Monday, June 27, 2016

Company Fixes Deposit में Bank से ज्यादा ब्याज

fd

company की FD पर bank की FD के मुकाबले एक से 1.5% तक ज्यादा ब्याज मिलता है। लेकिन company FD पर निवेशको को आने वाले दिनों में और अधिक ब्याज मिल सकता है। corporate मंत्रालय ने customer को और ज्यादा लाभ दिलाने और company के लिए पूंजी जुटाने का रास्ता आसान बनाने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। इसके लिए मंत्रालय ने company कानून-2013 में संशोधन के जरिये कई अहम बदलाव की सिफारिश की है। हालांकि, company की FD पर ऊँचे ब्याज के साथ ही जोखिम भी अधिक होता है।

क्या है Company FD

सरकारी और निजी company कई बार bank से कर्ज लेने के बजाय पूंजी जुटाने के लिए ऋण पत्र जारी करती है जिसे company FD कहा जाता है। यह कुछ महीने से लेकर पांच साल तक के लिए होता है। यह bank की FD की तरह होता है। हालाकिं निवेशको को लुभाने के लिए company bank से ज्यादा ब्याज की पेशकश करती है।

कितना मिलेगा ब्याज

मौजूद समय में SBI की एक साल तक की FD पर 7.25% जबकि एक साल से अधिक और दो साल से कम की FD पर 7.50 ब्याज मिल रहा है। वही company की FD पर इसी अवधि के लिए 8.85% तक ब्याज मिल रहा है। corporate मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक अगर company कानून में संशोधन सम्बन्धी सिफारिशों को संसद से मंजूरी मिल गई तो ब्याज दर में एक से दो percentage और इजाफा हो सकता है। इस तरह company की FD पर ब्याज दर बढ़कर 10 से 11 percentage तक पहुंच सकती है।

छोटी अवधि में अधिक फायदेमंद

किसी company का record अच्छा रहा है और उसकी मौजूदा वित्तीय स्थिति बेहतर है तो उसके एक या दो साल में डूबने का खतरा कम रहता है। वित्तीय सलाहकारों का कहना कि लम्बी अवधि में किसी company की एक साल की FD में निवेश करना फायदेमंद हो सकता है। इससे ऊँचे ब्याज का फायदा मिलता है और पूंजी पर जोखिम भी कम रहता है। company FD पर भी सालाना 10 हजार रूपये से अधिक ब्याज मिलने पर स्रोत पर कर कटौती(TDS) लगता है। इसकी दर आयकर श्रेणी के मुताबिक होती है। ऐसे में company FD उन निवेशको के लिए ज्यादा फायदेमंद है जो 10% tax श्रेणी में आते है।

नये नियम से Company की लागत घटेगी

company कानून में संशोधन सम्बन्धी सिफारशों के लागू होने पर company के लिए market से पूंजी जुटाने की लागत भी कम हो जाएगी। साथ ही उनके लिए पूंजी जुटाने की लागत भी कम होने का सीधा फायदा उपभोक्ता को बढ़ी हुई ब्याज दर का तौर पर मिलेगा। मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक company कानून में बदलाव की सिफारिश क़ानूनी समिति के सुझावों पर बनी सहमति के बाद की गई है। संशोधन में company को जमा के बदले सिर्फ वह राशि अलग रखनी होगी जो परिपक्व होने वाली हो। इसके अलावा कुल जमा का 20% रकम रखना अनिवार्य रहेगा। यह राशि प्रतिवर्ष 30 April तक company को bank में जमा करानी होगी जो चुकौती खाते (RRA) के तहत रखी जाएगी। इससे company के पास पैसा बना रहेगा। मौजूदा कानून के तहत अभी company को दो साल के जमा के बदले राशि रखनी होती है। साथ ही प्रस्ताव में दिवालिया company पर आजीवन प्रतिबन्ध नही लगाये जाने की सिफारिश भी की गई है। दिवालिया होने वाली company का पिछला साल का record अच्छा होगा तो उसे हमेशा के लिए प्रतिबंधित नही किया जायेगा। ऐसे में company को निवेशको से दोबारा जमा लेने में कोई परेशानी नही आएगी।

जोखिम को नजरअंदाज न करें

company की FD पर bank की FD से ज्यादा जोखिम होता है। bank की एक लाख रूपये तक की FD का बीमा होता है। किसी वजह से bank डूब जाते है तो सबसे पहले उन निवेशकों को पूंजी वापस की जाती है जिनका निवेश एक लाख रूपये तक होता है। वही company की FD का बीमा नही होता है। ऐसे में यदि कोई company डूब जाती है तो उसकी FD में निवेश करने वालो को अपनी पूंजी गवाने का खतरा रहता है। साथ ही यदि कोई company FD पर 12.5% से अधिक ब्याज की पेशकश करती है तो इसे खतरे का संकेत समझना चाहिए। reserve bank के नियमो के मुताबिक कोई भी company निवेशको को जमा के बदले 12.5% से अधिक ब्याज नही दे सकती है।

रेटिंग जरुर देखें

company जब FD जारी करती है तो उनकी rating भी आती है। इसे English के अक्षरों A,B,C,D में आँका जाता है। AAA rating सबसे अच्छी मानी जाती है और इसमे पूंजी डूबने का खतरा बहुत कम होता है। वित्तीय सलाहकारों का कहना है कि AA से कम rating वाली company FD में निवेश से बचना चाहिए। साथ ही उनका यह भी कहना है कि बिना rating वाली FD में निवेश कभी नही करना चाहिए भले ही उसमे ब्याज दरें बेहद ऊँची हो। पूंजी डूबने का खतरा अधिक होने से कुछ company की FD की rating नही की जाती है और ऐसे में वह निवेशको को लुभाने के लिए बेहद ऊँची ब्याज दर की पेशकश करती है।









Friday, June 24, 2016

जब करनी हो Salary Negotiation

salary negotiation

job पहली हो या फिर आप अपनी तरक्की के लिए दूसरी किसी company में interview देने जा रहे हो, salary को लेकर negotiation हर हाल में होना चाहिए। यहा बस जरूरत होती है कि आप कितने आत्मविश्वास और तर्क के साथ अपनी बात रख पाते है।

salary.com के एक survey के मुताबिक सिर्फ 37% उम्मीदवार ही salary के लिए negotiate यानी की आय को लेकर मोल-भाव करते है, वही 18% झिझक के कारण कभी salary के सम्बन्ध में कोई बात ही नही करते। 44% ने company में रहते हुए अपने performance review में कभी भी salary के मुद्दे पर बात ही नही की।

‘women don’t ask’ की writer लिंडा ने अपने survey में काफी रोचक बातें साझा की है। survey के मुताबिक सिर्फ 7% महिलाएं ही अपनी पहली job में negotiate करती है, वही 57% पुरुष ऐसा करने में success होते है। मगर यह भी सच है कि जिन्होंने salary पर बात करने की पहल की, उनके salary में 7% का इजाफा हुआ। writer के अनुसार इससे कोई फर्क नही पड़ता कि एक employee के रूप में आप पुरुष है या महिला आपको अपनी बेहतरी के लिए negotiate हर हाल में करना चाहिए।

psychology today में प्रकाशित report के अनुसार अगर आपके पास negotiation के option है तो हमेशा Wednesday या Friday का दिन चुने। इस दिन कि meetings अधिकतर candidates के लिए फायदेमंद रही हैं। माना गया है कि नियोक्ता इन दिनों काम को लेकर किसी जल्दबाजी में नही दिखते। आपकी बातें ध्यान से सुनी जाती है, इसलिए आप अपनी बात कहने और मनवाने में success भी हो जाते हैं।

आइये जानते है interview के दौरान salary पर अपनी बात कैसे रखे-

Market Value

salary पर बात करते हुए आत्मविश्वास के साथ अपनी बात रखें। आप क्या-क्या नया कर सकते है, इस पर अधिक जोर दे। अपनी नई skills, जिम्मेदारियां, आपकी market value और आपका आगे बढने का क्या plan है, जैसी बातों पर चर्चा बनाएं रखना का प्रयास करे। चर्चा के दौरान  अपनी market value के आंकड़े भी सामने रखे। salary बढ़ोत्तरी के समय बातचीत करते समय अपने talent पर भरोसा रखे। निजी जरूरत को आधार बना कर कभी भी negotiate न करें।

कैसी हो Script

आप कैसे negotiate करते है यह आपका हुनर है। news and worlds की report के अनुसार नये लोगो को कुछ इस तरह बात करनी चाहिए- ‘मैं यहा काम करने के लिए बेहद उत्सुक हूँ और मैं जानता हूँ कि अपने इस roll में बहुत कुछ नया और अच्छा कर सकता हूँ। मैं आपके दिए offer 38000 रूपये कि कद्र करता हूँ, लेकिन मैं अपने experience व् performance को ध्यान में रखते हुए 48000 रूपये कि सीमा के आसपास के offer की उम्मीद कर रहा था। क्या हम इस पद के लिए इस range पर बात कर सकते हैं? salary का offer letter मिलने के बाद salary के लिए कभी भी negotiate न करें, offer letter मिलने से पहले ही सारी बातों को ठीक से समझ लें।

Research Work

market और company पर पूरी research करे। आपको पता होना चाहिए कि आपके experience और योग्यता पर industry कितनी salary offer कर रही है। जिस भी company में job करने जा रहे है, उसकी पूरी जानकारी रखे। इसके कई स्रोत हो सकते है। online research से इसकी शुरुआत की जा सकती है। आज पेस्केल व् ग्लासडोर जैसी कई साइट्स है, जो आपकी industry में आपके experience के आधार पर अनुमानित वेतन की जानकारी देती है। इसके अलावा professional networks LinkedIn से भी मदद ली जा सकती है। professional और recruitment consultant से भी बात की जा सकती है। जब भी salary पर बात हो तो टेक होम सैलरी राउंड फिगर में, जैसे कि 55000 की बजाय 54750 कहेगे, तो सामने वाला समझ जायेगा कि आपने अच्छा research किया है। विभिन्न research से यह बात सामने आई है कि 95% मामलों में employer पहली बार में best deal offer नही करते।

उतावले न बने

हो सकता है कि आपको job कि सख्त जरूरत हो और अच्छी salary की भी, मगर आपकी body language से यह बात interview के वक्त नियोक्ता के सामने नही आना चाहिए। जैसे ही नियोक्ता को पता चलता है कि आपको job की अधिक जरूरत है तो मनमुताबिक salary की तो बात भूल ही जाएँinterview के दौरान बातचीत व् पत्राचार काफी नपा-तुला रखें। इसी से आप अच्छी salary कि उम्मीद कर सकते है।

Backup Plan

आप शुरुआत में किसी company का offer ठुकराने की स्थिति में तभी हो सकते है, अगर आपके पैरो तले जमीन ठोस होगी। किसी भी offer को ठुकराने से पहले आपको पता होना चाहिए कि यहा नही तो दूसरी जगह आप आसानी से काम ढूढ लेगे। वही आपकी आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत हो कि आप कुछ और समय तक job की तलाश कर सकते है। अगर ऐसा नही है तो इसके उलट ‘जो मिल रहा है, बस वही पकड़ लो’ वाली नीति अपनानी पडती है। offer नही लेने पर आप क्या करेगे? backup plan होने पर ही बिना किसी डर के बातचीत की जा सकती है और बेहतर salary structure हासिल किया जा सकता है। कुछ महीने की बचत और आय के अन्य स्रोत होने पर बातचीत के दौरान उम्मीदवार का आत्मविश्वास बढ़ता है।

फायदे गिनाये

अगर आप company को यह बताने में success हो जाते है कि आप company के लिए कितने फायदेमंद हो सकते है तो समझे आपने आधी जंग जीत ली है। नियोक्ता आपको आपकी मनचाही salary में नियुक्त करने के लिए उतावला दिखेगा, आप नही। company को मिले लाभ के सामने बहुत कम है। आप अपने employer को यह जरुर बताएं कि आपके पास यह एकमात्र option नही है। दूसरी company आपको कितना offer कर रही है, यह आपकी deal को बेहतर करने में मदद करेगा।

सबकुछ न बताएं

हमेशा अपनी योग्ताओं, अपनी job profile आदि के बारे में अधिक से अधिक चर्चा करे, मगर जहां आपके निजी खर्चो के बारे में पूछा जाए तो सीधे-सीधे बताने से हमेशा बचें। salary की बात करते समय कभी असहज न दिखें, क्योकिं इससे आपको कोई फायदा नही होने वाला। salary की बात करते समय भी cool रहे और अपनी बात तर्कपूर्ण ढंग से उनके सामने रखे।

हमेशा इस डर में ही न जियें कि अगर यह job आपके हाथ से चली गई तो क्या होगा। आपके हाथ से चली गई तो क्या होगा। खुद में विश्वास रखे और यह भी दिखाएँ कि आप इस job पर ही depend नही है।








                                                                    
                                 

Tuesday, June 21, 2016

Voice of Love (प्यार की आवाज)


90 वर्षीय एक बुजुर्ग ने अपने पोते को उसकी wife के साथ किसी बात पर ऊँची आवाज में बहस करते हुए देखा। दादा ने पोते से पूछा,’ तुम अपनी पत्नी से गुस्से में इतनी ऊँची आवाज में क्यों बात करते हो?’

पोता: मै धैर्य खो बैठता हूँ। मुझसे बर्दाश्त नही होता, इस कारण मेरी आवाज ऊँची आवाज हो जाती है।‘

दादा: पर तुम्हारी पत्नी तो तुम्हारे बिलकुल पास ही खड़ी है। वही बात तुम अगर धीरे भी बोलेगे तो भी उसे सुनाई दे जायेगा। तो फिर तुम तेज आवाज में क्यों बोल रहे हो?’

पोता: क्योंकि तेज बोलने पर ही आवाज सुनी और समझी जाती है। आवाज ऊँची होने से मेरे भीतर का क्रोध भी बाहर निकल जाता है।‘

दादा: नही, कारण यह नही है बेटा। सच यह है कि जब तुम अपनी पत्नी से गुस्सा हो रहे होते हो, उस समय तुम उसके दिल से दूर हो जाते हो। भले ही तुम शरीर कि दृष्टि से बिलकुल पास ही खड़े हो, पर तुम्हे लगता है कि वह तुमसे दूर है। इसलिए उसे अपनी आवाज सुनाने के लिए तुम तेज आवाज में बोलने लगते हो।‘

नाराज या गुस्सा होने पर तेज आवाज में बोलने का मतलब है कि उन क्षणों में वह व्यक्ति तुम्हारे दिल से दूर हो चुका है।‘

पोता: ‘यदि यही कारण है तो तो तब क्या होता है जब हम प्रेम में होते है?’

दादा: ‘जब दो व्यक्ति प्रेम में होते है, तो उनका दिल एक-दुसरे के नजदीक होता है। उस समय धीरे से फुसफुसाने पर भी एक-दुसरे कि बात साफ-साफ समझ आ जाती है। ऐसे क्षणों में मौन भी विचारो को एक-दुसरे तक पहुंचा देता है।‘







Sunday, June 19, 2016

Where is the Focus (ध्यान किधर है)


कमरे में किसी काम से आये थे, पर भूल गये कि क्या काम था? चाबी रखी तो थी, पर मिल नही रही। cellphone कहाँ है? याद नही। व्यक्ति दिमाग में है, पर नाम मुहं पर नही आ रहा.. भूलना और याद रखना दिमाग की सामान्य प्रक्रिया है। कुछ लोग याद रखने में अच्छे होते है, तो कुछ दूसरो की तुलना में अधिक बेध्यानी में रहते हैं।

अति व्यस्त दिनचर्या, tension, थकावट, नीद पूरी न होना या फिर कोई चिंता या परेशानी। हमारे life में इनका दखल जरूरत से ज्यादा हो जाता है, तो हम चीजों को रख कर भूलने लगते है।हर बात में’क्या था वो’ या फिर’ क्या कहा आपने’ जैसा कुछ मुंह से निकलने लगता है। इतना ही नही, कई बार अपने इस व्यवहार से परेशान होकर हम खुद को अराजक और प्रबंधन में कमजोर मानने लगते है। अपने लिए इतने अधिक नियम व् कायदे बनाते है कि मशीनी हो जाते है, जबकि सच यह है कि चीजों को भूलना या फिर बेध्यानी में काम करना कोई बहुत बड़ी बात नही है।

वर्तमान से दूरी

कुछ चीजों को भूल जाने का मतलब लापरवाही, अव्यवस्थित होने, focus या बुद्दि की कमी से नही होता। कई बार मन कुछ ऐसे रास्तों पर घूम रहा होता है, जो हमे खुली आँखों से नही दिख रहे होते। महान scientist अल्बर्ट आइंस्टीन के बारे में कहा जाता है कि अपने ही घर का पता भूलने पर उन्होंने अपनी university phone किया था। आइंस्टीन की तरह ही उनके lecture व् खाना खा लेने के लिए याद दिलाना होता था। ये वो लोग है, जिनमे न focus की कमी थी और न ही समझ की। हम सभी के जीवन में ऐसे पल आते है, जब हम वर्तमान से दूर अलग दुनिया में होते है। दिमाग का दूसरा हिस्सा active होता है। creative लोगो में यह बेध्यानी उस जानकारी और experience का जरिया होती है, जो वर्तमान की वास्तविकता से नही मिलती। आइंस्टीन और न्यूटन की ये बेध्यानी जहां नये सिद्दांतो की ओर ले जाती है, वही आध्यात्मिक लोग इससे दैवीय व् आत्मिक दुनिया से सम्बन्ध बनाते है।

मन क्यूँ भटका

हम कुछ और कर रहे होते है और मन कही और होता है। विशेषज्ञों के अनुसार दिन भर में काम करते हुए 30% समय हमारा मन कही और होता है। अगर काम एकाग्रता की मांग नही कर रहा है, तो यह भटकाव 70% तक भी हो सकता है। कुछ psychologist यहाँ तक मानते है कि जब मन भटक रहा होता है, तब brain के वे हिस्से active होते है, जो आराम की अवस्था में काम करते है।
अटलांटा की एमरी यूनिवर्सिटी में हुए एक study में वैंडी हैसनकैंप काम करते समय एकाग्रता बढ़ाने के लिए mind workout की सलाह देते है। वैंडी का workout को हर रोज कामों के बीच कई बार करने को कहते है। वैंडी का workout वह है, जिसे भारतीय प्राणायाम और सांसो पर focus करना कहते है। इससे brain में सेरेब्रल कॉटेक्स हिस्सा active होता है, जिसका काम brain को इच्छित जगह में भटकने देना और भटकाव से रोकना होता है।

क्या कर सकते है हम

अपने में खोये रहना भले ही बड़ी बात नही है, लेकिन जरूरी कामो को समय पर पूरा करने और शांत रखने के लिए brain को सजग बनाते रहना जरूरी होता है।

·         ऐसी चीजों में निवेश करे जो जरूरी है, जिन्हें आप भूलना नही चाहते। एक समय में बहुत सारे काम न करे। अनावश्यक चीजों को हटाते रहें।

·         केवल अपनी memory पर भरोसा न करे। कामों की सूचीं बनाएं। जरूरी चीजो, important दस्तावेज़ के लिए एक जगह निश्चित करें।

·         यह depression और एंग्जाइटी से भी जुड़ा हो सकता है। ऐसा है तो गंभीरता से ले।

·         अपनी गडबडियों का बहुत tension न लें। अपनी क्षमताओं को समझे। हर चीज को control में रखा भी नही जा सकता।

·         नियमित अच्छा खाएं, गहरी श्वास लें, उदार बने, खुशियाँ बाटें और life में रूचि ले। दूसरो का सहयोग लेना सीखें।






  


Thursday, June 16, 2016

Our Thoughts, Our Health

Our thoughts , our health

हमारे विचार हमारी सेहत और जिन्दगी से जुड़े हैं। हम जो सोचते है, उन विचारों की energy सीधे तौर पर हमारे तन को, हमारे चुनाव को और अंततः हमारी जिन्दगी की गुणवत्ता पर असर डालती हैं। अपनी सेहत में सुधार करना है तो अपने मन के तौर-तरीको पर भी गौर करे...
अच्छी सेहत की दिशा में कदम बढ़ाने से पहले चलिए एक प्रयोग भी करते हैं। एक शीशा लीजिये और उसमे देखते हुए खुद से कहें,’मैं बदलाव चाहता हूँ/चाहती हूँ।

कैसा लगा? किसी तरह की बाधा या रुकावट का एहसास हुआ? क्या ऐसा लगा कि आप बदलाव कर सकते है? क्या स्वयं में बदलाव की चाहत नजर आ रही है? बदलाव की प्रक्रिया में अपने भावों को महसूस करना बेहद जरूरी है, क्योकिं जब आप आगे बढने की इच्छा रखते है, बेहतर होने की सोचते है, तो आपकी बदलाव की चाहत ही है, जो आपकी success को बना या बिगाड़ सकती है। फिर चाहे हो या कुछ और।

अगर आपको कोई दिक्कत या बाधा महसूस हो रही है तो ऐसा महसूस करने वाले भी आप अकेले नही है। हीथर बतौर change management expert काम करती है। उनका कार्य इसी तरह की बाधाओं को समझना है कि ऐसा क्यों होता है और ऐसे बदलाव के समय लोगो को कैसे सहयोग देना है आदि। भीतर के डर को हावी करके बदलाव करने से पीछे हटना यानी उस अवसर से हाथ धोना है, जब हम खुद को मजबूत होते हुए देख सकते थे। यह जान सकते थे कि यह जिन्दगी हमारे लिए है और हमे प्रेम करती है।

यहाँ ऐसे ही सात कदम दिए गये है, जिनके जरिये अच्छी सेहत की ओर ले जाने वाली अपनी यात्रा को सफल बनाया जा सकता है।

आप हैं Important

जैसे ही आप कुछ प्रयास करते है और देखते है कि इसका आप पर असर हो रहा है तो बदलाव करना करना आसान हो जाता है। कारण, इससे आप दोबारा भी उस प्रक्रिया को अपनाने के लिए तैयार रहते है। लेकिन सबसे पहले आप खुद को किसी बात को अपनाने की रजामंदी देते है। यह महसूस करना होता है कि आप इतने important है कि खुद को बदलने की इजाजत दे रहे है। आपने इसे जिन्दगी में वरीयता दी है और आगे आने वाले रास्तों पर चलने के लिए भी खुद को तैयार करेंगे। कई बार बदलाव का सर्वश्रेष्ठ तरीका, कम को शुरू करना होता है। आपकी सेहत व् ख़ुशी दोनों जरूरी हैं।

छोटे छोटे कदम बढ़ाएं

पहले एक काम चुने और काम शुरू कर दे। भले ही वह छोटा सा काम हो। उदाहरण के लिए, अपने हाथ को चूमें और कहें,’तुम्हे बेहतर होने का अधिकार है।‘ जब तक अच्छा लगे, इसे दोहराते रहें और उसके बाद पूरी तैयारी के बाद आगे बढ़ जाएँ। खरगोश व् कछुवे वाली कहानी के सबक को याद रखें.. धीरे-धीरे अपनी गति से बढ़ते रहो, कामयाबी आपकी है।

खुद के साथ पेश आये प्यार से

जितना आप खुद के साथ प्यार और नरमी से पेश आयेंगे, उतने ही बेहतर परिणाम आयेंगे। कुछ पाने के लिए कुछ खोना होगा ही, ऐसा नही है। खुद से प्यार करना का मतलब है चीजो को आसान बनाये रखना, अपने प्रति करुणा भाव रखें। एक बार सोचकर देखे कि खुद के प्रति सज्जनता से पेश आना क्या होता है। झांक कर देखो कि भीतर से कितना डरे हुए हो। खुद से थोड़ा प्यार से पेश आयें। उदाहरण के लिए आप खुद से प्यार से यह कह सकते है,’तुम मेरे साथ सुरक्षित हो।‘

निरंतरता बनाये रखे

ध्यान रखे, जितना अधिक शीशे में देखकर अपनी सद्-इच्छाओं को दोहराएंगे, उस दिशा में कदम बढ़ाना और भी आसान हो जायेंगा। जितना आप अपने प्रयास में निरंतरता बरतेगे, उतने ही अधिक परिणाम मिलेगे। कोई नया हुनर अपनाएँ और उसका अभ्यास करना शुरू करे। जितना अभ्यास करेगे, उतने ही बेहतर परिणाम आयेंगे।

सहयोग लीजिये

सम्बन्ध बनाने और जीवन में बदलाव लाने के लिए जरूरी है support system बनाना। ये आपके दोस्त,partner,coach और family के member के रूप में कोई भी हो सकता है। ऐसे लोग जिनके साथ आप सहज रहते है। कुछ लोग online support group या Facebook group बना लेते है। अपने सामान सोच रखने वाले लोगो का समूह बनाना, उनके साथ रहना अच्छा रहता है। ऐसे लोग जो आपकी इच्छाओ और संकल्पों में आपका साथ दे। आपकी success में साथ निभाएं।

मनोरंजन है जरूरी

खुद पर हँसे। मुर्खता करें। शीशे के पास जाकर कहती हूँ,’हाय, बच्चा, आज तुम सुंदर लग रही हो।‘ मुझे फर्क नही पड़ता कि मेरे आसपास कौन है, बल्कि मेरे आसपास के लोग मेरे इस व्यवहार पर मुस्कुरा उठते है। एलिया जब भी शीशे में खुद को देखती है तो आँख मारती है। हीथर अपनी इच्छाओं को दोहराने के बाद अपनी बाजुओ को फैलाकर शीशे में खुद को कूदते हुए देखती है। मेरी सेहत और एलिया के साथ किये जाने वाले bodywork session की सबसे बड़ी खासियत है कि उस दौरान हम खूब हंसते है। हम एक serious कार्य कर रहे होते है, पर उसमे मनोरंजन भी होता है। हम इसका खूब मजा लेते है। याद रखें बदलाव और healing रोचक आनन्द से भरपूर हो सकते है।



# इस article के writer लुई एल हे, जो famous american writer व् motivational speaker.’you can heal your life’ उनकी best seller है। बचपन के कटु अनुभवो के बावजूद life में उनकी आस्था और विश्वास हैरत में डाल देते है।


                                                    www.healyourlife.om




                              

                                   Depression से रहें दूर





      







Tuesday, June 14, 2016

Vegetable Grown yourself , eat well (सब्ज़ी खुद उगायें, खूब खाएं)

vegetables

सौंफ,मेथी,धनिया,तुलसी,पुदीना आदि की भारतीय kitchen में खास जगह रही है। कैसा हो अगर आप अपनी छत, बरामदे में भी इन्हे जगह देकर अपना खुद का garden तैयार करें और ताज़ी हरी सब्जियों व् औषधीय पौधों को अपने और परिवार की सेहत के लिए इस्तेमाल में लायें।

हिमाचल प्रदेश स्थित Himalayan research institute for yoga and naturopathy में senior medical officer आशुतोष गुलेरी ने अपने घर में एक garden बनाया हुआ है, जहां वे तुलसी व् धनिये जैसे औषधीय गुणों से युक्त पौधे लगाते हैं।

चाहें तो आप भी इस तरह के पौधों को अपनी जरूरत के अनुसार लगा सकते है। इस तरह ये चीजें व्यावसायिक फसलों में इस्तेमाल होने वाले रसायनों से भी मुक्त रहेंगी। आशुतोष गुलेरी के अनुसार ‘औषधीयों को जितना fresh इस्तेमाल में लाया जाये, उतना बेहतर। फसल के रूप में कटाई होने और सेवन में देरी होने पर उसके पोषक तत्वों में कमी आती रहती है। इन पौधों में vitamin, minerals,antioxidant व् फाइटो न्यूट्रीएंट्स भरपूर मात्रा में होते है। research कहते है इन औषधियों का नियमित उपभोग संक्रमण, सूजन, जलन, मोटापे व् जोड़ो के दर्द में राहत पहुंचाता हैं।
All India kitchen association की member अनीता अग्रवाल कहती है, ‘सबसे अच्छी बात है कि ऐसे पौधों को अधिक रख-रखाव की जरूरत नही होती। कम समय में भी इनकी देखभाल की जा सकती हैं।  इन्हें जरूरत है तो बस थोड़ी सी धूप,पानी,रोशनी,हल्की मिटटी और पत्तियों की खाद की। इनमे से कुछ पौधों को आप कांच की बोतल या छोटे गमलो में भी लगा सकते हैं।‘

दो सप्ताह की अवधि के युवा पौधे यानी माइक्रोग्रीन, खासतौर पर फ्लेवर और पोषक तत्वों से भरपूर होते है।  माइक्रोग्रीन पौधों की उस अवस्था को कहते है, जब पौधों में शुरूआती पत्तियां आती है। माईक्रोग्रीन को आप साल भर उगा सकते है और ये 7 से 10 दिन में तैयार भी हो जाते है। इन्हे कम पानी की जरूरत होती है। कैसे कर सकते है इन्हे तैयार

पुदीना

कैसे उगायें

पुदीने के एक छोटे से गुच्छे को नीचे से लगभग दो इंच की लम्बाई में काट लें। अब निचले हिस्से की पत्तियों को हटा लें और गांठ यानी पत्ती वाली जगह के नीचे से काट लें।  अब तने को पानी के गिलास में रख लें। इसे तब तक हवा व् रोशनी में रखे, जब तक इनमें जड़े आने लगें। ऐसा होने में लगभग दो सप्ताह का समय लगता है। जैसे ही जड़े निकलने लगती है, उन्हें लगभग 10 इंच गहरे गमले में रेतीली मिटटी में बो दे। मिटटी में नमी बनाये रखे। बहुत अधिक पानी न डालें। इस पौधे को हर रोज 5 से 6 घंटे की सूरज की रोशनी में रखना जरूरी है।

उपयोग करें

पुदीने की सुगंध और flavor चटनी, शीतल पेय व् सलाद में खासे पसंद किये जाते है। पुदीने का रस अपाचन और मरोड़ में लाभ पहुंचाता है। 2012 में बायोशिमी journal में प्रकाशित एक study के अनुसार पुदीने में मौजूद एक तत्व प्रोस्टेट कैंसर को बढ़ाने वाली कोशिकाओ को बढने से रोकता है। new Delhi स्थित max super specialty hospital में clinical nutrients व् डायटिक्स सौम्या श्रीवास्तव के अनुसार,’पुदीना skin के लिए फायदेमंद होता है। skin के संक्रमण में भी इससे राहत मिलती है। इसलिए इसे क्लींजर व् टोनर के रूप में इस्तेमाल किया जाता हैं।

तुलसी

कैसे उगायें

तुलसी के बीजों को छोटी सी मटकी में एक चौथाई इंच गहरे दबा दें। इस मिटटी में रेत, सामान्य मिटटी व् खाद मिली होनी चाहिए। जब तक बीज फूटने न लगे, तब तक मिटटी में नमी का बने रहना जरूरी है। इसमे 5 दिन से 3 सप्ताह का समय लग सकता है। अब जैसे- जैसे दो से तीन पत्तियों के जोड़े बनते रहे, इन्हे 6 से 8 इंच के container में बोयें। मिटटी में नमी बनाये रखें। हर दिन पौधे को एक से दो घंटे की धुप दें।

उपयोग में लायें

ayurvedic medicine में तुलसी का काफी इस्तेमाल किया जाता है। तुलसी में antioxidant की प्रचुरता रहती होती है। साथ ही इससे रक्त में glucose व् शर्करा के स्तर को बनाये रखने में मदद मिलती है। उबलते हुए पानी में तुलसी की तीन से चार पत्तियां डाल कर इसकी भाप भी ले सकते है, जिससे श्वसन सम्बन्धी संक्रमण को दूर करने में मदद मिलती है। तुलसी के रस का घर में छिड़काव करने से मक्खी व् मच्छर दूर रहते है। ब्रिटेन में वर्ष 2009 में British फर्मास्यूटिकल confreres में पेश किये गये एक study अनुसार तुलसी से सूजन व् जलन को 73% तक किया जा सकता है।

लेमनग्रास

कैसे उगायें

लेमनग्रास के डंठल को जार में एक इंच पानी डाल कर रखें। दो-तीन दिनों के भीतर जड़ो में स्प्राउट्स निकलेगे। इन्हे हल्की मिटटी में दबा दें। इनमे खूब पानी दे, पर मिटटी पूरी तरह पानी में डूबी नही होनी चाहिए।

उपयोग में लायें

थाई और वियतनामी व्यजनो में इस flavor का काफी इस्तेमाल किया जाता है। अनीता अग्रवाल के अनुसार,’ऐसे लोग जिन्हें कब्ज रहता है, वे चाय में इसका इस्तेमाल कर सकते है।‘ लेमनग्रास की चाय पाचक ग्रंथि की सफाई करती है, जिससे मधुमेह होने की स्थिति में रक्त शर्करा को control रखने में मदद मिलती है। वर्ष 2011 में प्रकाशित journal of एथनोफार्मेकोलोजी के अनुसार लेमनग्रास से तनाव को कम करने में भी मदद मिलती हैं।

मेथी

कैसे उगायें

छोटे पौधे के रूप में इसे उगाने के लिए केवल 5 से 6 दिन का समय लगता है। इसके बीजो को रुई और उन के गोले में फैला कर इन्हे रोशनी में रखे, पर सीधे सूरज की धुप इन पर नही पड़नी चाहिए। पानी सूखने के बाद ही इन पर पानी का छिड़काव करें।

उपयोग में लायें

मेथी से ग्लिसमिक index काबू में रहता है और यह सुजन व् जलन को भी कम करता है। ग्लिसमिक index भोजन में मौजूद विभिन्न तरह के कार्बोहाइड्रेट के रक्त शर्करा पर होने वाले असर का मापक है। सरसों और मेथी को पीस कर पट्टी पर इसका लेप करके आर्थोराइटिस में दर्द वाले जोड़ पर लगाने से आराम मिलता है। श्रीवास्तव कहते है,’प्रसव के बाद महिलाओ के लिए मेथी का सेवन जरूरी बताया गया है। इसमे मौजूद डायोज्गेनिन माताओं में अधिक दूध बनता है। journal of पीडियाट्रिक साइंसेज में प्रकाशित study के अनुसार मेथी की herbal चाय पीने से मांओ में अधिक दूध बनता है। कढ़ी, दाल, परांठा आदि भारतीय व्यंजनों में इसका इस्तेमाल किया जाता है।‘

सरसों

कैसे उगायें

मेथी के तरह ही समान प्रकिया सरसों के लिए अपनाएँ।

उपयोग में लायें

आशुतोष गुलेरी के अनुसार,’ सरसों की पत्तियों में फाइटोन्यूट्रीएंट्स,vitamin,minerals व् fiber प्रचुरता में होते है, जो cholesterol को control रखते है। सरसों के स्प्राउटस का सेवन ओस्टिओपरोसिस और एनीमिया में राहत पहुंचाता है। इसके अलावा heart रोगों, अस्थमा,आंत व् प्रोस्टेट cancer में भी राहत मिलती है।‘

श्रीवास्तव के अनुसार,’antioxidant की प्रचुरता के साथ सरसों बुढापे की प्रक्रिया को भी धीमा करती है। journal of biological chemistry में प्रकाशित study के अनुसार इससे एल्जाइमर्स रोग होने की आंशका भी कम हो जाती है।

गुलेरी यह भी कहती है,’ hypertension के मरीजों को इसका इस्तेमाल ध्यानपूर्वक करना चाहिए। सरसों का अधिक और बार-बार इस्तेमाल रक्त के दबाव को बढ़ा देता है।‘

सौंफ

कैसे उगायें

बीजो को दस इंच गहरे गमले में मिटटी में दबाएँ। इस गमले को polythene से ढंक दे। जैसे ही अंकुरण होने लगे, गमले को रोशनी में रख दे। पानी का छिड़काव मिटटी सूखने पर ही करें।

उपयोग में लायें

सौंफ में मौजूद iron,फास्फोरस,calcium,magnesium, zinc और vitamin bones को मजबूत बनाते है। आशुतोष कहते है,’सौंफ हाजमे को दुरुस्त रखती है, जिससे अतिरिक्त वायु और तरल बाहर निकलते है। पाचन दुरुस्त रखने वाले enzymes बाहर निकलते है। इससे period system ठीक होता है।















Friday, June 10, 2016

सही खान-पान से Body की Health

eating right

सर्दियों में सूरज की जो धूप सेहत के लिए वरदान और vitamin-D का अच्छा स्रोत होती है, वही गर्मियों में सूखी त्वचा, रूखे बाल, पानी की कमी और पानी से होने वाले दूसरे रोगों का कारण हो सकती हैं। खासतौर पर ऐसे लोग, जिन्हें अधिक समय धूप में बिताना होता है, उनके लिए सही खाद्य पदार्थो का चुनाव करना जरूरी हैं।

Dry Skin

गर्मियों में तैराकी करना खासा पसंद आता है, पर पानी में मौजूद chlorine skin को रुखा कर देती हैं।

क्या करें

dry skin की problem को दूर करने के लिए तरबूज, अंगूर, जामुन, फालसे और स्ट्राबेरी खाएं। ये सभी fruits antioxidant और vitamin-C से भरपूर होते है। protein के लिए लीन मीट, बीन्स व् मेवे खा सकते है। इससे skin नरम बनी रहती है। इस समय पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जरूरी हैं।

लू, नकसीर और डीहाइड्रेशन

गर्मियों में लू लगने, नकसीर फूटने और डीहाइड्रेशन की problem काफी अधिक होती है।

क्या करें

अधिक sugar व् कैफीनयुक्त gas मिश्रित पेय पदार्थो के सेवन से बचें। ये पदार्थ तुरंत body में पानी की कमी कर देते हैं। इनकी जगह छाछ, कांजी, नींबू पानी पीना अधिक बेहतर हैं। सबसे जरूरी बात यह कि पानी पीने के लिए प्यास लगने का इंतजार न करें। जितना अधिक हो सके, तरल पदार्थो का सेवन करते रहें।

डायरिया, पीलिया, टाईफ़ॉयड और कीट संक्रमण

अस्वच्छ पानी और खाद्य पदार्थ, सही ढंग से पॉश्चुराइज्ड न किये दूध और गंदे हाथों से जलजनित रोग फैलने की आशंका अधिक होती है। यदि आप अक्सर बाहर खाना खाते रहते है तो आपके लिए body को डीटॉक्स करने की अधिक जरूरत होती हैं।

क्या करें

घर से बाहर भोजन करते समय तेज गर्म भोजन ही खाएं। खुले में रखा और देर से कटा हुआ सलाद न खाएं। गर्मियों में बासी खाना खाने से बचें।

Fungal Infection

देर तक गीले कपड़ो में रहना या exercise के बाद पसीने से भीगे कपड़े पहने रहना fungal infection के लिए अनुकूल माहौल तैयार करता है। अधिक चीनी, मीठा खाना भी fungal  infection को और बढ़ा देता है।

क्या करें

भोजन में चीनी की मात्रा कम करे। कृत्रिम चीनी व् उससे बने खाद्य पदार्थो का सेवन कम से कम करने का प्रयास करें।

उलझे व् रूखे बाल

बहुत देर तक धुप में रहना और chlorine का संपर्क बालो को रुखा बना देता है और उन्हें नुकसान पहुंचाता है।

क्या करें

बालों की सुरक्षा के लिए उच्च protein युक्त खाद्य पदार्थ जैसे मछली, बीन्स और मसूर की दाल लें। दही ले, इसमे vitamin-B5 की प्रचुरता होती है। अंडे में vitamin B-8 होता है। बीन्स व् हरी सब्जियों में folic acid, दूध से बने products में calcium, मीट और मछली में जिंक होता है, जो बालों को क्षतिग्रस्त होने से रोकता है और उनमे चमक लाता हैं।

मरोड़

पानी की कमी के कारण गर्मियों में मरोड़ की problem अधिक होती है, खासकर ऐसे लोगो में जो खुले में exercise व् खेलकूद जैसी गतिविधियों में अधिक भाग लेते है। body में तरलता की कमी electrolyte का असंतुलन उत्पन्न करती है, जिससे मांसपेशियों में खिंचाव होता है। sodium, calcium और potassium electrolyte है, जो exercise के दौरान body से बड़ी मात्रा में बाहर निकलते हैं।

क्या करें

sports drink लें। उच्च potassium युक्त खाद्य पदार्थ जैसे केला, किशमिश, आलू व् पालक का सेवन करें।






Wednesday, June 8, 2016

Depression से रहें दूर

hopeless

पेशेवर life में कई उतार-चढ़ाव आते है। कई बार व्यक्ति निराशा और depression का शिकार होने लगता है। लम्बे समय तक बनी रहने वाली यह स्थिति professional life में कई तरह के tension उत्पन्न करने लगती है।

रिशेल ई गुडरिच ने कहा है,’मुमकिन है कि आप पर यकीन करने वाला कोई न हो, लेकिन इतना भी काफी है। आसमान में एक सितारा भी अँधेरा दूर करने के लिए काफी है, इसलिए कभी हिम्मत मत हारो।‘

साझा करे

अपने सहयोगियों से खुलकर बात करे। office में परेशान करने वाले मसलो पर भी बात करें। इससे tension कम होगा और problem निकालना भी आसान होगा।

छोटे-छोटे Break

मन अच्छा न हो तो सीट से उठकर थोड़ी देर के लिए बाहर घूमकर आयें। खुली हवा व् रोशनी में रहने से tension दूर होता है,’मूड अच्छा हो जाता है। समय मिलने पर कहीं घूमने जाएँ।

अपनी उपलब्धियों पर गौर करें

अपने लिए कोई box या file बनाएं। कामकाजी life में आप जो भी छोटी-बड़ी सफलता हासिल करें, उसका जिक्र एक पर्ची में करके इस box में डालते जाएँ या फिर file में नोट करें। जब भी मन उदास हो, इन box को खोलकर उसमे से पर्चियां निकालकर पढ़े। अच्छा लगेगा।

Expert के 5 Tips

लगाये Reminder

house या kitchen या bedroom में प्रेरक विचार लगायें। office में अपने desk के आसपास पंसदीदा विचार लगा सकते है। इससे जब भी आप इन्हे देखेगे, प्रेरणा मिलेगी। दिन में नियमित अंतराल पर इन्हें देखने से आपका मन नही भटकेगा और आप पूरी एकाग्रता के साथ काम कर पायेंगे।

सही सोच रखने वाले Friends बनाएं

ऊर्जावान और अच्छी सोच रखने वाले सहकर्मियों के साथ रहें। ऐसे लोगो का चुनाव ध्यानपूर्वक करें, क्योकिं उनके नजरिये और व्यवहार से आप भी निश्चित रूप से प्रभावित होगे। मेहनती और मन लगाकर काम करने वालों की संगत में रहकर आप भी बहुत कुछ सीख सकते है। ऐसे सहकर्मियों से दूर रहे, जो दूसरो की गलतियां निकालते रहते है।

पढ़े प्रेरक किताबें

कामयाबी हासिल करने वाले लोग भी आप जैसे होते है, बस वे अपने काम को अलग ढंग से करते है। अपनी क्षमताओं को पहचानने और उत्साहवर्धन के लिए प्रेरक किताबे पढ़े। टोनी रॉबिन्स की ‘awaken the join within’, डेल कारनेगी की ‘हाउ टू विन फ्रेंड्स एंड इंफ्लुएंस पीपल’ और शिव खेड़ा की ‘you can win’। इसी तरह की books के अलावा महान नेता, वैज्ञानिक, बिज़नेसमेन और success people की जीवनी पढ़े।

अनुशासित बनें

अपने काम deadline के भीतर पूरा करने के लिए स्वयं को अनुशासित करना बहुत जरूरी है। अपने रोज के काम के लिए स्वयं एक deadline तय करें और उसका पालन करें। अगर आप उससे थोड़ा पीछे भी रहते है तो हर रोज आप अपने काम की रफ्तार में थोड़ी तेजी तो ले ही आयेंगे। English में एक कहावत है ‘do it now’ यानि जो करना है, अभी कर डालो। इसे बार-बार दोहरायें। इससे आप काम समय पर पूरा करने में सक्षम होगें।

खुद को दिलाएं यकीन

खुद से अच्छी बात करे। काम अधिक होने पर, अचानक कोई problem आ जाने पर खुद को हौसला दें, भरोसा दिलाएं। अपने मन से शंकाओ को दूर करें। खुद से कहें कि ‘असंभव कुछ भी नही’, अभी भी देर नही हुई है,’ लक्ष्य पाने में बस खुद कदमों की ही दूरी है’। खुद को बेहतर काम करने के लिए प्रेरित करें। इस सोच का काम पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा। सफलता हासिल करने की सम्भावना भी बहुत हद तक बढ़ जाएगी।