टोज

इसे fruit sugar भी कहा जाता है। यह naturally रूप से fruit में पाया जाता है। गन्ने और शहद में भी होता है।

सुक्रोज

यह गन्ने के तने और चुकन्दर की जड़ो में पाया जाता है। कुछ fruit और पौधों में यह glucose के साथ होता है।

लैक्टोज

इसे milk sugar भी कहते है। यह milk और milk उत्पादों में पाया जाता है।

क्यों हानिकारक है White Sugar

white sugar को refine sugar भी कहते है। sugar refine करने के लिए सल्फर डाईऑक्साइड, फास्फोरिक एसिड, कैल्शियम हाईडॉक्साइड और एक्टिवेटिड कार्बन का उपयोग किया जाता है। refining के बाद इसमे मौजूद vitamin, mineral, protein व् एंजाइम नष्ट हो जाते है, केवल सुक्रोज बचता है। अधिक सुक्रोज body को नुकसान पहुचाता है।

·         sugar की अधिकता के कारण metabolism से जुड़े रोग जैसे high colestral, इंसुलिन रेजिस्टेंस और high blood pressure होते है।

·         sugar की अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट व् body के हिस्से पर बसा collect हो जाती है, जिससे मोटापा, दांतों के सड़ने, डायबीटीज और इम्यून system कमजोर होने जैसी problem होती है।

·         sugar का अधिक सेवन अधिक calcium सोखता है, जिससे बालों, bones, खून व् दांतों पर असर पड़ता है।

·         अधिक sugar पाचन तंत्र को भी प्रभावित करती है।

·         sugar के अधिक सेवन से body में vitamin-b की कमी हो जाती है। तंत्रिका तंत्र पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

·         sugar की अधिक मात्रा इन्सुलिन के level को बढ़ा देती है, जिससे कैंसरग्रस्त ट्यूमर के विकास की आशंका बढती है।

·         refine sugar से brain में रासायनिक क्रिया होती है, जिससे ‘सेरेटोनिन’ हार्मोन का स्राव होता है, जो कुछ देर तो अच्छा महसूस कराता है, पर जल्द ही व्यक्ति को थकान, चिडचिडेपन और अवसाद का अहसास होने लगता है।

Sugar की कितनी मात्रा

हालाकि sugar की मात्रा का कितना सेवन आदर्श है, यह नही कहा जा सकता, लेकिन जिन्हें मोटापे की problem है, उन्हें सामान्य से कम सेवन करना चाहिए। American heart association(AHA) के अनुसार, जिन्हें डायबीटीज नही है, वह अधिकतम इतनी sugar ले सकते है-

Men: 150 calorie प्रतिदिन(37.5 ग्राम या 9  चम्मच)

Women: 100 calorie प्रतिदिन (25 ग्राम या 6 चम्मच)

कैसे करे भोजन में sugar की मात्रा

·         cold व् soft drinks का सेवन न करे। इनमे पोषकता कम और sugar व् calorie अधिक होती है। water पीये।

·         डिब्बाबंद fruit juice में भी sugar की मात्रा अधिक होती है। fiber बिलकुल नही होता। ताजे fruit खाए।

·         मिठाई और चाकलेट का सेवन कम करे। बेकरी उत्पादों जैसे केक,कुकीज का सेवन न करे। इनमे sugar और refined कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है।

·         सोडा या juice के स्थान पर पानी पीये।

·         कॉफी या चाय में sugar न ले या कम मात्रा में ले।

·         7-8 घंटे की नीद ले। जितने अधिक थके हुए होगे, उतना ही sugar अधिक खाने की इच्छा होगी।

·         शुरुआत में sugar कम करने पर कुछ दिन सिरदर्द, थकान और आलस का अनुभव होता है, लेकिन एक सप्ताह बाद आदत छूट जाती है। चीनी का सेवन धीरे-धीरे कम करे।

चीनी के विकल्प

आप जितनी कम चीनी खायेगे, उतने ही स्वस्थ रहेगे। मधुमेह पीडितो को चीनी का कम सेवन करना चाहिए। प्राकृतिक मिठास जैसे फल, अंजीर का सेवन करे। स्वस्थ लोग sugar की बजाय गुड, शहद, खजूर व् फलो का सेवन करे। इससे sugar की तुलना में खून में sugar का स्तर कम तेजी से बढ़ता है। शहद चीनी का बेहतर व् पोषक विकल्प है।

sugar के कृत्रिम विकल्पों में स्टेविया, एस्पारटेम और सुक्रोलोज प्रमुख है। स्टेविया सामान्य चीनी से 300 गुना अधिक मीठी है, पर इसके सेवन से खून में शर्करा का स्तर अधिक नही बढ़ता। सुक्रोलोज चीनी से 600 गुना अधिक मीठा होता है। यह फ्रोजन दही और च्युइंगम में डाला जाता है। यह सभी स्वीटनर कृत्रिम रूप से तैयार किये जाते है, इसलिए इनके नुकसान भी है।




Tuesday, December 8, 2015

Best है आप


मेरे एक मित्र ने अपनी बीबी की आलमारी खोली और एक सुनहरे रंग का packet निकाला। उसने कहा कि ‘ये कोई simple packet नही है...!’ उसने packet खोला और उसमे रखी बेहद खुबसुरत silk की साड़ी और उसके साथ की ज्वेलरी को एकटक देखने लगा।

उसने कहा, ‘ये हमने लिया था 8-9 साल पहले। हम पहली बार न्यूयार्क गये थे। उसने ये साड़ी कभी पहनी नही, क्योकि वह इसे खास मौके पर पहनना चाहती थी।‘ उसने उस packet को भी दूसरे और कपड़ो के साथ अपनी wife की अर्थी के पास रख दिया। उसकी wife की मृत्यु अभी अचानक ही हुई थी।

उसने रोते हुए मेरी ओर देखा ओर कहा,’ किसी भी खास मौके के लिए कभी कुछ बचाकर मत रखना, जिन्दगी का हर दिन खास होता है, कल का कुछ भरोसा नही है।‘

मुझे लगता है कि उसकी इन बातो ने मेरी जिन्दगी बदल दी। अब मै किसी बात की ज्यादा  चिंता नही करता। अपने परिवार के साथ अधिक समय बिताता हूँ। काम का तनाव भी कम लेता हूँ। मुझे समझ आ चुका है कि जिन्दगी जिन्दादिली से जीने का नाम है, डर-डर के, रुक-रुक के, बहुत ज्यादा विचार करके चलने में समय आगे समय निकल जाता है और हम बिछड़ जाते है।

अब मै कुछ भी बहुत संभाल-संभाल कर नही रखता। हर एक चीज का बिंदास और भरपूर उपयोग जी भरके करता हूँ। अब मै घर के शोकेस में रखी महँगी क्राकरी का हर दिन उपयोग करता हूँ। 

अगर मुझे पास के market में या नजदीकी मॉल में नये कपड़े पहनकर जाने का मन है तो मै जाता हूँ। अपने कीमती perfume की विशेष मौको के लिए बचाकर नही रखता। मै उन्हें जब मर्जी आये, तब उपयोग करता हूँ।

एक दिन, किसी दिन, कोई खास मौका, जैसे शब्द मेरी dictionary से गायब होते जा रहे है...! अगर कुछ देखने, सुनने या करने लायक है, तो मुझे उसे अभी देखना, सुनना या करना है।

मुझे नही पता कि मेरे दोस्त की wife क्या करती, अगर उन्हें पता होता कि वह अगली सुबह नही देख पाएगी।

शायद वह अपने करीबियों को बुलाती, शायद वह पुराने रूठे हुए दोस्तों से दोस्ती की बाते करती।
अगर मुझे पता चले कि मेरा अंतिम समय आ गया है तो क्या मै इन बातो के लिए अफ़सोस करुगा। नही.. इन इच्छाओ को तो मै आज भी बड़े आराम से पूरा कर सकता हूँ। अब करने लगा हूँ, क्योकि हर दिन, हर घंटा, हर minute, हर पल विशेष है, खास है...बहुत खास है।







Monday, December 7, 2015

Life में घोले रिश्तो की मिठास


बाहर वालो के साथ खूब हंसते बोलते है, पर अपने चंद खास relation को संभालने में कंजूस हो जाते है। दो-चार रिश्ते भी ऐसे नही, जो पूरी तरह अपने लगते हो। यही शिकायत कि लोग हमे प्यार नही करते। दूसरो से प्यार पाना मजबूती देता है, तो दूसरो को प्यार कर पाना साहस। motivation गुरु लोरी दशेन से जानते है बेहतर रिश्तो के कुछ मन्त्र

खुद से बनाये बेहतर रिश्ता

1-  सबमे कुछ अच्छी और बुरी बाते होती है। आपमें भी जरुर होगी। अपनी अच्छी बाते note करे। आप पायेगे कि आपके गुणों का पलड़ा दोषों से भारी है।

2-  खुद को माफ़ करना सीखे। यह काम आपके लिए कोई और नही कर सकता। दुसरे की माफ़ी तब तक सुकून नही दे सकती, जब तक आप खुद को माफ़ करना नही सीखते। जो बीत गया, वह बीत गया, उसे पीछे ही रखे।

3-  स्वयं से अच्छा बर्ताव करे। ध्यान करे, अच्छे लोगो से बाते करे, उनके साथ पैदल चले।

अनुकूलता पर ध्यान दे

1-  अगर अकेला महसूस करते है, तो सार्वजनिक रूप से अपने पंसदीदा कार्य करना शुरू करे। धीरे-धीरे आपको अपने जैसे लोग मिल जायेगे।

2-  अगर आपके दोस्त है, तो उनके साथ ऐसी बाते share करे, जो दोनों पक्षों को पसंद  हो। संगीत पसंद है तो उनके साथ अच्छा संगीत share करे। book पसंद है तो उनसे किताबो पर बाते करे। किताब भेट करे। यह एक-दुसरे से जुड़ने का अच्छा तरीका है।

3-  अगर किसी से बात करने में ख़ुशी नही मिलती, तो खुद से पूछे कि क्या सुधार की कोई गुंजाइश है? किसी गलत रिश्ते को छोड़ना आसान नही होता, पर सही रिश्तो तक पहुचने के लिए यह करना जरूरी है। हम दूसरो लोगो को बदल नही सकते, पर उनके साथ अपने संबंधो को जरुर बदल सकते है।

4-  किसी से मिलने पर उनकी अच्छी व् रोचक बाते note करे। उनकी इस बारे में बताये। खुलकर हँसे।

स्वीकारना सीखे

1-  अगर लगता है कि हर person गलत कर रहा है, तो खुद से पूछे कि क्या बात है, जो आपको उदास कर रही है। कई बार problem का समाधान खुद के दोष देखकर ही मिलता है।

2-  अगर किसी को बदलना चाहते है तो खुद से पूछे कि आप खुद में आप खुद में क्या बदल सकते है। लगता है कि कोई आपकी तारीफ़ नही करता, तो आप दूसरो की तारीफ़ करे।

3-  दूसरो को सुने, केवल अपने बोलने क प्रतीक्षा न करे।

व्याहारिक अपेक्षाए रखे

1-  अपने विचारो को चुनौती देना सीखे। खासकर उन विचारो को, जो आपकी अपेक्षाओ को शांत नही होने देते। हर समय क्या होना चाहिए को याद रखना जरूरी नही। जो है उसका भी आनन्द ले।

2-  अपने बीते समय के डर व् आशंकाओ को किसी के साथ share करे। उससे आगे निकलने का प्रयास करे।

3-  ध्यान दे कि कही ऐसा तो नही, जो काम आपको खुद के लिए करने चाहिए, उसकी अपेक्षा आप दूसरो से करते है। जैसे कि दुसरे आपकी जरूरत का ध्यान रखे, आपको प्यार करे आदि। ऐसा है तो इन अपेक्षाओ को मन से हटाए और खुद से प्यार करे।

4-  अगर लगता है कि जीवन में खुश नही है, तो इसका दोष संबंधो को न दे। ऐसा काम करे, जो यह अहसास कराए कि इस दुनिया में आपकी भी जगह है।