Thursday, December 29, 2016

जिन्दगी की यात्रा


एक युवा लड़की अपने प्रेमी को बहुत प्यार करती थी। वह job के काम से किसी दूसरे city में रह रहा था। काफी समय हो गया था, इसलिए उसे बहुत याद करती थी। एक बुजुर्ग थे, जिन्हें वह बहुत मानती थी। उनके पास अक्सर जाया करती थी। उनकी हर बात मानती थी। अबकी बार उसे उनसे मिले काफी समय हो गया था। आख़िरकार एक दिन वह उनसे मिलने पहुंची।

बुजुर्ग ने महिला का स्वागत किया और उसके हाथ में ताजे अंगूरों से भरी टोकरी पकडाई और कहा,’ क्या तुम उस पहाड़ को देख रही हो?’ महिला ने कहा, ‘हां’

बुजुर्ग ने कहा, ‘इस टोकरी को उठाओ और उस पर्वत के उपर लेकर जाओ।‘ महिला ने कुछ नही पूछा। हालाँकि वो यह करने की इच्छुक नही थी। नाखुश मन से उसने वह टोकरी उठाई और पहाड़ की दिशा में कदम बढ़ाने लगी। जैसे-जैसे चढ़ाई आ रही थी, चढ़ना मुश्किल हो रहा था। वह मन ही मन बोल रही थी कि बुजुर्ग ने उसे किस काम पर लगा दिया है, उसे यह क्यों करना पड़ रहा है? इस काम का मतलब ही क्या है? व्यर्थ ही यहाँ आयी। इस तरह वह मन ही मन बुदबुदाए जा रही थी। सूरज की तेज धूप उसे झुलसा रही थी। अंगूर के गुच्छों का वजन अब असहनीय हो रहा था। कुछ भी उसे उपर चढ़ने के लिए प्रेरित नही कर रहा था।

आख़िरकार वह पर्वत के उपरी हिस्से तक पहुंच गयी। उसने खुद को सुंदर और शांत फूलों की घाटी में खड़ा हुआ पाया। अंगूर अभी भी ताजा दिख रहे थे। वह घाटी के चारो ओर देखने लगी, तभी उसने देखा कि उसका प्रेमी उसकी ओर आ रहा है। वह उसे देर तक देखती रही। वह मुस्कराते हुए उसका स्वागत कर रही थी। अंत में महिला ने इतना ही कहा,’ अगर मैं जानती कि ये अंगूर मेरे प्रेमी के लिए है तो पूरे रास्ते में इतना उखड़ी हुई नही रहती। इन अंगूरों को धूप से बचाकर लाती। अपनी शिकायतों में मैंने पर्वतों की उस सुन्दरता को भी नही देखा, जिस पर मैं चढ़े जा रही थी।‘



ऐसी ही दशा हमारी life में होती है कि अपने जीवन-यात्रा में अपने शिकायतों का इतना पिटारा लेकर चलते है कि उस जीवन-यात्रा में पड़ने वाली उन खूबसूरत चीजों को नजरंदाज कर देते है, जो हमारे जीवन को ख़ुशी देते है। 




Wednesday, December 28, 2016

The Definition of Beauty सुन्दरता की परिभाषा

The definition of beauty

अगर हमारी आँखे चेहरे की जगह आत्मा की सुन्दरता देख पाती तो यह दुनिया कुछ अलग होती। हम झुरियों के पीछे की संवेदनाएं देख पाते, तो रंग के पीछे छिपे विचारों का संसार भी दिखता। हमारे रिश्ते और व्यवहार अलग होते। सुन्दरता की परिभाषा अलग होती।

वह रो रही थी। दुखी थी कि उसकी सहेली ने उसकी सुन्दरता पर ताना मारा था। दोनों ने शायद एक job के लिए आवेदन किया था, जिसमें वह चुन ली गयी थी। जिस पर उसकी सहेली कह रही थी,’ काबिलियत की किसे फ्रिक, तुझे तो चेहरा देखकर ही रख लिया होगा। मन में सवाल उठा कि क्या सुंदर होना अपराध है? अगर नही, तो क्या जो बाहरी सुन्दरता के पैमाने पर खरे नही उतरते, उनकी कोई गलती होती है?

हर दिन लड़के और लड़कियां सुन्दरता के प्रति किये जाने वाले इस भेदभाव के शिकार होते है। समाज की दी हुई कई तरह की हीनभावनाएं मन में बैठ जाती है, जो बड़े होने पर भी पीछा नही छोड़ती। न चाहते हुए भी हम सुन्दरता को मात देने के लिए कई तरह के दबाव झेलते रहते है। हमारे आत्मसम्मान के हर पहलु पर हावी हो जाता है, हम कैसे दिखते है! अमेरिकी actress और मिंडी कैलिंग कहती है कि शुरू में यह बड़ा अपमानजनक लगता था, जब लोग पूछते थे कि तुम इतना self-confidence कहां से लाती हो? एक तरह से वह ये कह रहे होते थे कि तुम सुंदर नही हो, गोरी नही हो, पतली नही हो तो फिर क्या चीज है, जो तुम्हें अपने बारे में खास महसूस कराती है?

हम समाज की परिभाषा नही बदल सकते, पर अपनी तो बदल सकते है। खुद को परम्परागत सुन्दरता के मानकों से प्रभावित होने से रोक सकते है।‘ चर्चित anchor ओपेरा विन्फ्रे कहती है कि हम बहुत पतले, बहुत मोटे, दूसरों से बहुत लम्बे या छोटे, काले या गोरे होते है। और ऐसा कहते हुए हम हर दिन दूसरों को नीचा दिखाते है और खुद को नीचा दिखा रहे होते है।

tennis खिलाड़ी सेरेना विलियम्स एक interview में यहा तक कहती है, ‘मेरा एक ही शरीर है और इस शरीर ने ही मुझे इस प्रसिद्धि तक पहुंचाया है। यही सब कुछ है।‘

आत्मा की सुन्दरता की बात करते हुए रूमी कहती है, ‘ओह! मेरी आत्मा, तुम बहुत चिंता करती हो! तुम अपनी ताकत को जानती हो। तुमने अपनी खूबसूरती को देखा है। तुमने अपने सुनहरे पंखों को महसूस किया है, तुममें क्या कमी है? तुम क्यों चिंता करती हो? तुम सच में आत्मा हो। आत्मा की आत्मा!’

जिसके पास जो नही है, वह उसे पाना चाहता है, फिर चाहे यह पैसा हो, सफलता हो, सम्बन्ध हो या फिर सुन्दरता। हम सुंदर होने के लिए इसलिए बेचैन रहते है, क्योंकि हम मानते है कि हम सुंदर नही है।

सुन्दरता के मायने

1-  सुन्दरता, समाज ने तय की है। एक जगह आपको सुंदर माना जाता है, तो दूसरी जगह आपको हीनता का एहसास कराया जाता है। आप अपनी सोच सम्भालें।

2-  इस जीवन के लिए यही शरीर एक सच है। यही साधना का सर्वश्रेष्ठ मन्दिर या तीर्थ है। इसका आभार व्यक्त करें। इसे प्यार करें। इसे स्वीकारें।

3-  विचारों की सुन्दरता अहम है। लोग चेहरे से आकर्षित होते है, पर गुणों से करते है। अपनी health का ध्यान रखें। लोगों से मुस्कराते हुए मिलें।

4-  अपने चेहरे या शरीर के लिए खुद को कोसना बंद करें। आप कैसे दिखते है, उसकी जगह आप क्या है, कहां मजबूत हैं, इस रूप में खुद को परिभाषित करें।


5-  nature से खुद को जोड़े। अपनों के हंसते- मुस्कराते चेहरों में खुद को देखने की कोशिश करें, शीशे में देखने वाली छवि से नही। 






    
   


Monday, December 26, 2016

खुद पर विश्वास और हिम्मत

believe in yourself

Believe in Yourself and Courage

अक्सर हम लोगों के मुंह से सुनते है कि जोखिम लेने की हिम्मत नही होती। पर क्यों? डर क्या है? जिस काम को करने के लिए हमें खुद पर विश्वास नही होता, क्या वही हमारा डर होता है?

जिन्दगी को सही मायनों में जीने के लिए जोखिम लेने का साहस तो दिखाना ही पड़ता है जिसने ये जोखिम ले लिया, मानो उसने जिन्दगी को खुलकर जीना शुरू कर दिया। अब उसे success होने से कोई रोक नही सकता, इसलिए निडर बनने से डरना क्यों?

चलिए अब आपसे कुछ सवाल किये जाएँ- यदि आपके पास कहने को कुछ होता है तो तो आप कितनी बार चुप रह जाते है?

आवश्यकता पड़ने पर कदम उठाते समय आप कितनी बार अपने समाज को नजरंदाज कर देते है?

आगे बढ़ने के समय कितनी बार आपने खुद को रोका है?

यदि आपको life में मिलने वाले असंख्य अवसरों का लाभ उठाना है तो निडर तो बनना ही पड़ेगा। दुनिया में अपनी छाप छोड़ने और अपनी क्षमताओं का पूरा लाभ उठाने के लिए भी आपको अपने भीतर साहस लाना होगा। life में हारने और टूटने के बाद भी फिर खड़े होकर अपने को समेटने के लिए भी आपको इसी साहस की जरूरत पड़ेगी। तो बस जिन्दगी को खुलकर जीने के लिए अपनी क्षमताओं को बटोरें और निडर बनने के लिए कमर क्स लें।

यकीन मानिये आप अपनी जिन्दगी को उद्देश्यपूर्ण बना सकते है और पूरी तरह खुलकर जी सकते है। आज ही आपके life का सबसे अच्छा दिन है। अगर आप इसे ही नही जी रहे तो क्या कर रहे है? अपने डर का सामना करें और दुनिया पर अपनी छाप छोड़ दें। परिस्थिति के साथ समझौता न करें या सामान्य ही न बने रहें। जिन्दगी की लगाम संभालें। कुछ नया और अलग करने की सोचें। जिन्दगी को खुलकर जियें।

साहस करके खुद से पूछें कि आखिर आप चाहते क्या हैं?

अपनी जरूरतों को लेकर हर समय खीजते रहने या complain करते रहने के बजाय अपनी अपेक्षाओं के बारे में सोचना सीखें। इसी इंतजार में न बैठे रहें कि कोई खुद ब खुद आपका दिमाग पढ़ लेगा। अपनी इच्छाओं को खुलकर बताएं। दृढ़ता से अपनी बात रखें। यही माने कि लोग आपकी help करना चाहते है। मानें कि चीजें सही दिशा में जाएँगी। यदि कभी ‘न’ में जवाब मिले तो फिर से पूछें। दुनिया में कोई तो ‘हां’ कहेगा ही।

अपनी शक्तियों पर विश्वास करें

जिस तरह मधुमक्खियाँ शहद की ओर खिंचती है, उसी तरह हम मनुष्य बाहरी शक्तियों की ओर attract होते है। ये बाहरी शक्तियां है-पैसा, सुन्दरता, काम, job, पूंजी और शारीरिक बल। बाहरी शक्तियां लुभाती है और इनका एक पैमाना है कि इनकी आपस में तुलना भी की जा सकती है। जबकि असल शक्तियाँ तो हमारे अंदर होती है और ये सब में बराबर होती है। आप ये असल शक्तियाँ न तो कही से खरीद सकते है और न ही ये कहीं खोती है। ये शक्तियाँ है- संवेदना, संगति, आंतरिक शांति और बुद्धिमता। अगर आप इन्ही पर केंद्रित रहते है तो हर बार आप विजयी ही होंगे।

निडर होने का साहस रखे

साहसी बनें और अपनी अनमोल जिन्दगी को एक बड़े एडवेंचर की तरह जीयें। निडर बनें, निर्भीक और सच्चे बनें। अपने महत्व को accept करें। आपका life सिर्फ आपका है। अपनी शक्तियों को पहचानें, खुद पर विश्वास करें और स्वयं से पूछें कि आपको आखिर क्या चाहिए। और उसे पाने की चाहत को अपने सपने पूरा करने में लगा दे। आपके द्वारा वर्तमान में किये गये काम ही आपका future निर्धारित करते है। जो भी काम करें ख़ुशी से करें और ये मानें कि जिन्दगी में जो भी लोग आयेंगे वो आपको आपके लक्ष्य तक पहुंचने का मार्ग दिखायेंगे और उसे पूरा करने में मददगार साबित होगे। इसलिए निडर होकर अपना काम करें।

खुद को माफ़ करने का साहस रखें

अपने अहं को खुद की निंदा न करने दें। आपको अपनी गलतियों के लिए खुद को माफ़ करना ही होगा, उस स्थिति को माफ़ करना होगा, जिसमें ये गलतियां हुई। इन्हें जाने दें, पकड़ कर बैठेंगे तो life में कभी आगे नही बढ़ पायेंगे। आप अपना सम्मान करें। दुःख देने वाली बीती बातों को भूल जाएं।

प्रेम भाव से काम करने का साहस रखें

प्रेम एक भाव है। प्रेम दूसरों के प्रति और अपने प्रति एक प्रतिज्ञा है। खुद को संवेदनशील और समान भाव रखने वाला बनाने की कोशिश करें। प्यार से सोचें, प्यार से बोलें और अपने चाल-चलन में भी प्रेम भाव दिखाएँ। इस प्रेम भाव का दामन कभी न छोड़ें। प्यार से अलग जो कुछ भी है, वो सिर्फ हमारा डर है। कुछ भी करें, पर जितनी जल्दी हो सके डर से निकलें। प्रेम भाव में रहकर ही काम करें।

दानी बनने का साहस रखें

खुले दिल से देना सीखें। देते समय वापस मिलने की उम्मीद न रखें। किसी से स्वीकृति, प्रेम या प्रशंसा पाने के लिए दान न करें। ये सोचें कि आपके पास इतना है कि आप किसी के साथ उसे बांट सकते है। केवल पैसा ही नही, अपना समय और प्रतिभा भी बांटे। दूसरों की प्रशंसा करें, उन्हें सम्मान दें। निस्स्वार्थ भाव से दान करें।

डर को स्वीकारने का साहस रखें

आपका डर आपका शिक्षक बन सकता है। डर आपके विचारों, मान्यताओं, भावों और आपकी जिन्दगी को खोल देता है। अपने डर के accept करें और उससे सीख लें। डर को समझें। उससे मिलने वाली सीख को अपनाएं। तभी आप अपने सपनों की दुनिया को साकार कर सकते है।

खुलकर जीने का साहस रखें

सोचें कि समस्त universal आपके साथ है और सब ठीक है। विश्वास रखें कि सब के लिए पर्याप्त मात्रा में है। रात में तारों की छाँव में बैठें। nature के हर पहलू का आनन्द लें। जिन्दगी में मिले सभी लोगो और सभी चीजों के शुक्रगुजार बनें।




# इस article के writer ‘टेस मार्शल’, जो लेखिका, life coach व् blogger. counselling psychology में MA की पढाई। जोखिम लेने में यकीन रखती है।









Thursday, December 22, 2016

Job के जोखिम से जुड़ी Important बातें


1-  समय के साथ बदलाव जरूरी

तकनीक में बदलाव के चलते काम करने की शैली में तेजी से बदलाव आ रहे है, इसके अनुसार अपनी उपयोगिता बनाये रखने के लिए नये हुनर सीखने का क्रम जारी रखें

2-  नेतृत्व का गुण

office में आपका behavior पहल करने वाला, लोगों को साथ लेकर चलने वाला होना चाहिए। इससे विरोधी कम होते है और पहचान बढ़ती है।

3-  कार्य के दौरान Training लें

hotel management जैसे पेशों में काम के लिए विशेष training दी जाती है, लेकिन कुछ स्थितियों में अपने experience के आधार पर behavior की जरूरत होती है

4-  जो काम पसंद हो, वही करें

पूरी तरह सोच-विचार कर पेशा चुने और अपना काम दिल लगाकर करें, क्योंकि बढ़िया काम करने वालों को किसी तरह की परेशानी नही होती, लेकिन औसत काम करने वाले जल्द ही लोगों की नजर में आ जाते है और इसी आधार पर उनकी छंटनी भी होती है

5-  सुननी होगी दूसरे की बात

marketing, PR, communication जैसे पेशों में दूसरे लोगो की बातों का महत्व देना बेहद अहम है। हर तरह की job में अपना अस्तित्व बनाएं रखने के लिए संवाद कला बेहतर होना अनिवार्य है।






Monday, December 19, 2016

Working-capacity (कार्यक्षमता) को बढ़ाने के तरीके

working-capacity

1-  सही शुरुआत Morning से

morning की शुरुआत खुद पर ध्यान क्रेंद्रित करने से करें। अच्छा नाश्ता करें, newspaper पढ़े, योग और exercise करें। इससे आप अपने office में ज्यादा व्यवस्थित तरीके से काम करने में सक्षम होंगे।

2-  80/20 का नियम अपनाएं

आपके काम का सिर्फ 20% ही आपको 80% नतीजा देता है। इसलिए ऐसे कामों पर ध्यान केंद्रित करें, जिनसे आपको बड़े नतीजे मिल सकते है। जो भी काम आये, उसमें 80% नतीजे पाने लायक input दें।

3-  एक साथ बहुत काम न करें

एक साथ दस कामों में न लें। कामों में आवश्यकता से अधिक बदलाव आपके IQ स्तर को औसत स्तर के 10 अंको से भी नीचें ले जा सकता है।

4-  न करें Perfection की उम्मीद

काम में perfection की चाह पर काबू रखें क्योंकि इस कारण एक काम में जरूरत से ज्यादा समय लग जाता है और सुनहरे मौके आपके हाथ से निकल सकते है।

5-  Break लेना भी जरूरी है

खुद को तरोताजा रखने के लिए अधिक ब्रेक लें। walk पर जाएँ lunch करने, स्नैक्स लेने के लिए बाहर जाएँ या थोड़ी देर ध्यान लगायें। वापस लौटने पर आप ज्यादा तेजी के साथ काम कर पायेंगे।

6-  आलस्य के कारण खोजें

आलस कार्यक्षमता घटने का सबसे बड़ा कारण है। वास्तव में समय के बेहतर उपयोग से जुड़ी चीजों जैसे काम पर चर्चा और email आदि भी कई बार भटकाव का कारण बनते है।

7-  एक व्यवस्था विकसित करें

मुमकिन है कि आपने सालों से अपनी कार्यक्षमता को गलत तरीके से प्रभावित करने वाली आदतें बना रखीं हो। इसका आकलन करें और अपने लिए एक बेहतर व्यवस्था खड़ी कर ऐसी आदतों से पार पायें। अगर आप आदतन email या Facebook updates देखते रहते है तो एक निश्चित समय में ही यह काम करें।

8-  Lunch से पहले ही निपटाएं चुनौतीपूर्ण कार्य

काम की शुरुआत करते समय आप तरोताजा होते है, तभी आप सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण काम हाथ में लें। अगर कोई व्यस्तता है, तो उन कामों को दोपहर में कर लें। इस तरह आप समय का management बेहतर तरीके से कर पायेंगे।

9-  न करे Overtime

overtime करने के बजाय कम समय में ज्यादा काम करने पर ध्यान केंद्रित करें। सन 1926 में अमेरिकी उधोगपति और फोर्ड moter company के मालिक हेनरी फोर्ड ने एक study के आधार पर कहा था कि जब हम अपने काम के घंटे 10 से घटाकर 8 कर लेते है और 6 हफ्तों का काम 5 हफ्तों में ही निपटा लेते है, तो हमारी कार्यकुशलता बढ़ जाती है।

10-न करें दोहराव वाले काम

टेथीज solutions के एक study में पाया गया कि एक ही प्रकृति के काम दोहराने पर कुछ समय बाद उसमे रुझान कम होने लगता है और कार्यक्षमता भी घटने लगती है।











Friday, December 16, 2016

Mobile के बनें Specialist

mobile repair

market में आजकल mobile phone repair करने वालों की अच्छी खासी मांग है। अगर आप mobile repairing का काम जानते हैं, लेकिन आय से संतुष्ट नही है, तो थोड़ी training के साथ आप महंगे हैंडसेट्स की मरम्मत करके कही ज्यादा आमदनी कर सकते हैं।

आज के समय में लोगों की सबसे अहम जरूरत बन गया है mobile phone. बड़े शहरों से लकर दूर-दराज के rural area तक हर जगह बगैर mobile के life की कल्पना करना मुश्किल है। पिछले एक दशक में देश में mobile उपभोक्ता की संख्या इतनी तेजी से बढ़ी है कि भारत दुनियाभर में दूसरा सबसे ज्यादा mobile इस्तेमाल करने वाला देश बन गया है। कीमत में गिरावट और बेहतर features मिलने की वजह से महंगे ब्रांडेड smartphone का इस्तेमाल भी बढ़ा है। इसी वजह से छोटे शहरों से लेकर महानगरों तक के हर गली-मोहल्ले में mobile repair करने वाले मिल जाते है।

इस मामले में बेसिक हैंडसेट्स मरम्मत करने वाले आसानी से मिल जायेंगे, पर महंगे और ब्रांडेड mobile repair करवाने के लिए लोगों को परेशान होना पड़ता है। market में महंगे mobile सेट को सर्विसिंग देने वाले कुशल लोगों की कमी है। खास तरह की training लेकर आप पूरे self-confidence के साथ मंहगे हैंडसेट्स की मरम्मत में भी महारत हासिल कर सकते है और अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं और इसके लिए आपको कही दूर जाने की जरूरत भी नही होगी।

बदलावों पर रहे नजर

mobile phone के तकनीक में काफी तेजी से बदलाव हो रहा है। हर दिन नये-नये software और features आ रहे है। खासकर बड़ी-बड़ी company हर नये mobile के साथ कुछ नये features ला रही है। हर दिन बदलने वाले इन feature और तकनीकों से खुद को update रखें। mobile operating system भी काफी तेजी से बदल रहे है। अधिकांश smartphone में android operating system होता है। जबकि कुछ अन्य में जैसे कि एप्पल में IOS, microsoft में window और blackberry में OS 10 operating system है। पहले android 2.0 था लेकिन अब लॉलीपॉप, kitkat और latest android 6.0 मार्शमैलो जैसे कई version आ चुके है।

बेहतर Training है जरूरी

mobile repairing का काम ऐसा काम है, जिसे बगैर training के नही किया जा सकता है। आमतौर पर mobile में की-पैड, charging, जॉयस्टिक, माइक, ringer,speaker, camera, power switch, touch screen, display screen, network, Bluetooth, सेट हैंग से जुड़ी problem आती है। बगैर training के इनकी मरम्मत कामचलाऊ ही होती है। खासकर ब्रांडेड mobile phone की मरम्मत के लिए training लेना बेहद जरूरी है। हर छोटे-बड़े city में आईटीआई और कई private institute इससे जुड़े training program चला रहे है। certificate course दो-तीन से छह माह के होते है। अधिक जानकारी के लिए आप कुछ wobbliness पर जा सकते है- Indian institute of technical education, delhi(www.iite.co.in), national institute for entrepreneurship and small business development, noida(www.niesbud.nic.in) JRAS academy,(www.grasacademy.in), आईटीआई, करोलबाग new delhi(www.itidelhi.com)

जानें समझें Phone को

mobile की मरम्मत करने के काम में phone के हरेक हिस्से से परिचित होना भी बहुत जरूरी है। इसके लिए आपको basic components जानने होगे, जिसका अर्थ है mobile के ऐसे पुर्जे, जिसका इस्तेमाल mobile के मदर बोर्ड या सर्किट में किया जाता है। ब्रांडेड mobile या किसी भी सस्तें-महगें mobile को ठीक करने के लिए mobile के basic components जैसे कि resistance, coils, controller, fuse, mike को पहचानना और उसकी कार्य प्रणाली समझना बेहद जरुरी है।

असली पुर्जो का ही करें प्रयोग

जब भी आप महगें mobile की मरम्मत कर रहे है, तो ख़राब हुए पुर्जो की जगह पर उसी brand के असली पुर्जे का इस्तेमाल करें। उदहारण के लिए अगर मोटरोला company के ‘मोटोजी’ mobile के speaker में खराबी आ गई तो आप उसे बनाते समय उसी company का speaker लगायेंगे तो 300 रूपयें का खर्च आएगा, जबकि local speaker 80 से 100 रूपये में मिल जायेगा। लेकिन सबसे अहम बात है कि company का ही speaker लगाने पर आपके किये काम के जल्द ख़राब होने की आशंका बहुत कम होगी। यह आपकी साख के लिए उचित काम करेगा।

Problem पता करने का तरीका

mobile phone में दो तरह की problem देखने को मिलती है- software और hardware की। कोई भी problem आने पर पहले software पर ध्यान दें। example के लिए अगर mobile में ringtone की problem है तो सबसे पहले उसके software की जाँच करें। training के दौरान fault यानी problem पता करने का बेहतर अभ्यास करने पर आप mobile देखते ही उसकी जड़ तक पहुंच जायेगे। इससे आपका समय बचेगा और आप प्रभावी तरीके से काम कर सकेंगे।

आमदनी

mobile repair करने वाले मयंक बताते है कि पहले सामान्य mobile की मरम्मत करने पर जहां महीने में 10-12 हजार रूपये की आमदनी हो पाती थी, वहीं ब्रांडेड mobile की repairing करने पर अब वह आसानी से 20 से 25 हजार रूपये मासिक कमा लेते है। वह सलाह देते है कि काम में अच्छे होने के साथ customer के साथ अच्छे रिलेशन रखने से भी आप ज्यादा customer को attract करने में success हो सकते है।

सीखने में app से लें मदद

mobile मरम्मत की तकनीक समझने के लिए आप mobile app और YouTube पर tutorial videos का सहारा ले सकते है। YouTube पर सभी नामी-गिरामी company के mobile repairing के video उपलब्ध है। आप जिस company के जिस model की repairing के बारे में जानना चाहते है उस company का नाम डालकर YouTube पर search कर सकते है। अगर आप रोजाना कुछ समय इन video को देखें तो mobile मरम्मत के अपने हुनर को बेहतर बना सकते है।
google play store से mobile repairing app डाउनलोड कर सकते है। उसका इस्तेमाल भी आपके training को आसान बनाएगा और future में भी फायदेमंद साबित हो सकता है।








Wednesday, December 14, 2016

Important Food for the Winter

Important food for the winter
सर्दियों के लिए जरूरी भोजन

मूंगफली

antioxidant से भरपूर भुनी या उबली हुई मूंगफली खाने से energy मिलती है। इसमें मोनोसैचुरेटेड व् पॉलीसैचुरेटेड fat मिलता है, जो heart के लिए फायदेमंद है। protein के अलावा magnesium, phosphorus, sodium जैसे खनिज तत्व भी प्रचुर होते है।

अखरोट

मेवों में अखरोट ही ऐसा है, जिसमे ओलेइक एसिड जैसे अनसैचुरेटेड फैटी acid पाए जाते है। omega-3 भी इसमें पर्याप्त होता है। सर्दियों में 50-60 gram नियमित खाएं। memory दुरुस्त रखने के साथ जोड़ो के pain, दमा, गठिया व् दिल के रोगों में फायदा पहुंचाता है।

तिल

तिल में अच्छे किस्म की वसा होती है। भुने हुए तिल की गुड़ पट्टी स्वाद और सेहत, दोनों के लिए बढ़िया है। सफेद तिल जोड़ो को शक्तिशाली बनाता है। इसमें calcium भरपूर होता है। काले तिल में iron ज्यादा होता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।

आंवला

आंवले का रस रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। ताजे आंवलों को पीस कर इसका रस निकाल लें। 20-30 ml रस में एक चम्मच शहद मिला कर सवेरे-शाम पियें। कच्चे आंवले की चटनी भी बना सकते है।

गाजर

इस मौसम में रोज गाजर का एक गिलास रस पीने से body को भरपूर anti-oxidant, बीटा कैरोटिन, vitamin-a,b,c व् calcium और पेक्टीन आदि मिलते ही है, यह सर्दी-जुकाम होने से भी बचाती है। गाजर के रस में पालक और चुकन्दर का रस मिलाना इसके लाभ को और बढ़ा देता है। infection से बचाव होता है और आंतो को बल मिलता है।

खजूर

खजूर body के लिए जरूरी खनिज तत्वों का अच्छा भंडार तो है ही, vitamins और anti-oxidant का भी अच्छा स्रोत है। सर्दी में यह body को भरपूर energy देता है और रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाता है। रात के समय भोजन से दो-तीन घंटे बाद 5-6 खजूर दूध में भिगो कर खाएं जाए और घूंट-घूंट पी लिया जाये तो इसका बढ़िया लाभ मिलता है।

रात को पियें गरम दूध

जाड़े के दिनों में body को भरपूर energy और पौष्टिकता देने के लिए रात में दूध पियें। तरीका यह है कि सवेरे एक-दो मामरा बादाम भिगो दे। रात में सोने से पहले एक पाव दूध में आधा चम्मच सोंठ और चार-पांच पिंड खजूर या दो अंजीर के छोटे-छोटे टुकड़े डालकर बीस-पच्चीस minute उबालें। दूध को ठंडा होने दें। गुनगुना रह जाए तो बादाम को छिलका उतार कर पत्थर पर घिसें और इसमे मिला दें। केसर की पांच-छह पंखुड़ियों भी दूध की कुछ बूंदों के साथ घोट कर मिला दें। उपर से एक चम्मच शुद्ध घी मिलाएं और अंजीर या पिंड खजूर खाते हुए गुनगुने दूध को घूंट-घूंट कर पियें। कुछ देर बाद कुल्ला करके सो जाएँ।

इतना इंतजाम संभव नही है तो उबले दूध को ठंडा होने दें। इसमे एक चम्मच घी और दो-तीन चम्मच शुद्ध शहद मिला कर पियें। घी को पिघल कर मिलाएं। हाजमा ठीक हो तो यह दुबले-पतले लोगो के लिए भी बढ़िया प्रयोग है। यह प्रयोग तभी करें, जब खाना खाए हुए दो-ढाई घंटे हो चुके हों।











Saturday, December 10, 2016

Winter में Lifestyle और Diet

सर्दी से बचाएंगे देशी तरीके

आयुर्वेद के अनुसार सर्दियां health बनाने का मौसम है। इस मौसम में जुटाई गई रोगों से लड़ने की ताकत पूरे साल के लिए हमें चुस्त, दुरुस्त और मस्त बनाये रख सकती है। जरूरत है तो अपने खान-पान और रहन-सहन को देसी खुराक देने की।

सर्दी के मौसम का भरपूर फायदा उठाने के लिए दो चीजों का ध्यान रखना जरूरी है। एक, आहार कैसा हो और विहार कैसा हो। सामान्य शब्दों में कहें तो खान-पान और रहन-सहन। जैसे-जैसे ठंड बढ़े, वैसे-वैसे खान-पान में परिवर्तन करना शुरू कर देना चाहिए। बाहरी तापमान से तालमेल बैठाने के लिए इस मौसम में body का भीतरी तंत्र ज्यादा मुस्तैदी से काम करने लगता है। बाहर पड़ रही शीत का संपर्क हमारी skin से बना रहता है तो body के भीतर मौजूद जठराग्नि प्रबल हो जाती है और इस तरह सर्दियां body की पाचन-शक्ति में इजाफा कर देती है। बाकी मौसमों की तुलना में हमारा body खाए-पिए को अच्छे से ग्रहण कर पाता है।

आलस से बचें

सर्दी के मौसम में आलस से बचना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार आलस वात प्रकृति के लोगो का सबसे बड़ा दुश्मन है। गर्मी के ठीक विपरीत सर्दी के दिन में सोने की आदत नही बनानी चाहिए, अन्यथा body में भारीपन, सर्दी-जुकाम आदि का आक्रमण आसानी से हो सकता है। शीतकाल में रातें लम्बी होती है यानी nature ही हमें लम्बे विश्राम का वक्त देती है। विश्राम के इस समय को कम नही करना चाहिए। भरपूर नीद लें।

हाजमा सही रखें

देर रात में भोजन न करें और भोजन कर लें तो ज्यादा देर तक जगें नही। ठंडी की शुरुआत होने पर खाने में घी, दूध, मलाई, उड़द की दाल, तिल जैसी चिकनाई वाली और पौष्टिक चीजों का सेवन करना शुरू कर दें।

भोजन से 10-15 minute पहले करीब 10 gram अदरक के छोटे टुकड़ो पर सेंधा नमक छिड़क कर चबा-चबा कर खाएं। इससे भूख खुलती है, तेज ठंड से बचाव होता है और pollution का असर भी body पर कम होता है।

सर्दी में ज्यादा समय तक खाली पेट न रहें। वैसे भी भारतीय परिस्थितियों में सर्दी के दिनों में body को आमतौर पर ज्यादा calorie की जरूरत पड़ती है। गुड़, मूंगफली और तिल की पट्टी व् सूखे मेवे इस मौसम के लिए भरपुर energy के स्रोत है। याद रखें, हाजमा दुरुस्त हो तो ही पौष्टिक और गरिष्ठ चीजें खाएं, वरना पहले हाजमा ठीक करें। naturally चिकित्सा के तरीके से एनिमा लिया जाये तो पाचनशक्ति को मदद मिलती है। आधा चम्मच छोटी हरड‍‌ का चूर्ण रात में गुनगुने पानी से कुछ दिनों तक लेने से कब्ज खत्म होता है और पाचन को बल मिलता है। सवेरे गुनगुने पानी में नींबू निचोड़ कर पीने से भी पाचन ठीक रहता है।

Exercise करना न छोड़े

सर्दी के मौसम में body के अंगो को भरपूर हरकत देने पर भी ध्यान देना चाहिए। health लोग भारी exercise कर सकते है, पर सामान्य लोगों को भी हल्का-फुल्का exercise करना चाहिए। करीब सभी तरह के आसन इस मौसम के लिए उपयुक्त है, पर प्राणायामों में शीतली-शीतकारी प्राणायाम नही करने चाहिए, क्योंकि इससे body में ठंड का आभास होता है। इस समय भस्त्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम के साथ सूर्यभेदी प्राणायाम करना चाहिए। धूप में बैठकर तेल की मालिश करना body को vitamin-d देने का बढ़िया तरीका है। skin निरोग रहती है। मांशपेशियों को ताकत मिलती है। मालिश के लिए सरसों, तिल या जैतून का तेल लें।

जुकाम, खांसी

कम तापमान की स्थिति में अगर सावधानी न रखी जाए तो सर्दी, जुकाम, खांसी, गले में खराश का infection आसानी से हो जाता है।

1-  सवेरे शाम तुलसी, अदरक और लौंग का काढ़ा बना कर पियें। अधिक उपयोगी बनाने के लिए मुलहठी और दालचीनी का चूर्ण भी मिला सकते है।

2-  दिन में दो-तीन बार गर्म पानी में सेंधा नमक मिलाकर गरारे करें। खांसी के अलावा गले की खराश, infection आदि में भी राहत मिलेगी।

3-  लहसुन की पांच कलियों को घी में भून कर दिन में दो बार खाने से भी आराम मिलता है। लहसुन में मौजूद एलीसिन रसायन anti-bacterial, anti fungal और antivirus प्रभाव रखता है।

4-  तुलसी के 15-20 पत्ते पीसकर इसमें एक चम्मच शहद मिलायें और दिन में दो बार खाली पेट चाट लें। यह सर्दी की तकलीफों से रक्षा करता है। रोग-प्रतिरोधक शक्ति भी बढ़ती है।

5-  गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर पीने से जल्दी राहत मिलती है।

Heart Attack

doctor के मुताबिक इस मौसम में एंजाइना और दिल का दौरा पड़ने की आशंका 50% तक बढ़ जाती है। तापमान में बदलाव के कारण दिल की धमनियों में सिकुड़न आ जाती है। oxygen की आपूर्ति और खून के बहाव पड़ने लगता है। मौसमी अवसाद और vitamin-d की कमी के कारण भी रक्तचाप बढ़ने लगता है। doctor की बताई medicine लेना न छोड़े।

1-  fiber युक्त भोजन अधिक लें

2-  हरी सब्जियां, अंकुरित अनाज व् सूखे मेवे लें। पानी खूब पीयें। पाचन ठीक रहता है। मौसमी अवसाद से बचते है।

3-  खाली पेट लौकी का juice पियें। इसमें तुलसी और पुदीने के चार-छह पत्ते मिला लिए जाएँ तो और अच्छा है। धमनियों के अवरोध में भी फायदा मिलता है।

4-  vitamin-d का स्तर बनाये रखने के लिए सुबह की गुनगुनी धूप सेकें।

दमा

ठंडी हवाओं के साथ सर्दी-जुकाम और गले में swelling पैदा करने वाले Bactria दमा रोगी की मुसीबत और बढ़ा देते है

1-  कही भी सर्द-गर्म वातावरण में अचानक प्रवेश करने से बचना चाहिए

2-  पानी गुनगुना करके पियें।

3-  कफ बाहर निकालने वाले और iron जैसे तत्वों से भरपूर चीजें खाएं। खजूर खाना फायदेमंद है।

4-  इन्हेलर तथा doctor की advice medicine साथ रखें।

5-  धुम्रपान सांस की तकलीफों को बढ़ाता है। प्रत्यक्ष व् अप्रत्यक्ष दोनों से बचें।

6-  दो चम्मच मेथी दाने एक लीटर पानी में डालकर आधे घंटे तक उबालें और छान लें। अब इसमें दो चम्मच अदरक का रस और एक चम्मच शुद्ध शहद मिला दमा के रोगी को पिलायें। रोज सवेरे यह करें।

जोड़ो का Pain

सर्दी body में वात और कफ की वृद्धि का मौसम है। चूँकि जोड़ो का pain वात असंतुलन की वजह से होता है, इसलिए जाहिर तौर पर सर्दी में तकलीफ बढ़ जाती है। हल्का-फुल्का exercise जरुर करें।

वात का effect कम करने वाली चीजों को अपने आहार में शामिल करें।

1-  100ml milk में इतना ही पानी मिलाएं और दस लहसुन की कलियाँ डालकर उबालें। पानी जल जाएँ तो लहसुन खाकर घूंट-घूंट कर दूध पी लें। इससे जोड़ो के pain में फायदा मिलता है।

2-  जिन जोड़ो में दर्द हो, वहां सरसों के तेल में लहसुन और अजवायन पकाकर उस तेल से मालिश करनी चाहिए

3-  चुकन्दर और सेब भरपूर खाएं, इससे यूरिक acid सही रहता है।