Sunday, October 30, 2016

Freelancing करें तो इन बातों पर दे ध्यान

freelancing

अगर आप job के साथ-साथ freelancing करने का मन बनाते है तो office और freelance काम में संतुलन बनाये रखना बेहद जरूरी है। इस दौरान ध्यान रखें ये 6 important बातें:

Important लोगो को भरोसे में लें:

काम के साथ freelancing करने के लिए अपनी company के HR से स्वीकृति ले सकते है, साथ ही important लोगो को भी इस बारे में अवगत कराएं, ताकि कोई और इस बारे में गलत तरीके से बात न फैलाये।

Freelancing का समय निर्धारित हो

freelancing के लिए एक निश्चित समय तय कर लें ताकि आपका office का काम प्रभावित न हो। freelance काम message या mail पर मंगाए और office में इस काम से जुड़े phone call के लिए भी सख्त मनाही रखें।

Office के समय में Freelance न करें

जब office का time हो तो अपनी कार्यक्षमता बढ़ाने पर ध्यान दें। freelance काम office के समय के बाद करें।

Time Management

office और freelance काम में वरीयता का ध्यान रखें। अगर freelance काम की वरीयता है तो उसे उसी दिन खत्म करने का प्रयास करें। फुर्सत के समय में freelancing कर सकते है।

क्षमता के अनुसार लें Freelance काम

जितना संभव हो पाए, उतना ही freelance काम लें।

रहे सतर्क


अगर अपनी company का freelance काम लेते है तो अत्यधिक सतर्क रहें। अपने नियमित काम के बाद बचे हुए समय में वह काम करें। जिस काम के लिए वायदा करें, उसे पूरा भी करें। company में freelancing करने पर feedback लेना आसान है। 





Friday, October 28, 2016

Computer के माध्यम से Business शुरू करना

business by computer

अगर आप computer के जानकर हैं, social media पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराते हैं तो आपके लिए अपनी income में इजाफा करना मुश्किल नही है। इसके लिए income कैसे कर सकते है, आईये जानते हैं-

अगर आपको computer के कुछ basic software की जानकारी है और internet चलाने की भी समझ रखते है, तो अपने ज्ञान में थोड़ा सा इजाफा करके आप बड़े लक्ष्य हासिल कर सकते है और बेहद कम समय में अपना स्वतंत्र काम शुरू कर सकते है या अपने city में ही अपने लिए उपयुक्त job के मौके तलाश सकते है। विशेष रूप से rural area और छोटे शहरों में computer के जानकर लोगो की काफी मांग है। computer को अपनी तरक्की की सीढ़ी बनाने के कुछ तरीकों के बारे में आईये जानते हैं-

Online

rural area में और छोटे शहरों में pen card, जाति प्रमाण्पत्र, marriage certificate आदि के लिए online आवेदन किया जा सकता है। अगर इन प्रमाणपत्रों के form online भरवाए जाएँ तो प्रत्येक form पर 50-100 रूपये charge कर सकते है। इसके अलावा exam के result online जानने के लिए प्रति person 10-20 रूपये charge कर सकते है। आजकल ज्यादातर सरकारी और गैर सरकारी job के लिए आवेदन online मांगे जाते है। ऐसे में सम्बंधित job की जानकारी का banner अपनी shop पर लगा सकते है और online आवेदन के लिए प्रति person 50-100 रूपये charge कर अच्छी कमाई कर सकते है। छोटे शहरों में परिजनों को पैसे भेजने में भी problem होती है। इसके लिए online banking से पैसे transfer करने का काम कर सकते है और राशि के आधार पर एक निश्चित फीस वसूल कर सकते है। इस तरह अगर सुबह से शाम तक आपके पास लोग इस तरह के काम लेकर आते है तो आप आसानी से रोजाना 800-1000 रूपये तक कमा सकते है।
इसके साथ ही आप pan card बनवाने का भी काम कर सकते है। इसके लिए online 49 form भरा जाता है, जिसमे व्यक्ति से सम्बंधित सभी सूचनाएं भरी जा सकती है। UTI bank, Axis bank, इन टाइम आदि के पास 105 रूपये की फीस जमा करने पर सात दिन में pan card बनकर तैयार हो जाते है। प्रति pan card आप 100-200 रूपये तक charge कर सकते है।

Design Studio

अगर आप multimedia, animation,adobe,Photoshop और pi-casa software पर काम सीख लेते है तो print media के लिए banner design कर सकते है। pi-casa जैसे software पर काम करने से editing, photo का कोलाज बनाना आसान हो जाता है। नये school या showroom आदि के प्रचार के लिए newspaper में दिए जाने वाले poster design कर सकते है। छोटे शहरों में फ़िल्में दिखाएँ जाने के दौरान सिनेमाघर में poster और स्टिल photo से बने video भी काफी प्रभावी हो जाते है। प्रचार सामग्री बनाने का काम आपके पास बहुतायत में आने लगता है तो आप आसानी से 25,000- 30,000 रूपये तक कमा सकते है। school में आजकल तरह-तरह के project बनाने का काम दिया जाता है, जो आप इन्ही योग्ताओं के बल पर कर सकते है। जानवरों, वनस्पति,मैथ्स समसामयिक subjects पर आधारित subject पर आप प्रति project के हिसाब से charge ले सकते है। ज्यादा तकनीकी काम के लिए आप 50-100 रूपये तक charge कर सकते है। multimedia,animation,Photoshop,pi-casa की जानकारी टैटू मेंकिंग में भी काम आ सकती है।

Accounting बड़े काम की

अगर आपने programming language-c, database,accounting और telly जैसे software पर काम सीखा हुआ है तो छोटे store के बही-खाते computer पर संचालित कर सकते है और इसका training भी दे सकते है। छोटी-बड़ी फर्म,retail,bank,showroom, गैर banking वित्तीय संगठन में computer accountant की job मिल जाती है। इसमें experience के आधार पर शुरुआत में 15 से 25 हजार और बाद में 30 से 40 हजार रूपये तक मासिक कमा सकते है।

इसी योग्यता के साथ आप कामकाजी लोगो के form 16b के आधार पर online return file करने का भी काम कर सकते है। इसके लिए आप प्रति person 300 रूपये तक वसूल कर सकते है। अतिरिक्त आमदनी के लिए आप passport और voter-id के online आवेदन करने का काम कर सकते है और प्रति person 50-100 रूपये तक वसूल सकते है।

बनाएं Resume

job के लिए आवेदन करने पर resume तो आवश्यक होता ही है, लेकिन कुछ विशेष तरह की job के लिए आजकल visual resume भी मंगाए जाते है। अगर visual resume बनाना सीख लेते है तो उसके लिए अतिरिक्त charge वसूल सकते है। diploma in computer application (DCA) के तहत image processing और MS office की जानकारी resume बना सकते है। visual resume के लिए movie maker और VCD cutter पर काम सीख ले। इसके अलावा english-hindi typing से जुड़ा काम ले सकते है। हाथ से लिखे matter की typing से भी अच्छी कमाई कर सकते है। इन कामों में आप 20,000 रूपये तक कमा सकते है।

Cyber Cafe

cyber cafe खोल कर कई तरह से कमाई कर सकते है। internet,surfing, online tv-mobile recharge, बिजली बिल भरने के जरिये आप प्रति person शुल्क वसूल सकते है। scanning printing के लिए charge कर सकते है। DCA  का training लेने वाले cyber cafe खोलने के बारे में भी सोच सकते है। इसे शुरू करने में भी लागत ज्यादा आती है। cyber cafe चलाने के लिए technical problem से निपटना भी आना चाहिए। साथ ही quick heal, मैकएफ, firewall जैसे antivirus software install और update करने की जानकारी होनी चाहिए, क्योंकि cyber cafe में आने वाले लोग कई ऐसी websites भी खोलते है, जिससे system में virus आ सकते है।








Tuesday, October 25, 2016

Spices में छिपी Health

spices में छिपी health



आहार विशेषज्ञों की मानें तो भोजन का test बढ़ाने वाले मसाले health को भी दुरुस्त रखते है। इनके चिकित्सीय गुण रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते है और उदासी को भी आपसे दूर रखते है।

लाल मिर्च

weight कम करने का प्रभावी तरीका ढूंढ रहे है? अपने खाने को सूखी लाल मिर्च से मसालेदार बनाएं। america की परड्यू university के एक study के अनुसार, लाल मिर्च खाने से न सिर्फ भूख नियंत्रित रहती है, बल्कि भोजन के बाद calorie की खपत भी अधिक होती है। मिर्च में मौजूद कैपसोनिन तत्व भूख को कम करता है और body के ताप को बढ़ाता है। सामान्य स्थितियों में energy की खपत अधिक होती है। मिर्च काटने की बजाय उसे साबुत ही इस्तेमाल में लाना चाहिए, इससे मिलने वाला स्वाद प्रक्रिया के लिए अधिकतम लाभकारी होता है।

लौंग

भारत, इंडोनेशिया, ब्राजील व् फिलीपींस में लौंग का उत्पादन काफी बड़े स्तर पर होता है। लौंग का इस्तेमाल भोजन की खुशबू और flavor दोनों को बढ़ाता है। लौंग का तेल दर्द को कम करता है। खासतौर पर दांत के दर्द में इससे आराम मिलता है। जुकाम व् जी मिचलाने की स्थिति में लौंग को चूसना या गर्म पानी में उबालकर लेना तुरंत राहत देता है। लौंग वाली चाय infection व् पाचन सम्बन्धी गडबडियों में राहत देती है। लौंग antibiotic गुणों से भी भरपूर है।

हल्दी

infection से लड़ने में इस मसाले का जवाब नही। हल्दी को पीला रंग देने में सहायक करक्यूमिन तत्व को anti-oxidant से भरपूर व् swelling कम करने के खास गुणों के लिए जाना जाता है। ‘The american journal of cardiology’ में प्रकाशित एक study के अनुसार बाइपास के मरीजों में हल्दी में मौजूद यह element heart attack की आशंका को रोक सकता है। सही मात्रा में इसे लेना heart को health रखता है। एक दिन में 1 ग्राम हल्दी पर्याप्त है। हल्दी को bones की सेहत के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। इतना ही नही हल्दी के सेवन से सेरोटोनिन hormones बनता है, जो ख़ुशी का एहसास कराता है।

सौंफ

सौंफ के दानों में iron,phosphorus,calcium, magnesium और zinc प्रचुरता में होता है। वर्ष 2013 में ‘यूरोपियन सोसाइटी ऑफ़ ह्यूमन रिप्रोडक्शन एंड एंब्रियोलॉजी कांफ्रेस’ में पेश एक report में सौंफ के दानों को पीरियड्स से पहले होने वाले pain यानी प्रीमेंस्टुअल सिंड्रोम में राहत देने में प्रभावी माना है। आहार विशेषज्ञों के अनुसार सौंफ के दानों और उसके अर्क में iron व् calcium होता है, जिसे आठ सप्ताह तक नियमित सेवन करने से मेन्सटुअल दर्द कम होता है।

दालचीनी

आयुर्वेद व् चीनी medicine में इसे इस्तेमाल किया जाता है। इसे दर्द व् swelling कम करने में प्रभावी माना जाता है। सामान्य जुकाम में दालचीनी व् अदरक की चाय पीना काफी राहत देता है। ‘जौर्नेल ऑफ़ द अकादमी ऑफ़ न्यूट्रीशन एंड डायटिटिक्स’ में प्रकाशित study के अनुसार प्रतिदिन 6 ग्राम दालचीनी का सेवन अगले दो घंटे में रक्त शर्करा को 25% तक कम करता है। इससे मधुमेह की आशंका कम होती है। चौथाई छोटी चम्मच दालचीनी powder से blood glucose काबू में रहता है और insulin लेवल में सुधार होता है।



                                  Smartphone Syndrome




Saturday, October 22, 2016

Smartphone Syndrome

smartphone syndrome

smartphone के मरीजो की संख्या दिनोंदिन बढ़ रही है। इतना ही नही, problem के नाम भी ‘smart’ हो रहे है, जैसे बैड स्मार्ट फ़ोन पॉस्चर, mobile vision syndrome, cellphone एल्बो और टेक्स्ट क्लॉ आदि। बच्चे हो या बड़े, सब इनकी गिरफ्त में है।

एक government bank में काम करने वाले Delhi निवासी आनन्द प्रकाश बेहद परेशान हो गये, जब मनोचिकित्सक ने उनके 15 वर्षीय बेटे को कुछ दिन के लिए hospital में दाखिल करने की सलाह दी। बच्चों व् युवाओं में mobile की बढ़ती लत की स्थिति जब अन्य नशे की लत से पीड़ित व्यक्ति के समान हो जाए, तो वाकई internet de-activation center में दाखिल करने की नौबत आ सकती है। हालांकि शुरूआती स्तर पर ही सतर्क हो जाने पर केवल counselling व् कुछ medicine से काबू पाया जा सकता है।

बच्चे हैं सबसे अधिक शिकार

theory of cognitive development के अनुसार शारीरिक गतिविधियों बच्चों की motor skill विकसित करने में मदद करती है। मिटटी व् क्ले से खेलना या दौड़ने-भागने जैसी गतिविधियों का जो असर body की सम्पूर्ण सेहत पर पड़ता है, वह virtual दुनिया से नही मिलता।

जापान सइतोकु university में हुए एक research के अनुसार mobile के जरिये संवाद पर आश्रित होने से बच्चे सांकेतिक भाषा और शारीरिक हाव-भाव नही सीख पाते। उनकी संवेदनशीलता में कमी आने के अलावा बच्चों में गुस्सा, चिड़चिड़ापन व् एकाग्रता में कमी जैसे लक्षण भी बढ़े हैं। यहा तक कि उनकी इस लत का असर उनके परीक्षा के नतीजों पर भी पाया गया है।

Mobile की लत के लक्षण

1-  उँगलियाँ,कलाई,आँख व् गर्दन में pain रहना। सिर भारी रहना

2-  अनिद्रा

3-  depression, आक्रोश और तेजी से मूड बदलना।

4-  खुद को mobile चलाने से रोक न पाना

5-  friends व् family के साथ होने पर भी बेचैनी होने लगना

6-  कान में mobile की घंटी सुनाई देने का भ्रम होना

रोगों के smart नाम

टैक्स्ट क्लो और सेल फ़ोन एल्बो दो शब्द है, जो mobile पर अधिक typing से होते है। इससे कलाइयों व् उँगलियों में swelling और हाथ देर तक एक ही स्थिति में रहने से कोहनी में अकड़न आने लगता है। बहुत अधिक smartphone इस्तेमाल करने वालों में हाथ और कलाई की यह problem काफी तेजी से बढ़ रही है। इसी तरह ‘टेक्स्ट नेक’ शब्द, गर्दन की मांशपेशियों में खिंचाव से आई चोटों से जुड़ा है। यह problem typing के बजाय mobile पर अधिक game खेलने से होती है। विशेषज्ञों के अनुसार बच्चों व् किशोरों में गले व् कंधो की मांशपेशियों में दर्द के मामले पहले से बढ़े है।

कानों की बढ़ती problem

घर, बाहर,office, व्यायाम और यहाँ तक कि सड़क पर चलते और driving करते हुए, earphone का इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जा रहा है। accident आदि की घटनाएँ तो है ही, विशेषज्ञों के अनुसार पहले की तुलना में किशोर पीढ़ी टिनीनस ( कान में आवाज गूंजने की problem) से अधिक जूझ रही है। इसे बहरेपन की शुरूआती चेतावनी के तौर पर लेना चाहिए। किशोरावस्था में इसके उपचार पर ध्यान न देने पर 30 से 40 साल की उम्र के होने तक बहरापन हो सकता है। हालाँकि पहले टिनीनस को उम्रदराज लोगों की problem से जोड़ कर देखा जाता था।

क्या है उपचार: इस मामले में अभिभावकों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि वे किशोरों में इस आदत को बढ़ने से रोकें। earphone इस्तेमाल करते समय आवाज को कम रखें, साथ ही लगातार न सुनें।

Mobile Vision Syndrome

लगातार texting करने के दौरान आँख व् phone के बीच की कम दूरी आँखों से जुड़ी कई problem पैदा कर रही है। आँखों में pain रहना, धुंधला दिखाई देना, आँखों की नसें कमजोर होने लगना व् सिर दर्द की शिकायत होना आम बात है। दरअसल देर तक स्क्रीन देखने पर हम सामान्य से कम आँखे झपकाते है, जिससे डाईआई की problem बढ़ जाती है। इतना ही नही, देर रात तक स्क्रीन देखने से brain में नीद को active करने वाले रसायन मेलाटोनिन का स्राव ढंग से नही हो पाता। यह रसायन, रोशनी और अँधेरे का विशलेषण करता है। इसकी कमी होने से brain तक सोने का सन्देश नही पहुंच पाता और व्यक्ति को अनिद्रा की शिकायत रहने लगती है।

क्या है उपचार: mobile text हमेशा बड़े font size में पढ़े। phone को चेहरे से लगभग 16 इंच की दूरी पर रखें। 20-20-20 का नियम इस्तेमाल करें। यानी हर 20 minute बाद किसी 20 foot की दूरी पर रखी चीज को 20 seconds देखें। सोने से कम से कम आधे घंटे पहले सभी gadget बंद कर दें। आँखे झपकाते रहें।

मन की सेहत का रखें ध्यान

america में हुए research की report बताती है कि लोगों में बिना किसी alert या जरूरत के mobile जांचते रहने की प्रवृति बढ़ी है। हर समय social networking से जुड़े रहने की जरूरत तन व् मन को तनाव मुक्त नही होने देती। देर तक किसी का message न आना या फिर post पर कोई comment न मिलना tension और एंजाइटी का शिकार बना रहा है। एक study के अनुसार अगर दो या अधिक mobile लोग आपस में बातचीत कर रहे हैं, तो इस दौरान mobile हाथ में थामे व्यक्ति के प्रति दूसरे व्यक्तियों में negative भावना का संचार होता है। हर चीज mobile में सुरक्षित रखने की आदत हमारी डिक्लेरेटिव memory यानी चीजों को याद करने की क्षमता को नुकसान पहुंचा रही है। सूचनाओं को विस्तार में समझने का चलन भी घटा है। लोगों में multitasking की प्रवृति बढ़ी है, जिससे लोग हर समय दो से अधिक काम करते है, जो health के लिए अच्छा नही है।

खतरे  की घंटी!

1-  mobile इस्तेमाल करते समय हर एक इंच सिर को आगे झुकाना रीढ़ पर दो गुना और गर्दन पर तीन गुना अधिक वजन डालता है।

2-  चार में से एक आँखों के मरीज में pain का कारण mobile की छोटी screen पर पढ़ना और game खेलना पाया जाता है।

3-  WHO के अनुसार, गाड़ी चलाने के दौरान mobile के इस्तेमाल से सड़क accident के मामलों की आशंका तीन से चार गुना बढ़ गयी है।

4-  सामान्य तौर पर हम एक minute में 15 बार आँख झपकाते है, पर mobile देखते समय यह संख्या आधी हो जाती है।

5-  हर रोज 10 से 20 minute phone पर बात करने वालों की तुलना में 2 घंटे बात करने वालों में सुनने से जुड़ी problem की आशंका बढ़ जाती है।

6-  अच्छी selfie लेने के लिए सिर को 60 degree तक झुकाना, गर्दन व् कंधे के पास की रीढ़ की हड्डी पर सात साल के बच्चे के भार जितना वजन डालता है।




  
  





Tuesday, October 18, 2016

सरकारी बांड में निवेश

government bond

Government Bond Investment

government bond में निवेश सबसे अधिक सुरक्षित होता है। इसमे पहले ऊँची आय वाले घरेलू और विदेशी निवेशको को ही अनुमति थी। लेकिन सरकार और reserve bank ने छोटे निवेशको को आकर्षित करने के लिए निवेश प्रक्रिया बेहद आसान कर  दी है। आम निवेशक महज 10,000 रूपये bond खरीद सकते है। ब्याज दरें घटने की स्थिति में bond का निवेश और ज्यादा आकर्षक हो जाता है।

क्या है Government Bond 


सरकार पूंजी जुटाने के लिए जो ऋण पत्र(प्रतिभूति) जारी करती है उसे bond कहते है। इसे सरकारी प्रतिभूति(जी-सेक) के नाम से भी जाना जाता है। इसकी कई श्रेणियां होती है। इसमें तय ब्याज को कूपन रेट कहा जाता है। इसकी अवधि 14 दिन से लेकर 30 साल तक होती है।

कितना मिलेगा ब्याज

bond पर ब्याज दर reserve bank के रेपो दर के आधार पर तय होता है। मौजूदा समय में रेपो रेट 6.50% है। ऐसे में सरकारी bond पर 6.50 से 7% के बीच ब्याज मिल रहा है। bond की ब्याज दर और रेपो रेट में विपरीत सम्बन्ध होता है। जब ब्याज दरें घटती है तो bond पर यील्ड(return) बढ़ जाता है जिससे वह ज्यादा आकर्षक हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है कि जब ब्याज दरें घटती है तो पुराने bond की मांग बढ़ जाती है क्योंकि उसपर नये के मुकाबले ज्यादा ब्याज की पेशकश की गई होती है। इससे मांग के मुकाबले आपूर्ति कम रहती है जिसका फायदा निवेशक उठाते है। अगले कुछ महीनों में reserve bank की ओर से दरों में कटौती की उम्मीद है। ऐसी स्थिति में वर्तमान में bond में किया गया निवेश उस समय ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है।

Online खरीदने की सुविधा

government क्षेत्र का IDBI bank अपने online platform के जरिये छोटे निवेशकों को सीधे सरकारी bond खरीदने की सुविधा पहले से दे रहा है। वहीं निजी क्षेत्र का axis bank भी इसी तरह की सुविधा दे रहा। लेकिन reserve bank ने हाल में ही demat खाताधारको को सीधे सीधे online platform से bond खरीदने की सुविधा देने के लिए bank से कहा जा रहा है। share की खरीद के लिए demat खाता जरूरी होता है। आपके पास यदि demat खाता है और आपका bank clearing corporation of india limited (CCIL) से इस सुविधा के लिए जुड़ा हुआ है तो bank से bond खरीद-बिक्री सुविधा ले सकते है। IDBI और axis bank के अलावा इसके पहले CCIL के जरिये सब्सिडीयरी जेनरल लेजर (SJL) खाते के माध्यम से phone से order कर bond की खरीद होती थी। इसके लिए bank खाता का CCIL से link जरूरी था। यह प्रक्रिया आम निवेशकों के लिए बेहद पेचीदा थी।

किफायती निवेश

online आसान खरीददारी की सुविधा से bond में निवेश छोटे निवेशकों के लिए किफायती है। इसमें किसी प्रकार का उन्हें कमीशन नही देना पड़ता है और केवल demat खाता का सालाना रखरखाव शुल्क चुकाना पड़ता है। सीधे खरीददारी की बजाय निर्धारित डीलर के माध्यम से bond की खरीद पर आधा फीसदी तक शुल्क चुकाना पड़ता था जिसका सीधा असर bond के return पर पड़ता है। यदि bond पर 6.50% ब्याज निर्धारित है तो आधा फीसदी शुल्क चुकाने के बाद अंतिम तौर पर return 6% ही मिलेगा। एक demat खाता में आप share, share से जुड़े mutual fund, gold bond और अन्य सरकारी bond का विवरण रख सकते है। इससे भी अलग-अलग account खोलने के लिए होने वाले खर्च की बचत होती है।

कभी भी बेचने की सुविधा

bond भले ही 30 साल तक की अवधि के लिए जारी किये जाते है। लेकिन इसे जरूरत पड़ने पर share market में किसी भी कारोबारी दिन बेच सकते है। लम्बी अवधि का निवेश होने की वजह से share market में मांग कम होती है। लेकिन ब्याज दरें घटने पर इसमे मुनाफा कमाकर बेचने की संभावना हमेशा रहती है। आपने 6.50% ब्याज वाला bond 10 या 20 साल की अवधि के लिए खरीदा और छह माह बाद ही रेपो दर घटकर 6% हो जाती है। ऐसे में share market में आपके bond को 6.40% पर खरीदने वाले लोगो की मांग बढ़ सकती है। इससे आप महज छह माह में इतना मुनाफा कमाकर bond बेच सकते है। जबकि इसके लिए आपको 10 या 20 साल तक इंतजार करना पड़ता।

Gold Bond पर विकल्प

gold bond भी सरकारी प्रतिभूति के तहत आता है। सरकार वर्तमान में इस पर 2.75% ब्याज दे रही है। आप एक ग्राम सोने के मूल्य का bond भी खरीद सकते है।

कुछ बातें

1-  10,000 रूपये न्यूनतम निवेश की सीमा है bond में छोटे निवेशको के लिए

2-  6.50% से 7% return पर कारोबार कर रहे सरकारी bond बाज़ार में

3-  7.50% के करीब ब्याज मिल रहा है लम्बी अवधि की FD पर

4-  2% तक शुल्क काट लेते है bank समय से पहले FD बंद करने पर


  

Equity SIP के जरिये Share में निवेश पर मोटा Return 

 Equity SIP के जरिये Share में निवेश पर मोटा Return




  

Sunday, October 16, 2016

Motivational Quotes


1-  बोलना और सुनना, दोनों का life पर गहरा असर होता है लेकिन हमें बोलना तो अच्छा लगता है, सुनना नही। न हम खुद को सुनते है, और न ही औरो को जब दूसरे बोलते है, तब हम प्रतीक्षा कर रहे होते है अपनी बारी की। क्या बोलेंगे, यही सोचते रहते है। दार्शनिक जिद्दु कृष्णमूर्ति कहते है, ‘हम जितना सुनते है उतना सीखते है। दूसरो को ध्यान से सुनना केवल शब्दों को नही, उनके सभी एहसासों को भी सुनना है।‘

2-  धन होगा तो सुख आ ही जायेगा। ऐसा ही सोचते है हम। पर क्या आप वाकई ऐसे व्यक्ति से नही मिले, जिसके पास पैसा हो, पर खुशियाँ नही? या फिर पैसा नही था, तो भी success हुए? कहां से आते है सुख- दुःख? बैंजामिन फ्रैंकलिन ने कहा है, ‘पैसा आदमी को ख़ुशी नही देता और न ही कभी देगा। इसकी nature में ऐसा कुछ नही है, जो ख़ुशी दे सके।‘

3-  दूसरो से प्रशंसा पाने का लोभ आसानी से नही छूटता। दूसरो का हमे मानना, हमें अपने होने का एहसास कराता है। यही वजह है कि प्रशंसा पाने के लिए हम झूठ का सहारा लेने से भी नही हिचकिचाते। Famous Writer महादेवी वर्मा के अनुसार, अपने विषय में कुछ कहना प्राय: बहुत कठिन हो जाता है। अपने दोष देखना आपको अप्रिय लगता है और उनको अनदेखा करना औरों को।

4-  60 में पहुंचकर मन 20 का होने के लिए मचलने लगता है। ये नही कर सके, वो नही किया जैसे कई मलाल life को उदास बनाने लगते है। famous और लोकप्रिय अमेरिकी writer मार्क ट्वेन कहते है, ‘life अनंत खुशियों भरा होता है, यदि हम 80 की उम्र में पैदा होते और धीरे-धीरे 18 की उम्र में पहुँचते।

5-  नही अच्छा लगता कि कोई हमें मुर्ख या पागल कहे। विषय की जानकारी न हो तो भी चार जनों के सामने बोलने में शान महसूस होती है। लेकिन किसी ने खूब कहा है कि बेहतर है कि चुप रहे और लोगो को सोचने दे कि आप मुर्ख है, बजाय इसके कि आप मुहं खोलकर दूसरो के संदेह को पक्का कर दे।

6-  तन और मन एक-दुसरे के साथी है तो दुश्मन भी। अमेरिका के प्रथम राष्ट्रीय कवि हेनरी वड्सवर्थ लॉन्गफेलो के अनुसार,’मन शरीर पर शासन करता है। यदि वह लगातार अपने दास को रौदता है, तो दास कभी इतर उदार नही होगा कि वह घावों को भूल जाए। एक दिन उठ खड़ा होता है और अपने शासक को हरा देता है।

7-  हम चाहते है कि जो हम है, लोग हमें उसी रूप में प्यार करें। गुस्सा आता है, जब कोई हमें बदलने की कोशिश करता है। लेकिन जब बात दूसरों की होती है, तब हम ऐसा नही सोचते। हमे लगता है कि हम ही बेहतर जानते हैं कि उनके लिए क्या अच्छा रहेगा। महान सूफी संत रूमी ने कहा है,’कल मैं चालाक था, इसलिए दुनिया को बदलना चाहता था। आज मैं समझदार हूँ, इसलिए खुद को बदल रहा हूँ।‘

8-  हम ना चाहते हुए भी कामों को टालते रहते है। कभी लगता है कि समय सही नही है, तो कभी हम पूरी तरह से तैयार नही होते। सपने बंद आँखों के अंधेरों में भटकते रहते हैं। लगता है कि बहुत समय है, बाद में पूरे कर लेगे। पर क्या वास्तव में हम जानते हैं कि कितना समय शेष समय है? फ़्रांसीसी कवि व् उपन्यासकार पॉल वेलेरी कहते है,’ सपनों को पूरा करने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है कि हम नीद से जाग जाएँ।‘

9-  कुछ सोचते है कि किसी ने हमारे लिए किया ही क्या है? कुछ को लगता है कि हमारी जिन्दगी तो दूसरे ही चला रहे है। कुछ मतलब निकलते ही सब भूल जाते है। कुछ हवा, धूप, पानी से लेकर सड़को पर बने दिशा-निर्देशों तक का आभार व्यक्त करते है। कृतज्ञता एक एहसास है, जो हर किसी में नही होता। कहावत है कि जो छोटे कामो के लिए शुक्रिया नही करता, वह बड़े कामों के लिए भी नही करता।

10- हमारी अपेक्षाओं का अंत नही है। और जो चाहो वह मिल जाए तो ख़ुशी होती ही है। यही वजह है है कि हम ख़ुशी पाने के लिए एक अपेक्षा से दूसरी अपेक्षा पर भटकते रहते है। आज से दूर, कल की ओर भागते है। ‘the way of kings’ में बैंडन सैंडर्सन लिखते है, ‘अपेक्षाएं मिटटी के बर्तन की तरह होती है। आप जितना मजबूती से पकड़ते हैं, उनके टूटने की आशंका उतनी ही बढ़ जाती है।‘

11-काम छोटा हो या बड़ा, अभ्यास से ही हो सकता है। किसी की सफलता पर हम तालियां तो बजाते है, पर मन ही मन अपने भाग्य पर कुढ़ने लगते है। tenis player सेरेना विलियम्स कहती है,’भाग्य का इससे कोई लेना-देना नही है। मैंने कई-कई घंटे एक movement पर काम किया है, बिना जाने कि सफलता कब मिलेगी। मैंने केवल खुद पर विश्वास करना सीखा है।‘

12-हम समय के भूखे रहते है। हमेशा समय की मोहलत मांगते रहते है जो काम करने चाहिए, उनके लिए हमारे पास समय नही होता। यूँ गैर जरुरी चीजों में बिताये गये समय का हम हिसाब नही रखते। famous scientist व् thinker बैंजामिन फ्रैकलिन ने कहा है,’क्या तुम्हे अपने जीवन से प्यार है? तो समय व्यर्थ ना गंवाओं, क्योकि जीवन इसी से बना है।‘

13- problem आती है और चली भी जाती है। कुछ इन्हें बहुत seriously से लेते है तो कुछ बहुत हल्के में। कुछ ऐसे भी होते है, जो सब ठीक होने पर भी पिछली चिंताओ को लादे रहते है। मानों जीवन में चिंताएं कम हो गयी तो उनके होने का अर्थ नही रहेगा। Famous नाटककार जॉर्ज बर्नार्श शॉ कहते है, ‘कई लोग अपनी problem से इतना अधिक जुड़े होते है, जितना कि उनकी problem भी उनसे जुड़ी नही होती।‘

14- अक्सर हमारे फैसले दूसरों को खुश करने के लिए होते है। हम खुद को इसी रूप में देखने भी लगते है कि हमारे रिश्ते कैसे है और हम क्या करते है? यूँ आप खुश है तो दूसरों को तरजीह देने में कोई बुराई नही है। problem होती है जब हमारी क्षमताओं व् लक्ष्यों का आधार भी दूसरे बन जाते है।  famous writer पाउलो कोएलो कहते है, ‘जब आप दूसरों को ‘हां’ कहते है, तो यह भी तय करें कि खुद को ‘ना’ नही बोल रहे हैं।‘

15-खुशियाँ इस पर निर्भर नही करती कि हमारे पास क्या है। ये इस पर निर्भर करती है कि जो है, उनके लिए हम कैसा महसूस करते है, अपने रिश्तों व् चीजों के लिए हमारा क्या नजरिया है? थोड़ा होने पर भी खुश रहा जा सकता है और ज्यादा होने पर भी दुखी हो सकते है। दार्शनिक ज्यां पॉल सार्त्र कहते है,’ मेरे पास जो कुछ है, वह मेरे अस्तित्व की पूर्णता को दिखाता है। मैं वो हूँ, जो मेरे पास है... जो कुछ भी मेरा है, वह मैं हूँ।‘







    




Thursday, October 13, 2016

विश्वास की दुनिया


The World of Faith

एक बार एक आदमी रेगिस्तान में कहीं भटक गया। उसके पास खाने-पीने का जो भी सामान था, वह खत्म हो चुका था। पिछले दो दिनों से वह पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहा था। वह मन ही मन जान चुका था कि अगले कुछ घंटो में अगर उसे कहीं से पानी नही मिला तो उसकी मौत पक्की है। पर हिम्मत करते हुए वह चलता रहा।

तभी उसे एक झोपड़ी दिखायी दी। उसे अपनी आँखों पर यकीन नही हुआ। पहले भी वह मृगतृष्णा और भ्रम के कारण धोखा खा चुका था। लेकिन फ़िलहाल कोई चारा नही था। वह अपनी बची-खुची ताकत से झोपड़ी की तरफ रेंगने लगा। इस बार भाग्य साथ था, सचमुच वहां एक झोपड़ी थी! पर ये क्या? झोपड़ी तो वीरान पड़ी थी! मानो सालों से कोई वहां भटका न हो। फिर भी पानी के उम्मीद में आदमी झोपड़ी के अंदर घुसा। अंदर का नजारा देखकर उसे अपनी आँखों पर यकीन नही हुआ। वहां एक हैंडपंप लगा था। पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसता वह तेजी से हैंडपंप चलाने लगा। लेकिन हैंडपंप कब का सूख चुका था। आदमी निराश हो गया। वह निढाल होकर गिर गया। तभी उसे झोपड़ी की छत से बंधी पानी से भरी एक बोतल दिखी! वह किसी तरह से उसकी ओर लपका! वह उसे खोलकर पीने ही वाला था कि तभी उसे बोतल से चिपका एक कागज दिखा। कागज पर लिखा था कि इस पानी का उपयोग हैंडपंप चलाने के लिए करें और वापस बोतल भरकर रखना नही भूलें।
यह अजीब सी स्थिति थी। आदमी समझ नही पा रहा था कि वो पानी पियें या उसे हैंडपंप में डालकर चालू करें। उसके मन में सवाल उठने लगे... अगर पानी डालने पर भी पंप नही चला.. अगर यहाँ लिखी बात झूठी हुई... अगर जमीन के नीचे का पानी भी सूख चुका हो... लेकिन क्या पता कि पंप चल ही पड़े... यह बात सच हो... वह समझ नही पा रहा था कि क्या करे!

कुछ सोचने के बाद उसने बोतल खोली और पानी पंप में डालने लगा। मन ही मन प्रार्थना भी करता रहा। पंप चलने लगा। उसमें से निकल रहा ठंडा पानी किसी अमृत से कम नही था। आदमी ने पानी जी- भर के पिया। दिमाग काम करने लगा। उसने बोतल में फिर से पानी भरा और छत से बांध दिया। वह जाने लगा तो सामने एक और शीशे की बोतल में पेंसिल और कागज देखा। कागज पर रेगिस्तान से बाहर निकलने का नक्शा बना हुआ था। उसने रास्ता याद किया और नक्शे को वापस बोतल में बंद रख दिया। अपनी बोतल में पानी भरने के बाद जब वह चल पड़ा तो फिर मुड़कर वापस आया और पानी से भरी बोतल को उतार कर उस पर चिपके कागज के नीचे कुछ लिखने लगा।


उसने लिखा- ‘मेरा यकीन करिए... ये काम करता है।‘







Tuesday, October 11, 2016

जो सोचा, नही हुआ तो क्या हुआ!



The Thought is not what happened

life में हमेशा वैसा नही होता, जैसा हम सोचते हैं। यह जानते हुए भी कि जब कभी सोचे हुए से कुछ अलग होता है, हम उखड़ने लगते हैं। निराश हो जाते हैं। कई बार match शुरू होने से पहले ही खुद को ‘out’ मान लेते है। और फिर वह सब कुछ धुंधला जाता है, जो उस समय हो रहा होता है या हो सकता है।

life का असली रोमांच plan-b में छिपा है। पर हम अक्सर उससे पहले ही खुद को हार मान लेते है। ये शब्द बातचीत में management के एक professor ने कहे थे। रोजमर्रा में छोटी-बड़ी ऐसी कई बातें होती है, जब चीजें मन मुताबिक नही होती। कभी हम बड़ी आसानी से तालमेल बिठा लेते है, तो कई बार एक ही विचार पर खुद को इतना खपा चुके होते है कि उससे कुछ भी अलग स्वीकार कर ही नही पाते।

हाल में एक friends ईद के दिन सुबह जामा मस्जिद गये। वह कुछ खास photo खीचना चाहते थे। काफी उत्साह था। सब तय कर चुके थे। इतना कि शायद जाने से पहले वे कुछ तस्वीरें भी मन में ही खींच चुके थे। हालाकिं वे जल्दी गये थे, पर वहां जाकर देखा कि नमाज हो चुकी है। लोग बाहर आ रहे थे। इस बात के लिए उनका मन तैयार नही था। वह बुरी तरह उखड़ गये। गुस्सा थे कि उन्होंने किसी से समय की जानकारी क्यों नही ली? वे बाहर से ही लौट आये और फिर दिनभर उदास रहें।

यह पूछने पर कि और भी तो कितना कुछ रहा होगा न वहां? उन्होंने जवाब दिया,’हां था, पर उस समय न उन्हें market दिखा, न रौनक और न ही खिलखिलाते चेहरे।‘

हम सब जानतें हैं

motivational speaker बेरी डेवनपोर्ट कहती है,’ कई बार हम ‘I know everything aptitude’ यानी हम सब जानते है कि तर्ज पर व्यवहार कर रहे होते है। हम मन में ही अपना नक्शा बना लेते है और फिर फिर सब कुछ को उस नक्शे में fit करने की कोशिश करते है, जिससे यात्रा के रहस्यों का हमारा रोमांच अधूरा ही रह जाता है।‘

दरअसल, एक तो हम उतने समझदार होते नही, जितना खुद को मानते है। दूसरा, हम अपनी गलती को बेहतर option से सुधारने में भी असफल रहते हैं। इसी कारण हम उस समय जिन स्थितियों और लोगो के बीच होते है, उनके साथ होकर भी नही होते।

उम्मीदों का hangover

दुःख व् निराशा के समय अक्सर तीन स्थितियां होती है। कभी कुछ हमारी सोच के अनुरूप नही होता, कई बार दूसरों की प्रतिक्रिया दुःख पहुंचाती है और तीसरा कभी हम अपने लिए बहुत ऊँचा सोच लेते है। coach व् speaker क्रिस्टिन हेसलर अपनी पुस्तक ‘expectation hangover: overcoming disappointment in work, love and life’ में इसे उम्मीदों का नशा कहती हैं। उनके अनुसार,’उम्मीदों का नशा alcohol के नशे से भी देर तक रहता है। कभी-कभी मन की सेहत के लिए उससे से भी अधिक नुकसानदायक। प्रेरणा की कमी, अपराधबोध और शमिन्दगी का भाव असफलता से मिले निराशा को और अधि बढ़ा देते है।‘

जितने Option, उतनी ख़ुशी

जिन्दगी को जीने के कई तरीके हो सकते है। एक तरीका है, यही करना कुछ नही और या फिर ये नही तो कुछ और सही। online books लिख चुकी शिखा धवन कहती है, ‘खुद को आजाद रखने का तरीका है कि हम केवल एक option यानी plan-a की सीमित सोच से जितना जल्दी हो सके बाहर आ जाएँ।‘

सवाल है कि plan-b,c और d क्या है? भारतीय दर्शन में इसका जवाब ढूंढे तो यह अधिक से अधिक आज में जीने की कोशिश है।