Monday, March 28, 2016

Bad Habits जो नही रहने देती Happy

Habits


होते है कुछ लोग जिन्हें लगता है कि life में ख़ुशी है ही नही। बेचैनी रहता है कि सब जल्दी से ठीक हो जाए, पर घबराहट में कुछ ऐसा कर बैठते है जो उन्हें ख़ुशी से दूर ले जाता है। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो जाने कौन सी बाते है जो दुःख का कारण हो सकती है।

Time व्यर्थ करना

घंटो tv देखना, video games खेलने, social sites खंगालते रहने में भले ही आपको उपलब्धि महसूस होती हो, पर इसमे time भी नष्ट होता है। कौन friends क्या पहन और खा रहा है ये देखते रहना, tv के सामने बैठे-बैठे खाना और फिर वही सो जाना, घंटो phone पर चुगली व् gossip करते रहना आदि काम आपके जरूरी समय को बेकार में जाया कर देते है।

खराब का Attraction

positive चीजो या बातो से भागना, सही पक्ष को देखने की कोशिश न करना। केवल कमियां देखना, गुण नही। हर सुझाव, सलाह और कार्य में खराबी देखना, अपने अभावो और बुरी बातो के लिए खुद को कोसते रहना। ऐसी बातो की लम्बी list है, जो आपको आगे बढने से रोक देती है।

तुरंत आपा खोना

बार-बार क्रोध करने की habit केवल दूसरो को नही आपको भी दुखी करती है। पर आप है कि उसे अपना हथियार मान लेते है। दूसरो की सुने बिना अपनी ही अपनी कहते रहते है। जो मन में आया बोल दिया। दूसरो की उपेक्षा और उन्हें नीचा दिखाने में जीत का अनुभव अंततः आपको सबसे दूर कर देता है।

खुद को प्यार न करना

दूसरो में ही नही, खुद में भी बस कमियां देखना। शीशे में अपना चेहरा देखकर दुखी रहना। खुद पर believe न करना। इतने उंचे मानक बना लेना कि काम को 100% success न मिलने पर उसे अपनी हार मान लेना। याद रखे कि खुद को गलतियाँ करने की छूट न देना कुछ नया नही सीखने देता।

Complain करना

बीते समय में किसी ने आपके साथ क्या बुरा क्या, खुद को उसे भूलने न देना। दुसरे को माफ़ करने जैसी बातों के बारे में सोचना तक नही, हर बात को अपने उपर कटाक्ष मानकर दुखी होना, प्रतिशोध में जलते रहना।

जिम्मेदारी से भागना

दूसरो के सहारे अपने काम सिद्द करना, झूठ बोलना, दूसरो को धोखा देना। केवल अपना फायदा ही सोचना। अपने life की जिम्मेदारी न लेना। अपनी गलतियों से कोई सबक सीखने की कोशिश न करना। हर चीज से बस बचकर निकलना और इस बात का इंतजार करना कि कोई और आपको ख़ुशी देगा, व्यर्थ की कल्पना है।

अकेले रहना

कही आपका अहं आपको दूसरो से जुड़ने से रोक तो नही रहा। किसी से असहमति होने पर यदि आप उससे हमेशा के लिए छोड़ देते है तो यह अकेलेपन की ओर ही ले जायेगा। नये लोगो से न मिलना और कुछ नही अपने suport system को कम करना है।


अंत में, यदि आप वाकई दुखी होना नही चाहते तो उपर लिखी बातो से बचे, क्योकि हम दो बातो से ही सीखते है- एक क्या और कैसे करना है और दूसरा क्या नही करना है।







Friday, March 25, 2016

If Not Now When अब नही तो कब

अतीत में experience है तो future में ढेर सारी कल्पनाये और आज में संघर्ष। यही वजह है कि हमे आज में जीना पसंद नही करते। हम कामो को टालते रहते है। फिर एक समय आता है, जब इच्छाओ की टोकरी में सपनों की जगह हताशा भरने लगती है।
हममे में से अधिकतर अधूरे सपनों के साथ जी रहे है। हम कुछ करने, कही घूमने या कुछ और कुछ होने होने की बस कल्पनाये करते है। हमारे सपने, सपने बनकर रह जाते है और अंत में टीस बनकर ताउम्र कचोटते रहते है। क्यों ऐसा होता है कि जिसके बारे में हम लम्बे समय तक सोचते जो बाते दिल और आत्मा के करीब होती है, हम उनकी आसानी से उपेक्षा कर देते है?

एक कदम में एवेरेस्ट की चढाई

हो सकता है कि आप किसी चीज को जूनून की हद तक चाहते है, जिसे पूरी तरह पाना अभी संभव नही दिख रहा है। इसलिए आप सही दिन का इंतजार कर रहे है। पर किसने कहा है कि एक ही कदम में एवेरेस्ट पार हो जायेगा। ऐसा नही होता। कदम-दर-कदम बढ़ाने से ही success मिलती है। उस दिशा में किये गये आधे-अधूरे काम भी आपको उसके लिए तैयार करते है। जो कर सकते है, उसे तो कम से कम न टाले। हम अक्सर फिजूल कारणों की आड़ में योजनाओं को टाले रखते है। हमारे सपने ‘क्या होगा’ कैसे होगा?’ आदि विचारो में ही दम तोड़ते रहते है।

क्या चुनौती स्वीकार है?

आज मै आपको चुनौती स्वीकार करने के लिए कहता हूँ कि आप वह करे जो आप हमेशा से करना चाहते थे। वह सीखे, जिसे सीखने की इच्छा है। या किसी ऐसी जगह घुमने जाए, जहां आप जाना चाहते थे। कदम बढाये, उस प्रतिभा की ओर, जिसे आप अपने भीतर देखना चाहते है, एक skill जिसे आप खुद में विकसित करना चाहते है, शौक, जो आपको पसंद है। लेकिन wait न करे। आज से ही शुरू कर दे। अगले साल, अगले सप्ताह या कुछ दिन के लिए उसे टाले नही। अभी से कुछ शुरुआत जरुर कर दे। अपने संकल्प के प्रति निष्ठावान बने। दूसरो को बताये कि आप यह करने जा रहे है। स्पष्टता रखे। निडर रहे। खुद को बांधे नही। शुरुआत करे। अभी ही। कोई बहाना न बनाये। अपने friends की सहमति का इंतजार न करे। इस बात की प्रतीक्षा न करे कि कोई और आपको कही घुमाने ले जायेगा। बस अपने मन का काम शुरू करे।

 Unsuccess का भय

life का मतलब स्वप्नावस्था नही है। यही वजह है कि सपने सुप्तावस्था में आते है। दिन के उजाले में हमसे उन्हें सच में बदलने की अपेक्षा रखी जाती है। पर, नाकामयाबी का डर इतना हावी हो जाता है कि हम सफल होने की कोशिश ही नही करते। पहले से हार सुनिश्चित कर देते है। यह भय हो सकता है कि सफल नही हुए तो क्या होगा? दूसरो को कैसे मुंह दिखायेगे? पर क्या खुद को पहले से हारे हुए रूप में देखना स्वीकार कर सकेगे? आखिर आपके लिए अधिक सम्मानजनक कौन सी बात होगी, वह व्यक्ति जिसने सुरक्षित दायरे से बाहर निकलने का जोखिम ही नही लिया या फिर वह जिसने लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में मेहनत की पर सफलता नही मिली? मै जानता हूँ कि आपका उत्तर क्या होगा।

अच्छा बहाना भी बहाना ही है

जिम्मेदार बने और उनका सम्मान करे, जिन पर आपके फैसलों का प्रभाव पड़ेगा। अपने पुराने-घिसे-पिटे बहानो से कुए के मेढक न बने रहे। कोई बहाना न बनाये। कोई बहाना स्वीकार न करे। रोये नही। इस बात में खुश रहे कि आप अपनी इच्छित दिशा में कदम बढ़ा रहे है। एक बार decision करे और अपने सपनों में जीवन भर दे।

जोश भी और होश भी

मै यं नही कह रहा कि आप ओलंपियन, CEO, गुरु या अरबपति बन जायेंगे। हो सकता है कि जो आप बनना चाहते है, उस क्षेत्र में आप पर्याप्त कौशल न रखते हो। पर आप उस दिशा में कार्य करेगे। आज से ही, अभी से ही। मै यह भी नही कह रहा कि आप future के लिए जमा की गई तमाम पूंजी को आज ही बिना सोचे-समझे, किसी बेकार सी योजना में निवेश कर दे। लेकिन कुछ तो करे। कही से कही पहुंचने की शुरुआत करे।



“इस article के writer ‘केन वर्ट’ मेंट टू हैप्पी के संस्थापक, motivational speaker व् blogger. life की संभावनाओ को तलाशकर निरंतर अपनी क्षमताओ में विस्तार करना उन्हें प्रेरित करता है।


                                                                                                  
                                            www.meanttobehappy.com



             
                 Failure को अलविदा




Tuesday, March 22, 2016

World Water Day विश्व जल दिवस

world water day
रियो डि जेनेरियो में 1992 में आयोजित पर्यावरण तथा विकास का संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCED) विश्व जल दिवस की पहल में की गई। 22 मार्च याने विश्व जल दिवस। पानी बचाने के संकल्प का दिन। पानी के महत्व को जानने का दिन और पानी के संरक्षण के विषय में समय रहते सचेत होने का दिन। आँकड़े बताते हैं कि विश्व के 1.5 अरब लोगों को पीने का शुद्ध पानी नही मिल रहा है। प्रकृति जीवनदायी संपदा जल हमें एक चक्र के रूप में प्रदान करती है, हम भी इस चक्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। चक्र को गतिमान रखना हमारी ज़िम्मेदारी है, चक्र के थमने का अर्थ है, हमारे जीवन का थम जाना। प्रकृति के ख़ज़ाने से हम जितना पानी लेते हैं, उसे वापस भी हमें ही लौटाना है। हम स्वयं पानी का निर्माण नहीं कर सकते अतः प्राकृतिक संसाधनों को दूषित न होने दें और पानी को व्यर्थ न गँवाएँ यह प्रण लेना आज के दिन बहुत आवश्यक है।

जल ही जीवन है जल के बिना जीवन की कल्पना अधूरी है हम सब जानते हैं हमारे लिए जल कितना महत्वपूर्ण है लेकिन यह सब बातें हम तब भूल जाते हैं जब अपनी टंकी के सामने मुंह धोते हुए पानी को बर्बाद करते रहते हैं और तब जब हम कई लीटर मूल्यवान पानी अपनी कीमती कार को नहलाने में बर्बाद कर देते हैं किताबी दुनिया और किताबी ज्ञान को हममें से बहुत कम ही असल जिंदगी में उतार पाते हैं और इसी का नतीजा है कि आज भारत और विश्व के सामने पीने के पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है



पानी के बारे में एक नहीं, कई चौंकाने वाले तथ्य हैं। विश्व में और विशेष रुप से भारत में पानी किस प्रकार नष्ट होता है इस विषय में जो तथ्य सामने आए हैं उस पर जागरूकता से ध्यान देकर हम पानी के अपव्यय को रोक सकते हैं। अनेक तथ्य ऐसे हैं जो हमें आने वाले ख़तरे से तो सावधान करते ही हैं, दूसरों से प्रेरणा लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं और पानी के महत्व व इसके अनजाने स्रोतों की जानकारी भी देते हैं।

मुंबई में रोज़ वाहन धोने में ही 50 लाख लीटर पानी खर्च हो जाता है।
दिल्ली, मुंबई और चेन्नई जैसे महानगरों में पाइप लाइनों के वॉल्व की खराबी के कारण रोज़ 17 से 44 प्रतिशत पानी बेकार बह जाता है।
इज़राइल में औसतन मात्र 10 सेंटी मीटर वर्षा होती है, इस वर्षा से वह इतना अनाज पैदा कर लेता है कि वह उसका निर्यात कर सकता है। दूसरी ओर भारत में औसतन 50 सेंटी मीटर से भी अधिक वर्षा होने के बावजूद अनाज की कमी बनी रहती है।
पिछले 50 वर्षों में पानी के लिए 37 भीषण हत्याकांड हुए हैं।
भारतीय नारी पीने के पानी के लिए रोज ही औसतन चार मील पैदल चलती है।
पानीजन्य रोगों से विश्व में हर वर्ष 22 लाख लोगों की मौत हो जाती है।
हमारी पृथ्वी पर एक अरब 40 घन किलो लीटर पानी है। इसमें से 97.5 प्रतिशत पानी समुद्र में है, जो खारा है, शेष 1.5 प्रतिशत पानी बर्फ़ के रूप में ध्रुव प्रदेशों में है। इसमें से बचा एक प्रतिशत पानी नदी, सरोवर, कुओं, झरनों और झीलों में है जो पीने के लायक है। इस एक प्रतिशत पानी का 60 वाँ हिस्सा खेती और उद्योग कारखानों में खपत होता है। बाकी का 40 वाँ हिस्सा हम पीने, भोजन बनाने, नहाने, कपड़े धोने एवं साफ़-सफ़ाई में खर्च करते हैं।
यदि ब्रश करते समय नल खुला रह गया है, तो पाँच मिनट में करीब 25 से 30 लीटर पानी बरबाद होता है।
बाथ टब में नहाते समय 300 से 500 लीटर पानी खर्च होता है, जबकि सामान्य रूप से नहाने में 100 से 150 पानी लीटर खर्च होता है।
विश्व में प्रति 10 व्यक्तियों में से 2 व्यक्तियों को पीने का शुद्ध पानी नहीं मिल पाता है।
प्रति वर्ष 3 अरब लीटर बोतल पैक पानी मनुष्य द्वारा पीने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
नदियाँ पानी का सबसे बड़ा स्रोत हैं। जहाँ एक ओर नदियों में बढ़ते प्रदूषण रोकने के लिए विशेषज्ञ उपाय खोज रहे हैं वहीं कल कारखानों से बहते हुए रसायन उन्हें भारी मात्रा में दूषित कर रहे हैं। ऐसी अवस्था में जब तक कानून में सख्ती नहीं बरती जाएगी, अधिक से अधिक लोगों को दूषित पानी पीने को मजबूर हो सकते है।
पृथ्वी पर पैदा होने वाली सभी वनस्पतियाँ से हमें पानी मिलता है।
आलू में और अनन्नास में 80 प्रतिशत और टमाटर में 15 प्रतिशत पानी है।
पीने के लिए मानव को प्रतिदिन ३ लीटर और पशुओं को 50 लीटर पानी चाहिए।
• 1 लीटर गाय का दूध प्राप्त करने के लिए 800 लीटर पानी खर्च करना पड़ता है, एक किलो गेहूँ उगाने के लिए 1 हजार लीटर और एक किलो चावल उगाने के लिए 4 हजार लीटर पानी की आवश्यकता होती है। इस प्रकार भारत में 83 प्रतिशत पानी खेती और सिंचाई के लिए उपयोग किया जाता है।

समय आ गया है जब हम वर्षा का पानी अधिक से अधिक बचाने की कोशिश करें। बारिश की एक-एक बूँद कीमती है। इन्हें सहेजना बहुत ही आवश्यक है। यदि अभी पानी नहीं सहेजा गया, तो संभव है पानी केवल हमारी आँखों में ही बच पाएगा। पहले कहा गया था कि हमारा देश वह देश है जिसकी गोदी में हज़ारों नदियाँ खेलती थी, आज वे नदियाँ हज़ारों में से केवल सैकड़ों में ही बची हैं। कहाँ गई वे नदियाँ, कोई नहीं बता सकता। नदियों की बात छोड़ दो, हमारे गाँव-मोहल्लों से तालाब आज गायब हो गए हैं, इनके रख-रखाव और संरक्षण के विषय में बहुत कम कार्य किया गया है।

पानी का महत्व भारत के लिए कितना है यह हम इसी बात से जान सकते हैं कि हमारी भाषा में पानी के कितने अधिक मुहावरे हैं। आज पानी की स्थिति देखकर हमारे चेहरों का पानी तो उतर ही गया है, मरने के लिए भी अब चुल्लू भर पानी भी नहीं बचा, अब तो शर्म से चेहरा भी पानी-पानी नहीं होता, हमने बहुतों को पानी पिलाया, पर अब पानी हमें रुलाएगा, यह तय है। सोचो तो वह रोना कैसा होगा, जब हमारी आँखों में ही पानी नहीं रहेगा? वह दिन दूर नहीं, जब सारा पानी हमारी आँखों के सामने से बह जाएगा और हम कुछ नहीं कर पाएँगे।

लेकिन कहा है ना कि आस का दामन कभी नहीं छूटना चाहिए तो ईश्वर से यही कामना है कि वह दिन कभी न आए जब इंसान को पानी की कमी हो। विज्ञान और पर्यावरण के ज्ञान से मानव ने जो प्रगति की है उसे प्रकृति संरक्षण में लगाना भी ज़रूरी है। पिछले सालों में तमिलनाडु ने वर्षाजल संरक्षण कर जो मिसाल कायम की है उसे सारे देश में विकसित करने की आवश्यकता है।



आज समय आ गया है कि समय रहते हम जल के प्रति अपने को सचेत हो जाए, कही ऐसा न हो कि हमे रोने के अलावा कोई चारा न बचे, तो आज 22 मार्च को हम लोग संकल्प करे कि किसी भी तरीके से जल की बचत करेगे और जल का अनावश्यक खर्च नही करेगे। इसलिए ऐसा कि आने वाली पीढ़ी को जल की किल्लत न हो। नही तो आने वाले पीढ़ी को तकलीफ के अलावा कुछ नही दे पायेगे।









Sunday, March 20, 2016

All Minerals For Health

all minerals

minerals body को healthy और रोगमुक्त रखते है। कुछ minerals की जरूरत body को अधिक होती है, तो कुछ को कम मात्रा में लेना ही काफी होता है। body को पर्याप्त मात्रा में minerals की पूर्ति हो, इसके लिए प्रोसेस्ड food कम खाएं।

Calcium

यह mineral दांत व् bones की सेहत के लिए जरूरी है। brain से नसों के जरिये संदेशो को पहुँचाने के लिए भी यह mineral जरूरी है। calcium की जरूरत body को अधिक मात्रा में होती है। हमे नियमित 400 mg calcium की जरूरत होती है।

क्या खाएं

milk, दही व् पनीर आदि डेयरी उत्पाद, तिल व् अंजीर।

क्लोराइड

यह minerals sodium के साथ काम करते हुए body में फ्लूइडस और ph का संतुलन बनाये रखता है। यह हाइड्रोक्लोराइड एसिड बनाने में सहायक है, जो protein को विभाजित करता है। साथ magnesium व् potassium ग्रहण करने की क्षमता बढ़ाता है।

क्या खाएं

हमारी diet में अधिकतर क्लोराइड की पूर्ति नमक से हो जाती है। इसके अलावा जैतून, टमाटर, लेट्युस आदि खाए।

तांबा

ये mineral लाल रक्त कोशिकाए बनाने में मदद करता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता व् तंत्र कोशिकाए को दुरुस्त रखता है। इससे घाव भरने में आसानी रहती है। यह एक जरूरी antioxident है, जिसकी कमी होने पर blood colestral का स्तर बढ़ जाता है।

क्या खाए

तिल.काजू, पालक, soybean, शतावरी व् झींगा।

फ्लुराइड

यह mineral दांत व् bones दोनों में पाया जाता है। दांतों का शर्करा व् bacteria के कारण होने वाले नुकसान से भी ये mineral बचाता है। ये mineral दांतों के इनेमल्स यानि बाहरी सफेद परत को मजबूत बनाता है।

क्या खाए

पानी में naturally रूप से फ्लुराइड होता है। इसके अलावा अखरोट, tea व् कोकोआ पाउडर में फ्लुराइड होता है।

Zinc

यह immune system को ठीक रखता है। इंसुलिन समेत सभी harmons की क्रियाओ को सही रखने सहायक है। thyroid और liver के लिए जरूरी है। पुरुषो में इसकी कमी, sperm कम कर सकती है। 

क्या खाए
 
सीफूड, डेयरी उत्पाद, मेवे दही, पालक, ब्रोकली, अंडा, टोफू व् सेम और साबुत अनाज।

Magnesium 

protein और फैटी एसिड बनाने में यह mineral उपयोगी है। साथ ही thyroid ग्रंथि को भी सक्रिय रखता है। यह एक प्रभावी antioxidant है। body के 300 से अधिक enzyme की क्रियाओ को प्रभावित करता है।

क्या खाए

सी फ़ूड, अखरोट, सीताफल और पालक। 

Iron

body में hemoglobin के निर्माण के लिए भी यह जरूरी है, जिसकी मदद से blood में oxygen का संचार दुरुस्त रहता है। iron की मौजूदगी कोशिकाओ,skin, बाल और नाख़ून को healthy रखती है। immune system बेहतर काम करता है। नई कोशिकाओ के निर्माण में भी इस mineral की  उपयोगी भूमिका होती है। 

क्या खाए

iron के दो तरह के स्रोत होते है। पहला हेम, जिसे body आसानी से ग्रहण करता है। यह red    meat, मुर्गी उत्पाद व् fish में पाया जाता है। दूसरा नॉन हेम, जो आसानी से ग्रहण नही किया   जाता,  इसकी जरूरत अधिक होती है। ये वनस्पतिजन्य उत्पाद जैसे अनाज, green vegetable व् सेम में पाया जाता है। 


Tags: इन vegetable में है भरपूर Protein   Veg Person रखे Nutriment का खास ध्यान



 






Friday, March 18, 2016

Gym Tips in Hindi

Gym
  

अगर आप सोचते है कि आप डम्ब-बेल, ट्रेडमिल, एक्सरसाइज बाइक, स्टेपर, अपर बॉडी और काइनेसिस स्टेशन आदि gym की सभी तकनीकी में पारंगत हो चुके है तो एक बार फिर से विचार करने की जरूरत है। नये study के अनुसार gym केवल मांशपेशियो को मजबूत बनाने तक सीमित नही है, इसके कई तरह के अन्य लाभ भी है। यहाँ तक कि ट्रेडमिल पर दौड़ना heart speed और stemina बढाने के लिए साथ-साथ memory में भी सुधार करता है।

april 2014 में neurology journal में छपे एक study के अनुसार कार्डियोवैस्कुलर fitness यानि ह्र्द्यत्रंत का सेहतमंद होना सोचने समझने की क्षमता में भी सुधार करता है। इस study में 18 से 30 वर्ष की उम्र के 2747 उम्मीदवारों को शामिल किया गया था। study में उस उम्र से gym करने वाले युवाओ में 43 से 55 की उम्र में पहुचने पर बेहतर memory देखने को मिली।

mumbai स्थित sports nutritionist दीपशिखा अग्रवाल के अनुसार,’सप्ताह में चार दिन gym करना तन और मन पर अच्छा असर डालता है। नियमित exercise से brain तक blood का संचार दुरुस्त होता है। तंत्रिका कोशिकाए active होती है, जिससे brain में नये neuron बनते है।‘ दीपशिखा कहती है कि gym करना इतना प्रभावी है कि इससे उम्र के साथ होने वाले एल्जाइमर्स रोग की आशंका को काफी कम किया जा सकता है।

certified fitness coach रणदीप मोईत्रा कहते है,’gym में exercise करते समय केवल नये उपकरणों व् ट्रेडमिल पर focus न करे। रस्सी, medicine ball, स्लेड्स, हैवी कैग्स, टायर्स, बॉक्सेस, क्लब्स और बेल्स जैसे छोटे उपकरण से भी exercise करे। ये आपको मजबूत, लचीला और सेहतमंद रखने के साथ चोट से मुक्त रखेगे।

1-  ट्रेडमिल बनाये रोचक

टोटल fitness के लेखक और fitness expert लीना मोगरे कहती है,’ अधिकतर लोग ट्रेडमिल को एक गति पर सेट करते है और दौड़ते चले जाते है। ऐसे लोग जो ट्रेडमिल पर एक ही गति पर दौड़ते रहते है, उन्हें अलग-अलग गति पर दौड़ते हुए अपने चलने व् दौड़ने को रोचक और प्रभावी बनाना चाहिए। लगातार 45 minute jogging करने की जगह 10 minute jog और एक minute तेज गति से चलना चाहिए। इस तरह workout करने पर 500 से 600 calorie की खपत कर सकेगे।

2-  Rover

gold gym में operation, marketing व् sales की vice president श्रद्दा सेठ कहती है,’rover एक बेहतरीन कार्डियो machine है, जो कि पिछले कुछ सालो से fashion में नही है। रोइंग workout चुनौतीपूर्ण है, जिससे पुरे body का exercise होता है। इसमे एक साथ दोनों हाथ और पैर की movements होती है। दिल की मांशपेशियों मजबूत होती है और सभी प्रमुख मांसपेशियों के शामिल होने से calorie की खपत तेजी से होती है।‘ बेंगलूर स्थित fitness expert वनिता अशोक कहती है,’रोइंग में बाजू, पैर, छाती,कंधे,पीठ,पेट का निचला हिस्सा और कूल्हे आदि खास मांसपेशियों का exercise हो जाता है। इससे जांघ व् कूल्हे आदि खास मांसपेशियां टोन होती है। बाजू के उपरी हिस्से व् पीठ की मांसपेशियों की शेष सही रहती है। exercise चूँकि एक क्रमबद्द तरीके से होता है, इसलिए 10 minute के अभ्यास से ही body बसा और calorie की खपत  शुरू कर देता है।‘ अशोक शुरुआत में 10 minute रोइंग workout करने की सलाह देते है।
 
3-  रेजिस्टेंस बैंड 
 
मांशपेशियो को मजबूत बनाना चाहते है? दीपशिखा अग्रवाल कहती है,’ रेजिस्टेंस बैंड के साथ weight training करे। आमतौर पर gym जाने वाले अधिकतर लोग इसे नजरंदाज कर देते है। रेजिस्टेंस बैंड सुविधाजनक है। उसका रख-रखाव आसान है और इससे पूरे body का exercise हो जाता है। कार्डियो workout से पहले 15 से 18 सेट अलग-अलग के रेजिस्टेंस बैंड के साथ व्यायाम करना चाहिए। इसके साथ weight करना इसे और प्रभावी बना देता है।

4-  बोसू बॉल
 
मुंबई के celbrity trainer विनोद चन्ना कहते है,’ अक्सर gym में लोग छोटे gadget की उपेक्षा बॉल एसाइडस, स्विस बॉल, मेडिसिन बॉल, बैटल रोप आदि से exercise करना संतुलन, गति और चुस्ती तीनो को बढाता है। इससे मजबूती भी बढती है और लचीलापन भी।‘ चन्ना कहते कहते है,’ वे अपने clients को बासू बॉल की सलाह अवश्य देते है। आधी गोलाकार यह बॉल स्क्वेट्स, पुश-अप्स के लिए ideal है। यह body के उपरी भाग की मांशपेशियो की सक्रियता बढ़ाती है। आप जब इस तरह की exercise जमीन पर करते है, तो केवल एक मांसपेशी पर काम कर रहे होते है, पर बोसू बॉल से सभी important मांशपेशियो सक्रिय होती है और संतुलन में भी सुधार होता है। इससे चोटिल होने की आशंका कम होती है। weight training के साथ इसे करना अच्छा रहता है।‘

5-  फॉम रोलर है Stretch से बेहतर 

पिंडलियों और टखने की fitness की बात आती है तो stretch से बेहतर फॉम रोलर साबित हो सकता है। यहाँ तक कि हाथ से मालिश करना भी प्रभावी होता है। february 2014 में international journal of sports physical therapy में छपे study के अनुसार, stetic streching से आशय है कि एक स्थिति को एक minute तक hold रखना। रोलर में एक साथ कई movements exercise हो जाता है। dynamic streching के साथ फॉम रोलर को शामिल करना लचीलापन बढ़ाता है और साथ ही body के उन हिस्सों का exercise भी होता है, जो आमतौर पर रह जाते है।

6-  पुश-अप्स नही डम्ब-बेल्स 

कंधो को सुगठित बनाना चाहते है? पुश-अप्स की तुलना में डम्ब-बेल्स प्रभावी होगे। american 
council on exercise नामक nonprofit fitness education and research institute के study के अनुसार, ideal workout में डम्ब-बेल्स भी शामिल होगे। खासकर सामने की ओर के कंधो के exercise के लिए ये काफी प्रभावी होगे। यूँ भी पुश-अप्स व् पुल-अप्स जैसे body weight exercise आसान नही होते, जबकि डम्ब-बेल्स में हल्के वजन के अभ्यास से ही मांसपेशियां आकार लेने लगती है।

7-  पसीना निकलेगा तो Bacteria रहेगे दूर

gym करना केवल body को टोन नही करता, ये bacteria के खिलाफ body को मजबूती भी देता है। proceeding of the natural academy of science में प्रकाशित study के अनुसार, human body से निकलने वाले पसीने में bacteria को नष्ट करने वाले protein की उपस्थिति होती है। 
पसीना रोगाणुओ से लड़ता है, body से toxin बाहर निकलते है और रोम छिद्रों की सफाई होती है। 




 
 






Monday, March 14, 2016

Job ढूंढने की Cyber Window

Cyber Window


उस रोज मै job बांटने का दावा करने वाली तमाम websites पर मगजमारी करने के बाद facebook पर दूसरो के post like करके timepass कर रहा था। अचानक मेरी नजर एक friend की wall पर दिख रहे ‘fresher job seeker group’ पर ठिठकी। group का homepage खोला तो अपने जैसे कई job ढूंढ रहे लोग नजर आये। कुछ सोचकर मैंने भी वह group join कर लिया। group में हम सबका एक ही दर्द था, सो हम बातें भी एक-सी करते। interview में नियोक्ताओ के अच्छे-बुरे लगने वाले सवालों से लेकर salary के मोलभाव करने जैसी हर वो बात, जो हम सबके दिमाग में घुमती रहती थी। job तो नही, लेकिन काफी emotional बल मिला उस group से जुड़ने के बाद। आज मै एक अच्छी company में job कर रहा हूँ, पर अभी भी उस group का active member हूँ। गुडगाँव स्थित एक नामी company के management head के blog में लिखा यह experience असल में job तलाश रहे युवाओ के लिए एक उम्मीद की किरण जैसा है। फिर चाहे वे fresher हो, break के बाद वापसी कर रहे professional हो या फिर part time job तलाश रहे युवा ही क्यों न हो।

परखना है जरूरी

कोई job search आपके लिए उपयोगी है या नही, इस बात को परखना आपके लिए बेहद जरूरी है। सबसे पहले जिस तरह की job आप तलाश रहे है, उसके keywords type करके उसे social sites में search करे। अमूमन homepage पर किये गये posts को देखकर यह अंदाजा लग जाता है कि इस group से वाकई में संजीदा लोग जुड़े है या नही। अगर किसी group पर आपके sector से जुडी स्तरीय company की रिक्तियों के post है और बड़ी संख्या में उनके जवाब भी है, तो यह आपके काम का group हो सकता है। इसके अलावा कुछ group में vacancy के link भी दिए होते है, जो किसी स्थापित company की websites के होते है। उनकी विश्वसनीयता भी होती है। वही जिन group में बेहद कम post हो, subject से इतर चर्चाये हो रही हो, उनसे दूर ही रहना बेहतर है।

किस्म किस्म के Group

इन दिनों IT, telecommunication, entertainment, art, banking जैसे विभिन्न क्षेत्रो से जुड़े लोग अपने group बना लेते है और इनमे आने वाली रिक्तियों के बारे में जानकारियां post करते रहते है। कई बार ये group वरिष्ठता के स्तर के आधार पर भी बनाये जाते है। example के तौर पर, अगर IT क्षेत्र के freshers का कोई group बनाया जाता है, तो वह मध्यम और उच्च स्तर की रिक्तियां तलाशने वाले लोगो के लिए उपयोगी नही होगा। इसके अलावा कई बार लोग अपने मुख्य काम के अलावा अतिरिक्त आय के लिए part time job भी तलाशते है। ऐसे में वे अपनी रूचि के part time job से सम्बंधित group join कर सकते है। इतना ही नही, social sites पर location के आधार पर भी बहुत सारे group बने हुए है। अगर आप किसी खास शहर में ही job की तलाश कर रहे है, तो उस शहर की रिक्तियों से संबंधित group join कर सकते है। बहुत सारे job seeker group में employer यानि job देने वाले भी जुड़े होते है, जो job तलाशने में मददगार होते है।

बनाये अपना खुद का Job Search Group

दुसरे job search group से जुड़ने के साथ ही आप अपना खुद का job search group भी बना सकते है। group का नाम ऐसा रखे, जिसे पढकर ही उसके feature के बारे में अंदाजा लग जाए, जैसे ‘websites developer jobs in delhi ncr.’ इस तरह के किसी सटीक नाम से group का page बनाने के बाद अगला कदम होगा अपनी जैसी job तलाश रहे दुसरे लोगो को इस group से जोड़ना। social networking websites facebook में आप अपनी पसंद और सुविधा के अनुसार अपने group को open या closed रख सकते है। open यानि कोई member बन सकता है, जबकि closed में admin इजाजत की जरूरत होती है। चुनिन्दा लोगो के job search के लिए closed group बेहतर रहता है, वही अगर आप अपना network का बढ़ाना चाहते है तो आप चाहे तो group के सभी member की एक meetings भी आयोजित कर सकते है। अगर आपके इलाके में ‘resume training workshop’ जैसी कोई गतिविधि हो रही है तो आप इसके बारे में अपने group के दुसरे member को बता सकते है। group के member किसी subject पर एक साथ online आकर चर्चा भी कर सकते है।

जाने LinkedIn Group को

आज अधिकतर professional का linkedin account है, लेकिन उनमे से ज्यादातर लोग इसके group नामक feature के बारे में नही जानते है। इन group से कोई भी person बिना कोई शुल्क अदा किये जुड़ सकता है। ये group आपको ऐसे लोगो से जुड़ने का platform देते है, जो future में आपके employee, निवेशक, partner, या customer बन सकते है। इसके अलावा इन group में discussion board और news section आदि भी है, जो networking के बेहतरीन मौके देते है। group में होने वाली चर्चाओ का हिस्सा बन कर आप अपनी विशेषज्ञता के अनुरूप अपने विचार comments के जरिये दूसरो के सामने रख सकते है। आप अपने college, company या किसी विशेष क्षेत्र से सम्बंधित job seeker group join कर सकते है।

Social Media से परखे जाते है तथ्य

आजकल HR social media का काफी इस्तेमाल करने लगा है। यह उम्मेद्वारो को तलाशने का एक अच्छा जरिया है। इनमे आजकल कोई vacancy post करने पर बहुत से उम्मीदवार अपना CV भेजते है। अगर किसी उम्मीदवार के CV और interview में कही गई कोई बात संदिग्ध लगती है, तो हम उसके social media profile की मदद से तथ्यों को परखते है। whatsapp पर भी आजकल लोग job search group बनाते है। मेरे कई परिचित मुझे भी ऐसे group से जोड़ते है और कोई रिक्त होने पर मै उन्हें बताती भी हूँ।

-‘प्रियंका राठौर, सीनियर एचआर, हेज इंडिया एंड कंपनी ‘

अपनी Industry के अनुभवो लोगो से मिलते- जुलते रहे

1-  अपने क्षेत्र के ज्यादा से ज्यादा प्रबुद्द लोगो से मिले। फिर चाहे वह online हो, या व्यक्तिगत रूप से। ऐसे लोग आपको industry में मौजूद रिक्तियों के बारे में सूचना दे सकते है। अगर उन्हें problem न हो तो उन्हें अपने job search group में जोड़े। group के दूसरे member से भी ऐसा ही करने को कहे।

2-  खुद positive रहे और दूसरो को भी positive रहने के लिए प्रोत्साहित करे। negative विचारो को खुद पर बिलकुल भी न हावी होने दे।

3-  group के member से बातचीत करने का समय निकाले। बहुत दिनों तक group पर कोई activity न होने पर उसके member की सक्रियता घट सकती है। इससे group अपने उद्देश्य से भटक सकता है।

4-  group के member को सक्रिय बनाये रखने के लिए group की गतिविधियों को दिलचस्प बनाये। हर एक या दो महीने पर online या व्यक्तिगत मीटिंग रख सकते है। हर बार अलग-अलग members की meeting लेने की जिम्मेदारी दे। meeting का समय सबकी सुविधा और उपलब्धता का ध्यान रखे।

5-  अगर group के किसी member को कोई success मिलती है तो उसे group में सेलिब्रेट करे। सफल होने वाला member अपने experience सबके साथ बांटे, ताकि बाकी member भी उनका फायदा उठा सके। job पाने के बाद भी वे member group से जुड़े रहे, जो अच्छा होगा। वे बाकी member को प्रेरित करने और job तलाशने में मददगार साबित हो सकते है।