Wednesday, August 26, 2015

How to get Pregnant (कैसे करे गर्भधारण)









India की population world की दूसरी सबसे बड़ी population है, फिर भी यहा पर कम ही लोग जानते है कि गर्भधारण करने का उचित समय क्या है, खासकर ग्रामीण इलाकों के रहने वाले लोग क्योकि उनकी अशिक्षिता और न जानने की इच्छा और हमारे समाज में sex ओर उससे सम्बंधित बातो को लेकर बोलना अच्छी बात नही मानी जाती है। इसलिए सही जानकारी न मिल पाने की वजह से हम लोगो को बहुत सी परेशानिया उठानी पड़ जाती है।

आज में shubhgyandarshan.com पर “how to get pregnant” हिंदी में share कर रहा हो। ताकि लोगो को search करने में सुविधा हो।

friends, यहा पर मेने जानकारी विभिन्न websites से collect की है जहा expert doctor ने pregnancy से सम्बंधित बाते बताई है, ये आपके लिए काफी मददगार हो सकता है। और अपने doctor से समय समय पर राय लेते रहना चाहिए

मां बनने के लिए महिलाएं कई प्रकार के प्रयोग करती हैं, कुछ तो आसानी से मां बन जाती हैं लेकिन कुछ के लिए मां बनना एक सपना हो जाता है। गर्भधारण करने में अगर दिक्‍कत हो रही है तो पति-पत्‍नी दोनों को test कराना चाहिए। नियमित checkup भी करवायें और संयम रखें।


कुछ महिलाओं को मां बनने में दिक्‍कत नहीं आती, जबकि कुछ को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है

अगर आपको भी गर्भवती होने में किसी प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो आप इन tips पर ध्यान दे सकती हैं। गर्भधारण के टिप्‍स (how  to get pregnant) के माध्यम से आप इसे विषय से संबंधित सामान्य बातों को समझ सकती हैं

गर्भधारण के लिए चिकित्सकीय जांच

 

आज लोग ज्यादा उम्र में विवाह‍ कर रहे हैं और कई बार carrier के लिए महिलाएं जल्‍दी मां नहीं बनना चाहतीं। ऐसे में अगर आप अभी मातृत्‍व सुख प्राप्‍त करना नहीं भी करना चाहती हैं, तो भी चिकित्सकीय जांच करा लें। अगर आपको sex संबंधी किसी प्रकार की बीमारी है, तो भी आपको इसका पता चल जायेगा। चिकित्सकीय जांच से आप आने वाले दिनों में होने वाली किसी sex problem से बच सकेंगी। हो सकता है आप आज से तीन या चार साल बाद मां बनना चाहें। आप चिकित्सक से गर्भधारण के अन्‍य पहलुओं पर भी बातचीत कर सकती हैं।

Ovulation Period में Sex करें

हर महिला का ovulation period उसके period-cycle (मासिक-धर्म) के अनुसार हो सकता है। लेकिन सामान्यत: period-cycle (मासिक-धर्म) के 16वें और 12वें दिनों का समय ovulation period हो सकता है । इस समय sex करने से गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है।  Ovulation एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे महिलाओं के Ovary (अंडाशय ) से egg(अंडे) निकलते हैं। जैसे अगर आपके period-cycle (मासिक-धर्म)  की शुरुआत 30 तारीख को होनी है तो 14 से 18 तारिख का समय ovulation का समय होगा।


बच्चा पैदा करने के लिए महिलाओं में सेक्स के दौरान orgasm  होना अनिवार्य नहीं है Doctors  का कहना है कि दरअसल fallopian tube  जो कि अंडे को ovary से  uterus तक ले जाता है , sperm  को अपने अन्दर खींच ले जाता है और उसे egg  से मिलाने की कोशिश करता है और इसके लिए महिलाओं में orgasm  का आना जरूरी नहीं


Gynecologists का मानना है कि बच्चा पैदा करने के लिए स्त्री के eggs  ovary  से निकलने के  24  घंटे के अन्दर ही fertilize  होने चाहियें आदमी के  sperms  औरत के reproductive tract  (प्रजनन पथ)  में 48 से  72  घंटे तक ही जीवित रह सकते हैं. चूँकि बच्चा पैदा करने के लिए आवश्यक embryo (भ्रूण ) egg  और  sperm  के मिलन से ही बनता है , इसलिए couples  को ovulation  के दौरान कम से कम 72  घंटे में एक  बार ज़रूर sex  करना चाहिए और इस दौरान पुरुष को स्त्री के ऊपर होना चाहिए ताकि sperms के leakage की सम्भावना कम हो साथ ही पुरुषों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो  48  घंटे में   एक बार से ज्यादा ना ejaculate  करें  वरना उनका sperm count  काफी नीचे जा सकता है,जो हो सकता है कि egg जो fertilize करने में पर्याप्त ना हो


Healthy जीवनशैली अपनाएं 


स्वस्थ्य-जीवनशैली का पालन करें। खानेपीने में पर्याप्त भोजन और फल की मात्रा रखें। vitamin की सही मात्रा लें क्‍योंकि इससे पुरुष-स्त्री दोनों की प्रजनन दर बढती है।  रोजाना व्यायाम करने से भी फायदा होता है।

Tension Free रहने का प्रयास करें


ज्‍यादातर समय tension में रहना भी गर्भधारण ना कर पाने का कारण हो सकता है। tension से कामेक्षा कम हो सकती है, और बहुत ज्‍यादा tension महिलाओं की मासिक धर्म की प्रक्रिया को भी रोक सकता है। एक शांत मन आपके body पर अच्छा प्रभाव डालता है और आपकी गर्भधारण की सम्भावना को बढ़ता है। इसलिए जितना हो सके tension free होने का प्रयास करें।

Sex के बाद थोड़ी देर आराम करें


sex के बाद कुछ देर आप उसी अवस्था में लेटे रहे यानि खड़े न हो एवं अपनी vagina को साफ न करें ताकि आपके पति के शुक्राणु सही जगह पहुंच सकें। इसलिए sex के बाद 15-20 minute लेटे रहना ठीक रहता है।


Testicles(अंडकोष) को ज्यादा Heat से बचाएं


यदि sperm ज्यादा temperature तापमान में आ जायें तो वो मृत हो सकते हैं। इसीलिए बहुत ज्यादा गरम पानी से इस अंग को ना धोएं। वैसे आम तौर पर इतनी अधिक सावधानी लेने की ज़रुरत नहीं है पर जो लोग आग की भट्टी या किसी गरम स्थान पर देर तक काम करते हैं उन्हें सावधान रहने की ज़रुरत है।

किसी तरह का नशा ना करे


sex के दौरान किसी भी प्रकार का नशा ना करें। साथ ही महिलाओं का अत्यधिक धू्म्रपान करना, मादक पदार्थों का सेवन हार्मोन का संतुलन बिगड़ सकता है, और गर्भधारण में बाधक बन सकता है।

Lubricants का प्रयोग न करें


योनि को lubricant में प्रयोग होने वाले कुछ ज़ेल्स, तरल पदार्थ, इत्यादि का प्रयोग doctor से बिना पूछे ना करें। वैसे किसी कृत्रिम lubricant  का प्रयोग करने की आवश्यकता ही नहीं है, क्योंकि orgasm के दौरान body खुद ही पर्याप्त मात्रा में तरल द्रव उपज करता है जो sperm और ova दोनों के लिए healthy होता है।

Medicine का प्रयोग कम से कम करें 

 

कई medicine आपकी गर्भधारण की क्षमता पर बुरा प्रभाव डाल सकती हैं। इसलिए medicine का उपयोग कम से कम करें। बेहतर होगा कि आप किसी भी दावा को लेने या छोड़ने से पहले doctor से सलाह ले लें। खुद अपना इलाज करना घातक हो सकता है।



Saturday, August 22, 2015

Information Interview




अगर आप किसी मुलाक़ात में अपना प्रभाव छोड़ पाते है तो काफी सम्भावना है कि आपको अपने ही आप ही आगे बढने के लिए कोई contact मिल जाये, लेकिन अगर ऐसा न हो तो आपका क्या कदम उठाने चाहिए और इस सम्बन्ध में अन्य से किस person से मिला जाये,

‘what color is your parachute’ के writer nelson bols के मुताबिक़ information interview का मकसद होता है पेशो को जांच- परख कर देखना कि आप उसमे fit होते है या नही

information interview ऐसे person के साथ one to one संवाद है, जो किसी ऐसे area से जुड़ा है, जिसमे आप रूचि रखते है या जिसमे आपको अपने future से जुडी सम्भावनाये नजर आती है। इसके जरिये आप किसी भी पेशे के बारे में बाते जान सकते है, जो शायद ही आपको किसी study या अन्य स्त्रोत से मिल सके। इसका फायदा यह होता है कि आप industry के नफा नुकसान को पहले ही भली- भाति समझ जाते है। साथ ही जान पाते है कि किन skill को बढ़ाना अभी बाकि है।

मकसद

इसका मकसद job interview से बिलकुल अलग है। information interview को आप ‘fact finding mission’ यानि तथ्यों की जानकारी जुटाना भी कह सकते है। इन मुलाकातों में भले ही वर्तमान में आपको कोई लाभ न मिले, लेकिन इनके जरिये future में मिलने वाले असीम लाभ की सम्भावना से इंकार नही किया जा सकता।

सामान्य औपचारिकता

भले ही यह मुलाकात किसी interview जैसी नही होती, लेकिन सामान्य औपचारिकता और शिष्टाचार के जरूरी कायदों को निभाना न भूले। interview की शुरुआत में आपके लिए अपना important time देने वाले person का अभिवादन और अंत में आभार प्रकट करना आपके पेशेवर रवैये को प्रकट करता है।

Target Industry

आप किस पद, company या industry के बारे में जानकारी लेना चाहते है, यह इस बात पर depend करता है कि आपकी अपने future को लेकर क्या योजनाये है और आप किस क्षेत्र में रूचि रखते है । अपने क्षेत्र के लोगो से संपर्क करे। अपने friends, senior students या professional college के हवाले से अपनी target industry में मौजूद लोगो से मिलने की कोशिश करे। अपने रूचि के क्षेत्र से जुड़े लोगो से मिलने के लिए LinkedIn जैसी professional networking site की भी मदद ले।

फायदे अनेक

carrier counselor बताते है कि information interview आपको वास्तविक first hand input देने में मदद करता है। यह आपको मौका देता है कि आप expert के बीच जाकर उनके experience को समझे। इसके अलावा वे किसी field में पैर जमाने के लिए carrier की सही रूप-रेखा तैयार करने में भी आपकी मदद कर सकते है। अगर आप वर्तमान में job नही चाहते तो ऐसी स्थिति में यह अनौपचारिक मेलजोल professional नेटवर्क बढ़ाने में मददगार होगा। साथ ही आप industry की वर्तमान जरुरतो से भी रूबरू होगे। अगर आप carrier change के बारे में सोच रहे है तो इसके जरिये आपको नई industry या अन्य जुड़े हुए क्षेत्रो के बारे में जानने में मदद मिलेगी। इस अनौपचारिक interview के जरिये आप अपने वास्तविक job interview के लिए भी पूरी तरह तैयार हो जाते है। industry के बारे में मिली विस्तृत जानकारी की मदद से आप अपने भावी नियोक्ता पर भी पूरा प्रभाव जमा सकते है। जाहिर कर सकते है कि आप अपने professional गोल को लेकर कितने सजग है और पूरी research के बाद ही कदम आगे बढ़ा रहे है। 

करे Research

‘When can you Start? how too is the interview and win the job’ के writer Paul Freebargar के शब्दों में,’ information interview में आपका उद्देश्य अपने पसंदीदा क्षेत्र के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाना होता है, इसलिए इसके बारे में आप पहले से ही जितना अधिक जानते होगे,उतना बेहतर है। industry के बारे में, उसमे हो रहे नवीनतम बदलावों के बारे में और मिलने वाले व्यक्ति के बारे में research करना न भूले। company, उससे जुड़े उत्पादों, सेवाओ, industry से जुडी चुनौतियों जैसे विषय पर कुशलता से बात करने के लिए तैयारी करे। इसी आधार पर आप कुछ सवाल तैयार कर सकते है, जो इस अनौपचारिक meeting में आप पूछ सकते है।
 
कैसे हो सवाल

पूर्ण जानकारी का लाभ उठाने के लिए जरूरी है कि आपका interview अच्छे वार्तालाप के रूप में गर्मजोशी भरा हो। ऐसे सवाल जिनका उत्तर केवल ‘हाँ’ या ‘ना’ हो बात को dead and पर ले जाते है। counselor सलाह देते है कि बेहद मूल सवाल पूछने से बचे। यह field अच्छी है या बुरी? या आप इस रोल के लिए fit है या नही? जैसे सवाल कतई n पूछे। ऐसे सवाल पूछे, जो स्वस्थ और रुचिकर discussion की संभावना को बढाये और सामने वाले को पता चल सके कि आप वाकई carrier के बारे में जानने के लिए उत्सुक है। आप कुछ ऐसे सवाल पूछ सकते है-आप इस industry का क्या future देखते है?आपके अनुसार इस क्षेत्र में काम करने के लिए मूल आवश्यकताए क्या है? आपने इस industry में कैसे शुरुआत की? अब तक के carrier के दौरान आपने इस industry में क्या बदलाव महसूस किये? अपनी संभावनाओ को कैसे बेहतर बना सकते है? ऐसे सवाल ही आपकी मुलाकात को दिलचस्प और जानकारीपरक बना सकती है।

# 69% job मिलने में information interview मददगार साबित हुआ। ऐसा research से पता चलता है।

# 24.5 external higher referral के माध्यम से मिलती है job

# 70% job networking के माध्यम से मिलती है, जिसमे ऐसी मुलाकाते भी शामिल है।

# 33% managers ने survey में माना कि उन्होंने hire करने का फैसला 90 seconds में लिया।  

Wednesday, August 19, 2015

विवेकानंद जी (Vivekananda Ji) के जीवन का संवाद




मुंशी फैज अली ने स्वामी विवेकानंद से पूछा:” स्वामी जी हमे बताया गया है कि अल्लाह एक ही है।यदि वह एक ही है, तो फिर संसार उसी ने बनाया होगा?”

स्वामी जी बोले, “सत्य है।“

मुंशी जी बोले, “तो फिर इतने प्रकार के मनुष्य क्यों बनाये? जैसे कि हिन्दू, मुस्लमान, सिख्ख,ईसाई और सभी को अलग-अलग धार्मिक ग्रन्थ भी दिए। एक ही जैसे इंसान बनाने में उसे यानि की अल्लाह को क्या ऐतराज था। सब एक होते तो न कोई लड़ाई और न कोई झगडा होता।“

स्वामी जी हसते हुए बोले, “मुंशी जी वो सृष्टि कैसी होती जिसमे एक ही प्रकार के फूल होते। केवल गुलाब होता, कमल या रंजनिगंधा या गेंदा जैसे फूल न होते।“

फैज अली ने कहा सच कहा आपने यदि एक ही दाल होती तो खाने का स्वाद भी एक ही होता। दुनिया तो बड़ी फीकी सी हो जाती।

स्वामी जी ने कहा, मुंशीजी इसलिए तो उपर वाले ने अनेक प्रकार के जीव-जंतु और इंसान बनाये ताकि हम पिंजरे का भेद भूलकर जीव की एकता को पहचाने।

मुंशी जी ने पूछा, इतने मजहब क्यों?

स्वामी जी ने कहा, “मजहब तो मनुष्य ने बनाये है, प्रभु ने तो केवल धर्म बनाया है।“
मुंशी जी ने कहा कि, “ऐसा क्यों है कि एक मजहब में कहा गया है कि गाय और सुअर खाओ और दुसरे में कहा गया है कि गाय मत खाओ,सुअर खाओ और तीसरे में कहा गया कि गाय खाओ सुअर न खाओ;

इतना ही नही कुछ लोग तो ये भी कहते है कि मना करने पर जो इसे खाए उसे अपना दुश्मन समझो।“

स्वामी जी जोर से हँसते हुए मुंशी जी पूछे कि “क्या ये सब प्रभु ने कहा है?”
मुंशी जी बोले नही,”मजहबी लोग यही कहते है।“

स्वामी जी बोले,”मित्र; किसी भी देश या प्रदेश का भोजन वहाँ की जलवायु की देन है। सागरतट पर बसने वाला व्यक्ति वहाँ खेती नही कर सकता, वह सागर से पकड़ कर मछलिया ही खायेगा। उपजाऊ भूमि के प्रदेश में खेती हो सकती है। वहाँ अन्न फल एवं शाक-भाजी उगाई जा सकती है। उन्हें अपनी खेती के लिए गाय और बैल बहुत उपयोगी लगे। उन्होंने गाय को अपनी माता माना, धरती को अपनी माता माना और नदी को माता माना। क्योकि ये सब उनका पालन पोषण माता के समान ही करती है।“

“अब जहा मरुभूमि है वहाँ खेती कैसे होगी? खेती नही होगी तो वे गाय और बैल का क्या करेगे? अन्न है नही तो खाघ के रूप में पशु को ही खायेगे। तिब्बत में कोई शाकाहारी कैसे हो सकता है? वही स्थिति अरब देशो में है। जापान में भी इतनी भूमि नही है कि कृषि पर निर्भर रह सके।“
स्वामी जी फैज अली की तरफ मुखातिब होते हुए बोले,”हिन्दू कहते है कि मंदिर में जाने से पहले या पूजा करने से पहले स्नान करो। मुसलमान नमाज पढने से पहले वाजू करते है। क्या अल्लाह ने कहा कि नहाओ मत, केवल लोटे भर पानी से हांथ-मुँह धो लो?”

फैज अली बोला, “क्या पता कहा ही होगा;

स्वामी जी ने कहा,नही, अल्लाह ने नही कहा; अरब देश में इतना पानी कहा है कि वहाँ पांच समय नहाया जाये। जहाँ पीने के लिए पानी बड़ी मुश्किल से मिलता हो वहाँ कोई पाँच समय कैसे नहा सकता है। यह तो भारत में ही संभव है, जहाँ नदियाँ बहती है, झरने बहते है,कुए जल देते है।
तिब्बत में यदि पानी हो तो वहाँ पांच बार व्यक्ति यदि नहाता है तो ठंड के कारण ही मर जायेगा। यह सब प्रकृति ने सबको समझाने के लिए किया है।“

स्वामी विवेकानंद जी ने आगे समझाते हुए कहा कि,”मनुष्य कि मृत्यु होती है। उसके शव का अंतिम संस्कार करना होता है। अरब देशो में वृक्ष नही होते थे, केवल रेत थी। अत: वहाँ मृतिका समाधि का प्रचलन हुआ, जिसे आप दफनाया कहते है।भारत में वृक्ष बड़ी सख्या में थे, लकड़ी पर्याप्त उपलब्ध थी अत: भारत में अग्नि संस्कार का प्रचलन हुआ। जिस देश में जो सुविधा थी वहाँ उसी का प्रचलन बढ़ा। वहाँ जो मजहब पनपा उसने उसे अपने दर्शन से जोड़ लिया।“

फैज अली विस्मित होते हुए बोला,”स्वामी जी इसका मतलब है कि हमे शव का अंतिम संस्कार प्रदेश और देश के अनुसार करना चाहिए। मजहब के अनुसार नही।“

स्वामी जी बोले,”हाँ; यही उचित है। किन्तु अब लोगो ने उसके साथ धर्म को जोड़ दिया। मुसलमान ये मानता है कि उसका ये शरीर कयामत के दिन उठेगा इसलिए वह शरीर जलाकर समाप्त नही करना चाहता। हिन्दू मानता है कि उसकी आत्मा फिर से नया शरीर धारण करेगी इसलिए उसे मृत शरीर से एक क्षण भी मोह नही होता।“

फैज अली ने पूछा कि,”एक मुसलमान के शव को जलाया जाये और एक हिन्दू के शव को दफनाया जाये तो क्या प्रभु नाराज नही होगे?”

स्वामी जी ने कहा,”प्रकृति के नियम ही प्रभु का आदेश है।वैसे प्रभु कभी रुष्ट नही होते वे प्रेमसागर है, करूणा सागर है।“

फैज अली ने पूछा तो हमे उनसे डरना नही चाहिए?

स्वामी जी बोले,”नही; हमे तो ईश्वर से प्रेम करना चाहिए वो तो पिता समान है,दया का सागर है फिर उनसे भय कैसा। डरते तो उनसे है हम जिससे हम प्यार नही करते।“

फैज अली ने हाँथ जोडकर स्वामी विवेकानंद जी से पूछा,”तो फिर मजहबो के कठघरो से मुक्त कैसे हुआ जा सकता है?”

स्वामी जी ने फैज अली कि तरफ देखते हुए मुस्कराकर कहा,”क्या तुम सचमुच कठघरो से मुक्त होना चाहते हो?”

फैज अली ने स्वीकार करने की स्थिति में अपना सर हिला दिया।

स्वामी जी ने आगे समझाते हुए कहा,”फल की दूकान पर जाओ,तुम देखोगे वहाँ आम,नारियल,केले,संतरे,अंगूर आदि अनेक फल बिकते है। किन्तु वो दुकान तो फल की दुकान ही कहलाती है। वहाँ अलग-अलग नाम से फल ही रखे होते है।“ 

फैज अली ने स्वीकार करने की स्थिति में अपना सर हिला दिया। 

स्वामी जी ने आगे समझाते हुए कहा,” अंश से अंशी की ओर चलो। तुम पाओगे कि सब उसी प्रभु के रूप है।“

फैज अली अविरल आचर्श्य से स्वामी विवेकानंद जी को देखते रहे और बोले,”स्वामी जी मनुष्य ये सब क्यों नही समझता?”

स्वामी विवेकानंद जी ने शांत स्वर में कहा,”मित्र; प्रभु की माया को कोई नही समझता। मेरा मानना तो यही है कि, सभी धर्मो को गंतव्य स्थान एक है। जिस प्रकार विभिन्न मार्गो से बहती हुई नदियाँ समुंद में जाकर गिरती है, उसी प्रकार सब मतमतांतर परमात्मा की ओर ले जाते है। मानव धर्म एक है, मानव जाति एक है।“



“इस article को हमको विचार और मनन करना चाहिए कि वास्तव में धर्म का रूप क्या है। क्या वो है जो पंडितो और मौलवियों ने अपने फायदे के लिए धर्म का एक सांप्रदायिक रूप दे दिया है, या वो है जो ईश्वर ने प्रकृति के माध्यम से हम सब मानव जाति के बनाया है। जो हममे एकता का बल देता है और एक दुसरे को प्रेम करना सिखाता है। इस पर हर मानव जाति को मनन करना चाहिए, चाहे हो किसी धर्म या जाति का हो। प्रकृति हमे एक ही चीज सिखाती है वो है ‘वसुधैव कुटुम्बकम॒’ “
                     Amit Gupta