Monday, August 29, 2016

Equity SIP के जरिये Share में निवेश पर मोटा Return

equity sip

share में निवेश को महंगा option समझा जाता है। इसकी वजह से आम निवेशक इससे दूर रहते है। जबकि equity systemic investment plan (equity sip) के जरिये share में निवेश का सस्ता माध्यम मौजूद है। share में एकमुश्त निवेश की तुलना में इसमें जोखिम कम है। इसमे 20 साल में 20% से भी अधिक का औसत return मिला है।

क्या है Equity SIP

SIP और equity sip mutual fund की scream है। साधारण तौर पर systematic investment plan(SIP) में निवेशक उन mutual fund के scream या fund में निवेश करते है जो share में पैसा लगाते है। इसमें एक अनुपात तय होता है कि कितनी राशि share में और कितनी अन्य माध्यमों में लगानी है। इसके विपरीत equity sip में निवेशक की राशि से स्वयं उसके द्वारा चुने हुए share खरीदे जाते है। इसके लिए राशि और समय पहले से तय होते है। equity sip में साधारण sip की तुलना में जोखिम ज्यादा होता है, पर इसमे return भी जबरदस्त है।

कितना मिलेगा Return

पिछले 10 साल में equity sip में 15% और 20 साल में 20% से भी ज्यादा return मिला है, जो share market के औसत return से भी अधिक है। आज महज एक हजार रूपये equity sip हर माह निवेश कर 20 साल में 20% के अनुमानित return पर करीब 24 लाख रूपये की पूंजी खड़ी कर सकते है। इसमे आपका मूल निवेश महज 2.40 लाख रूपये होगा और शेष मुनाफा होगा। साधारण sip के साथ ही equity sip भी लम्बी अवधि का निवेश है और धैर्य बनाये रखने पर इसमे मोटा return हासिल कर सकते है।

SIP निवेश पर जोखिम घटाता है

share में आप एकमुश्त 12 हजार रूपये लगाते है और एक महीने बाद market में 10% गिरावट आती है तो आपका निवेश घटकर 10,800 रूपये रह जाता है। दो माह बाद यदि 10% की तेजी आती है तो आपका निवेश बढ़कर 11,800 रूपये हो जायेगा। लेकिन इसके बावजूद मूल निवेश से 120 रूपये कम होगा जो सीधे तौर पर नुकसान है। वही sip में आप पहले महीने एक हजार लगाते है तो आपका निवेश घटकर 900 रूपये हो जायेगा। उसके अगले माह एक हजार रूपये निवेश पर आपका कुल निवेश बढ़कर 1090 रूपये हो जायेगा। अब दो माह बाद market में 10% तेजी आती है तो आपका निवेश बढ़कर 2090 रूपये हो जायेगा। इस तरह दो माह में ही आपको 90 रूपये यानी 4.50% का फायदा होगा। जबकि share में एकमुश्त निवेश पर नुकसान उठाना होगा। इस तरह sip के जरिये share में निवेश से जोखिम भी घटता है और मोटा return होने की सम्भावना ज्यादा रहती है।

सस्ता और आसान निवेश

आप sip में 500 रूपये से भी निवेश की शुरुआत कर सकते है। हालाकिं, equity sip में ज्यादातर company एक हजार रूपये से निवेश का option देती है। इसके बावजूद यह छोटी राशि है। छोटी राशि होने से मुश्किल वितीय स्थिति में भी इसमे निवेश जारी रखना आसान है। sip को छोड़कर mutual fund के अन्य scream में सामान्यत 5,000 रूपये न्यूनतम निवेश का option होता है। कुछ मौकों पर वितीय मुश्किल आने या job छूट जाने की स्थिति में तय समय पर इतनी राशि का इंतजाम भी मुश्किल होता है। जबकि sip या equity sip के लिए एक हजार रूपये का इंतजाम मुश्किल नही होता है।

राशि बढ़ाने का सुविधा

equity sip में आप न्यूनतम राशि के बाद निवेश राशि का खुद चुनाव कर सकते है और इसके लिए कई option है। आप अपनी वित्तीय स्थिति के अनुसार राशि का चुनाव कर सकते है। साथ ही आमदनी बढने पर equity sip में निवेश राशि में वृद्दि भी करवा सकते है। ज्यादातर company इसके option देती है। इसी तरह equity sip में आप सुविधा के मुताबिक प्रति दिन, हर हफ्ते, महीने या तीन महीने के अन्तराल पर निवेश का option भी चुन सकते है।

कैसे करें फैसला

साधारण sip के विपरीत equity sip में share के चुनाव की जिम्मेदारी आपकी होती है। ऐसे में इसमे सावधानी जरूरी है। equity sip में बड़ी company (large cap),मझोली company (mid cap) और multi cap जिसमे large और mid cap के साथ छोटी company (small cap) भी शामिल होती है उन सभी में से चुनाव का विकल्प होता है। blue-chip share भी होते है जिसमे सामान्यत large cap share होते है। इनका प्रदर्शन अन्य के मुकाबले ज्यादा बेहतर होता है और जोखिम भी कम होता है। small cap में उतार-चढ़ाव होता है ऐसे में उसमे निवेश कम रखना ही फायदेमंद है।

निवेश का मौका हमेशा

share market में जब तेजी आती है तो उसे share बेचकर मुनाफा कमाने के अवसर के रूप में देखा जाता है। वही गिरावट की स्थिति में share को सस्ते में खरीददारी का मौका माना जाता है। इस तरह की स्थिति share में एकमुश्त निवेश करने वालों के लिए सही हो सकती है। लेकिन sip के जरिये share में निवेश शुरू करने का अवसर हमेशा मौजूद होता है। और इसकी एक बड़ी वजह औसत का गणित है। उपर के उदाहरण में हम देख चुके है कि equity sip में निवेश पर पहले माह 10% नुकसान होने और दुसरे माह में 10% फायदा होने के बाद अंतत: 4.50 का return मिलता है। यही औसत का गणित है। यह इसलिए होता है कि आप जितनी राशि पहले माह share में लगाते है तो profit या loss उतनी ही राशि पर होता है।

फायदों को समझें

20 साल में 20% से भी अधिक का मिला है return
10 साल में 15% के करीब के return मिला
500 से एक हजार रूपये में निवेश शुरू करने की सुविधा










 


Thursday, August 25, 2016

Motivational Story


बहुत अच्छा रहा पापा
paris opera house में एक famous singer का program था। सभी ticket बिक गयी थी। house खचाखच भरा था। manager में mike सँभालते हुए कहा,’friends, आपके इस सहयोग के किये thanks. मुझे खेद है कि जिन्हें सुनने के लिए आप सब एकत्रित हुए है, वे तबियत ख़राब होने के कारण नही आ पाएंगे। हमने उन जैसे ही एक दूसरे बेहतरीन कलाकार को बुलाया है। हमे यकीन है कि आप उन्हें पसंद करेगे।

यह सुनते ही hall में निराशा फैल गयी। यहाँ तक कि किसी ने उस व्यक्ति का नाम सुनना भी पसंद नही किया। अभी तक जो जो ख़ुशी वातावरण में थी, वह फीकी पड़ चुकी थी। नये कलाकार ने प्रस्तुति देनी शुरू की। program के अंत तक hall में असहज कर देने वाली शांति बनी रही। यहा तक कि किसी ने कलाकार के लिए ताली तक नही बजायी। अचानक बालकनी से एक एक बच्चे की आवाज आयी,’very good papa, मुझे लगता है है कि program शानदार था।‘

यह सुनते ही सब ठहाका मारकर हंसने लगे। life में कभी-कभार सबको कुछ ऐसे लोगो की जरूरत होती है, जो कहें कि आपने शानदार काम किया है।‘

पूरा यकीन है बेटा

एक पिता और बेटा जंगल में घूम रहे थे। रास्ते में पेड़ की बड़ी सी टहनी पड़ी थी। बेटे ने पिता से पूछा, ‘क्या मैं इस टहनी को हिला सकता हूँ?’

पिता ने कहा,’मुझे यकीन है कि अगर पूरी ताकत लगाओगे तो यह काम कर लोगे।‘

बच्चे ने पूरा दम लगाया, पर कुछ फायदा न हुआ। उसने उदास होकर कहा,’आप गलत थे पापा। मै इसे नही कर सकता।‘

‘दोबारा कोशिश करो’, पिता ने कहा।

दोबारा भी कोई फायदा नही हुआ। ‘मै इसे नही कर सकता’, बच्चे ने कहा। पिता बोले,’ अभी तुमने ताकत कहां लगायी है? तुमने मेरी help तो ली ही नही?

हम तब तक अपनी पूरी ताकत नही लगाते, जब तक अपनों को शामिल नही करते। उन लोगों के सहयोग और प्रतिभा के समर्थक और शुक्रगुजार नही होते, जो वास्तव में हमारे मकसद में हमें सहयोग देते है।


Tuesday, August 23, 2016

Love your Efforts (अपनी कोशिशों से करें प्यार)

Love your efforts

हर कोई जीतना चाहता है। हार और जीत की खाई इतनी बढ़ चुकी है कि न हम हार को accept करते है और न ही जीतने के लिए की गयी कोशिशों को। क्या मंजिल ही एकमात्र ख़ुशी है, उस यात्रा के कोई मानी नही? अगर जीतना ही सब कुछ है तो संघर्ष से डर क्यूँ? काम से भागना क्यूँ?

उस दिन मेट्रो के लेडीज कोच में थोड़ी भीड़ थी। पीठ पर beg लिए एक लड़की हड़बड़ी में अपनी seat से उठी और दरवाजे की ओर बढने लगी। ‘side please, मुझे उतरना है। जल्दी है, side दें।एक लड़की ने पूछ ही लिया कहां उतरना है आपको।लड़की ने जो बताया वह चार स्टॉप दूर था। वैसे यह बात वो भी जानती थी। दूसरी ने कहा,’ तो जल्दी क्या है, स्टॉप तो अपने समय पर ही आएगा। आपसे पहले मुझे उतरना है।

यूँ देखने पर यह बात time management से जुड़ी दिखती है। पर यह हमारा स्वभाव भी है। मंजिल तक पहुंचने की हड़बड़ी में हम यात्रा में लगने वाले जरूरी समय की प्रतीक्षा नही करना चाहते। उस संघर्ष से दूर भागते है, जो हमें मंजिल तक पहुंचाता है। रास्ते के कई पड़ाव अनदेखे, अनछुए, अनसुने रह जाते है। नतीजा, मंजिल पर पहुंचकर भी वो ख़ुशी नही मिल पाती, जिसकी उम्मीद होती है।

खैर, मेट्रो वाली लड़की समझदार थी। उसने तुरंत खुद को सहज किया। उसके बाद वह देख सकी कि सामने वाली line में उसकी friend खड़ी है। वह वहां चली गयी। शायद काफी दिन बाद मिले थे। चेहरा बता रहा था कि रास्ता अब बोझ नही लग रहा है।

प्रक्रिया पर हो Believe

सेहत, fitness या कोई अन्य लक्ष्य! हम दो तरह से काम करते है। एक में ध्यान प्रक्रिया पर होता है और दुसरे पर परिणाम पर। fitness व् health coach ब्रेट हैमिल्टन अपने blog ‘ब्रेकिंग मसल्समें एक लेख ‘trusting the process’ में लिखते है, ‘बड़ी success हासिल करने के लिए प्रक्रिया पर focus होना जरूरी होता है।प्रक्रिया यानी हर छोटे-बड़े काम को पूरी सजगता से करना। वे कहते हैं,’ प्रक्रिया पर ध्यान देने वाले लोग यात्रा का आनन्द ले पाते हैं। आत्मविश्वासी होते है, चूक कम करते है और गलती होने पर तुरंत संभल भी जाते है।

ख़ुशी रास्ते में है

जमीन पर खड़े होकर केवल पहाड़ देखते रहने से चढ़ाई नही हो सकती। पहली बार माउंट एवरेस्ट पर पहुंचने वाले एडमंड हिलेरी ने कहा है,’ हम पहाड़ो पर नही, खुद पर विजय पाते है।किसी ने जब उनसे पूछा कि एवरेस्ट चढ़ते हुए क्या कभी लगा था कि वे टॉप पर पहुंच पायेंगे? जवाब में एडमंड ने कहा,’ बिलकुल नही। हमने यह सोचा था कि अपना सर्वश्रेष्ठ करेगे। जब हम पुरे विश्वास के साथ किसी चुनौती को accept करते है तो तो फिर हार-जीत के फेर में नही पड़ना चाहिए। जितनी बड़ी रुकावट पार करते है, उतनी ही ख़ुशी मिलती है। केवल उचाई पर पहुंचने से कही ज्यादा बड़ी है जिन्दगी।

‘the bold life’ blog की संस्थापक टेस मार्शल कहती है, ‘रास्तों की अनदेखी करने वाले लोग मंजिल पर भले ही पहुंच जाएँ, पर टिके नही रह पाते।कर्म की बात हो तो श्रीकृष्ण याद आते ही हैं। आगे बढने वालों के लिए उनका एक ही मंत्र है, फल की चिंता मत कर, कर्म किये जा। और अक्सर हम वह जरूरी कर्म करने से ही चूक जाते हैं।




                                 अपनी Problem का आप हैं समाधान







 



Sunday, August 21, 2016

अपनी Problem का आप हैं समाधान

problem and solution

 problems हमारी जागरूकता की कमी का नतीजा होती है और समाधान आंतरिक रूप से जागरूक होने के बाद मिलते है। life के हर आयाम को बेहतर बनाने के लिए भीतर से सजग होना बेहद जरूरी है।

पिछले कई सालों से मैं दुनियाभर के लोगो के सवालों और पशोपेश को हल करने की कोशिश कर रहा हूँ। ये सवाल अलग-अलग देश के लोगो के है, पर पैदा एक ही जगह से हो रहा हैं। मन के भीतर पैदा हुए असमंजस और अँधेरे के कारण ही ये सवाल पैदा होते है। मैंने यह महसूस किया है कि भले ही लोगो की परेशानियाँ अलग-अलग हो, पर इनका कारण एक ही है। लोग दुखी है, दर्द में है तो इसलिए, क्योंकि वो पूरी तरह से सजग नही है। वे संकुचित मानसिकता के जाल में फंसे हुए है। इस मनोस्थिति में एक कदम भी आगे बढ़ाना उनके लिए किसी लड़ाई से कम नही है। life में परेशानी पैदा ही इसलिए होती है, क्योंकि हम वो करते है जो हमारे लिए प्रभावी साबित नही हो सकते। इस नाकामी से निराशा बढ़ती जाती है और energy कम होती जाती है।

famous scientist अल्बर्ट आइन्स्टाइन ने कहा भी है, ‘किसी भी problem का हल सजगता के उस स्तर पर नही मिल सकता है, जिस स्तर पर वह परेशानी पैदा हुई है।यानी life के उलझे सवालों के जवाब खुद को पहले से ज्यादा सजग बनाकर ही पाए जा सकते है। जब सजगता बढ़ती है तो डर खत्म हो जाता है, मन में नये विचार आते है और life में आगे बढ़ने के लिए जगह मिलती है। अपने अंहकार को अपनी life की कमान सौपने की जगह हम अपने असली स्वरूप को जिन्दगी की चाबी दे देते है। हमारी आंतरिक शांति,शुद्दता और ज्ञान हमारी जिन्दगी को दिशा देने लगते है। इस विकास क्रम में हम जैसे-जैसे आगे बढ़ते है, सम्पूर्ण सजगता हमारी पहुंच में आने लगती है। इस स्थिति में कोई problem हमारे लिए मायने नही रखती। संभावनाओ के अनंत द्वार खुल जाते है। संघर्ष खत्म हो जाते है, इच्छाएं अपने आप पूरी हो जाती हैं। हमें ऐसा महसूस होता है कि जागरूकता के इस स्तर तक पहुंचने में लम्बा समय लग जायेगा, जबकि सच्चाई यह है कि सम्पूर्ण सजगता हर पल हमें सही दिशा दिखाने कि कोशिश करती है, बशर्ते आप उस सन्देश को समझ सकें।

जागरूकता के तीन पड़ाव

आंतरिक सजगता के तीन पड़ावों को समझकर खुद की खोज की आपकी राह थोड़ी आसान हो जाएगी। मान लीजिये आप एक अंधेरे कमरे में चल रहे है और रोशनी के लिए आपके पास एक मोमबत्ती भर है। आप कमरे में रखे सामानों से टकरायेगें। खुद को अलग-थलग महसूस करेंगे। इसे संकुचित सजगता कहते हैं। अब imagine कीजिये कि आपके हाथ में किसी ने flash light थमा दी हैं। अब आपको कोई डर नही है। अब जक जो बाधाएं नजर आ रही थी, उनका purpose भी समझ पा रहे हैं। सोफा नजर आ रहा है, जिस पर आप बैठ सकते है। books नजर आ रही है, जिन्हें आप पढ़ सकते हैं। music system नजर आ रहा है, जिससे आप गाने सुन सकते है। यानी कुछ समय पहले तक जो चीजें आपके लिए बाधा थी, वही अब मौके में तब्दील हो गई है। आप एक चीज को दूसरी चीज से आसानी से जोड़ पायेंगे। इसे विस्तृत सजगता कहते है।

अब imagine कीजिये कि इस बार वह room, उसकी दीवारें, floor और यहाँ तक कि छत भी शीशे की बनी हुई है। पूरा कमरा सूरज की रोशनी से भरा हुआ है। अब आप बाहर देखेंगे तो महसूस करेंगे कि आपके पास अवसरों की कोई कमी नही है। पूरी दुनिया आपका मच है। यही आपका पूरी तरह से सजग होना है। अब आपके सामने कोई problem नही है, इसलिए उसके हल तलाशने की जरूरत भी नही है। अब आपको जिन्दगी में एक प्रवाह नजर आएगा और उसे आप अपने इशारों पर नचा पायेंगे।

अपनी Power को पहचानें

1-  अपने मन के कोने में छुपी अवधारणाओं और सोच पर नजर डालें।
2-  अपनी भावनाओं की जिम्मेदारी लें। दूसरों को दोष देना या दिखावा करना बंद करें।
3-  अपने option सीमित न रखें। पश्नों का हल कही से भी प्राप्त हो सकता है।
4-  विश्वास रखें कि problem का हल जरुर मिलेगा, भले ही उसमें थोड़ा वक्त लग जाएँ।
5-  जिज्ञासु बनें। मन के बातें सुने। मन जो कहें, उस और कदम बढायें।
6-  अनजान राह पर चलने में परहेज न करें। आपके सवालों के जवाब वही कही मिलेगें।
7-  इस बात को accept करें कि हर कोई, हर पल अपनी दुनिया में अलग-अलग तरह की चुनौतियों का सामना करता है।
8-  हर दिन का सामना एक नये दिन के रूप में करें।

जब आप इन तरीकों को अपनायेगे,अपनी पारंपरिक सोच और व्यवहार का साथ छोड़ेंगे तो सवालों के नये जवाब पाने की संभावना बढ़ जाएगी। आप यह समझ पायेंगे कि आपके अपने संघर्ष और कुंठा ने ही आपके विकास की गति को धीमा कर रखा था। आपको आत्मिक शांति मिलेगी और जिन्दगी में आगे बढ़ना आपके लिए आसान हो जायेगा।

# इस article के writer deepak chopra है, जो international ख्याति भारतीय मूल के अमेरिकी writer, modern motivational गुरु व् physician हैं। वह 75 से अधिक books लिख चुके हैं।

                                      www.deepakchopra.com



       





Wednesday, August 17, 2016

बोलने में बरतें संयम


एक बार बहुत सारे मेढक एक साथ जंगल से गुजर रहे थे। तभी उनमें से दो मेढक एक गहरे खाई में गिर गये। दुसरे सारे मेढक खाई के चारों तरफ झुंड बनाकर इकट्ठे हो गये। जब उन्होंने देखा कि खाई बहुत गहरा है तो वे चिल्लाने लगे कि दोनों मेढक जिन्दा नही बचेंगे। इधर खाई में फंसे मेढक पूरी ताकत से उछल कर बाहर आने के लिए कोशिश कर रहे थे। लेकिन उनमे से एक मेढक चिल्ला रहे मेढकों की बातों में आ गया और घबराकर उसने अपनी कोशिश छोड़ दी और गिरने से वह मर गया। वही दूसरी मेढक जोर-जोर से अपनी कोशिशों में लगा रहा। इस बाहर खड़े मेढक जोर-जोर से चिल्लाने लगे कि वह उछलना बंद करे, छलांग लगाने से कोई फायदा नही होगा। इस पर मेढक और ज्यादा उछलने की कोशिश करने लगा और आख़िरकार वह उस गहरे खाई से बाहर निकल ही आया। जब वह बाहर आ गया तो बाहर खड़े मेढकों ने उससे पूछा,’क्या तुम्हें हमारी बात सुनाई नही दी थी? उत्साहित मेढक ने जवाब दिया,’मैं तो बहरा हूँ। आप लोगो ने मेरा इतना उत्साह बढ़ाया कि मैं लगातार कोशिश करता रहा और बाहर आने में सफल हो गया।

ध्यान रखें

workplace पर आपके कहे शब्द बहुत मायने रखते है। office में gossiping से दूर रहें और अपने सहकर्मियों के साथ सह्दयता से बातचीत करें। बातचीत के दौरान आवाज की सौम्यता, चेहरे के हाव-भाव और body language का ध्यान रखना भी जरूरी है। seniors को पूरा सम्मान दें और अपने मातहत काम करने वालों का उत्साहवर्धन करें। positivity words का इस्तेमाल आपकी image बेहतर बनाता है, वही खुद को दूसरे से बेहतर साबित करना, ऊँची आवाज में बात करना या किसी की बेइज्जती करने से आपकी image को गंभीर क्षति पहुंच सकती है। office में किस subject पर कितने विस्तार में बात करनी है, इसका भी ध्यान रखें। मसलन अगर planning से जुड़ी कोई उपयोगी योजना आपने बनाई है तो उस पर अपने सहकर्मियों के साथ विस्तार में चर्चा कर सकते है। पारिवारिक और अन्य गैरजरूरी विषयों पर चर्चा करने से यथासंभव बचें।


                      Opportunity (अवसर) का उपयोग








Monday, August 15, 2016

तैयारी से शुरू करें New Career

new career

बढ़ते मौको और लोगो की रुचियों में आ रहे बदलावों के मद्देनजर बड़ी संख्या में युवा स्थापित jobs छोड़ नये career का चुनाव कर रहे है। लेकिन ऐसे में समय रहते कुछ important चीजो पर विचार करना बेहद जरूरी है।

पिछले कुछ सालों में युवा अपने training से इतर बहुत अलग तरह के क्षेत्रों में अपना career बना रहे है, फिर चाहे इसके पीछे उनका रुझान हो या फिर पैसे का attraction. आजकल professional अपने venture शुरू कर रहे है, engineer और doctor अपनी अच्छी-खासी job छोड़कर books publication करा रहे है, science के student acting में हाथ आजमा रहे है। एक professional website की तजा report के अनुसार career में बदलाव की सबसे बड़ी वजह है career के आकर्षक विकल्प।

कुछ negative चीजों के कारण भी युवा career में बदलाव के बारे में सोचने लगे है, मसलन गलत career का चुनाव या फिर उस career के लिए जरूरी skills विकसित न कर पाने की स्थिति। जब बात career में बदलाव की आती है तो उसमे future को लेकर एक किस्म की अस्थिरता भी होती है। जिस क्षेत्र में आपका तजुर्बा नही है, उसमे आपको कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। अपनी रूचि के आधार पर career में बदलाव की प्रक्रिया को बारीकी से समझने की जरूरत होती है। कुछ important चीजों पर ध्यान दे-

अपनी रूचि को लेकर स्पष्ट हों

आपकी रूचि कौन से career में है, इसे लेकर स्पष्टता रखें। इस बात का आकलन करें कि किसी अलग career में आपकी रूचि क्षणिक है या आप serious से उसके विषय में सोच रहे है, या फिर ये कि career में बदलाव का समय आपके लिए उपयुक्त है या नही। अगर थोड़ी सी भी शंका है तो अपने फैसले पर नये सिरे से विचार करें। जल्दबाजी में फैसला कतई न लें।

देने होगे सवालों के जवाब

लेकिन आपने career क्यों बदला?’ हर जगह आपसे अधिकतर यही सवाल पूछा जायेगा, फिर चाहे वह job के लिए interview हो या फिर आपके परिजन। चाहे आपका decision कितना ही सोचा-समझा क्यों न हो, आपसे बार-बार सवाल किये जायेंगे। इसलिए आपका जवाब ऐसा होना चाहिए, जिससे interview लेने वाले, आपके friends, परिजन और स्वयं आप भी संतुष्ट हो सकें। ऐसे में अगर आप अपनें फैसले को लेकर निश्चित नही होगे तो अस्थिरता और खुद पर अविश्वास से आप स्वयं भी अपने फैसले को लेकर उहापोह में फंस सकते है।

औपचारिक Education

जिस career में आप switch कर रहे है, उसमे आपके लिए degree हासिल करना अच्छा रहेगा। अगर आप अपना business शुरू कर रहे है तो इसके लिए औपचारिक training या उससे जुड़ा course करना मूलभूत जरूरत है। अगर आप interior designing में जाना चाहते है तो interior designing में diploma कर सकते है। अगर degree course के लिए समय नही है तो diploma course कर सकते है, क्योकि इसमे आपको पूरा समय देने की जरूरत नही होती और आपको उस career से जुडी technical जानकारी भी मिल जाती है।

Experience हासिल करें

possible  हो तो नये career से जुड़ी internship करें या किसी जानकर के साथ काम करें। इस तरह आप नये field से जुड़ी मुश्किलों को बेहतर तरीके से समझ पायेंगे।

वित्तीय स्थिरता है जरूरी

अगर कुछ मनपसन्द काम करना चाहते है जैसे कि लेखन या फोटोग्राफी या ऐसी कोई भी job, जिसमे salary बहुत ज्यादा नही है तो उसके लिए वितीय स्थिरता एक आवश्यक पहलू है, अन्यथा यह आपकी जेब पर भी भारी पड़ सकता है। बेहतर होगा कि आप कम से कम तीन महीने के लिए अपना backup plan तैयार करें, जिसमें आपकी मूलभूत जरूरतें और रोजाना के खर्च शामिल हो।

Family से करें बात

career बदलने से जुड़े अहम फैसले के बारे में अपने परिजनों और करीबियों को जरुर बताएं। परिवारवालों के साथ खड़े होने से आपको मानसिक बल मिलेगा। शुरुआत में आपके परिवार की तरफ से पूछे गये ढेर सारे सवालों के जवाब देने होगे, जिनके लिए खुद को तैयार कर ले। family से अपने नये venture या career के बारे में चर्चा करें।

क्या कहते है Expert

किसी career में कुछ महीने बिताने के बाद आपको उस क्षेत्र से जुडी तमाम चीजो के बारे में अच्छी तरह से पता चल जाता है। साथ ही यह भी समझ लेते है कि career में अच्छा करने के लिए जो चीजे जरूरी है, उनमे से किसमें में आप बेहतर कर सकते है। कुछ लोग communication में माहिर होते है, तो कुछ का टेबल वर्क बहुत अच्छा होता है, कुछ technical तौर पर ज्यादा सक्षम होते है। जब career में बदलाव के बारे में सोचें तो इन पहलुओं पर विचार करना सबसे जरूरी है। जिस career को अपनाना चाहते है, उससे जुड़ी short analysis कर लें। साथ ही career के किसी expert से उस क्षेत्र से जुड़े जोखिम पर बात जरुर करनी चाहिए।

दो तरीके से पहचानें असफलता

1-  मान लीजिये कि आप अपनी रूचि के काम के लिए अपनी स्थापित job छोड़कर business शुरू करते है, जिसमें आप success नही हो पाते। कुछ महीनों में आपको अपनी गलती का एहसास हो जाता है। लेकिन इस तरह का कदम उठाने से आपका self-confidence डगमगा सकता है और आपको कई तरह की मुसीबतों का भी सामना करना पड़ सकता है।

2-  दूसरा तरीका यह है कि जिस career को अपनाना चाहते है, उससे जुड़ी किसी company में job कर ले। आप किस परिवेश से आये है, पूर्व में किन ओहदों पर काम कर चुके है, इन चीजों को दरकिनार कर नई company में job करने पर आपको ground reality के बारे में बेहतर पता चल सकेगा।

बदलाव को बेहतरीन समय

1-  जब आप खुद को लेकर आश्वस्त हो कि नये career के बारे में अच्छे से समझ लिया है, उसमें अच्छा करने के लिए experience जुटा लिए है और सारी जमीनी तैयारियां कर ली है, तब आपको career में बदलाव करने के बारे में सोचना चाहिए।

2-  अगर आप एक ही career में लम्बा time बिता चुके है और नई skill हासिल करने के लिए कुछ नया काम करना चाहते है।

3-  जिस career में है, अगर उसके लिए आप overqualified है तो कुछ नया सीखने या प्रयोग करने की सोच सकते है।

4-  अगर आपने गलत career का चुनाव कर लिया है, जिसमे आपकी रूचि नही और न ही जिसके लिए जरूरी skills आप अपने अंदर विकसित कर पा रहे हैं।

5-  अगर आपने कुछ बड़े project successful पूरे किये है तो उनकी बुनियाद पर अपना network विकसित कर आप नया काम हासिल करने की कोशिश कर सकते है।

6-  अगर आपके काम को तवज्जो नही मिल रही है, salary में बढ़त और promotion भी नही मिल रहे हों, आप खुद को महत्वहीन समझने लगें या आपको ऐसा लगे कि आपके हुनर की परख नही की जा रही है, आपकी skills का पर्याप्त उपयोग नही हो पा रहा, तो आपको इस बारे में जरुर सोचना चाहिए कि कहीं आपने गलत career तो नही चुन लिया।

7-  किन्ही आवश्यक कारणों से कुछ वक्त के लिए job छोड़नी पड़ी तो वापस नई शुरुआत कर सकते है।



                                       Office में Professional हो आपकी Image














Friday, August 12, 2016

Skin के लिए कुछ Tips

क्या पसंद है आपकी Skin को

गाजर: vitamin-c और केरोटिन से भरपूर। skin का निखार बढ़ता है।

टमाटर: vitamin-c, लाइकोपिन, potassium की प्रचुरता। अच्छा anti-oxidant, पराबैगनी किरणों से बचाव।

कोको powder और chocolate:

anti-oxidant गुणों से भरपूर। इनमें मौजूद फ्लेवनॉल skin मुलायम रखता है। ultraviolet किरणों से बचाव।

पपीता: vitamin-c,a,e व् anti-oxidant से भरपूर। मुहांसे व् दाग-धब्बों से राहत।

पालक: calcium, magnesium व् iron जैसे खनिज। vitamin-a,b व् c का अच्छा स्रोत।

चुकन्दर: रोमछिद्रों की सफाई। रक्तसंचार बढ़ता है। skin पर रंगत आती है। जूस व् लेप दोनों फायदेमंद।

बादाम: skin के लिए फायदेमंद vitamin-e से भरपूर।

अलसी: omega-3 fatty acid का अच्छा स्रोत, जो रोमछिद्रो की सफाई करता है। calcium, phosphorus, iron,केरोटिन, थायमिन और नियासिन भी होते है।

नीबू: vitamin-c युक्त शक्तिशाली anti-oxidant, skin से काले घेरे व् निशान होते है दूर।

Tips for Skin Health

1-  बीच में कुछ समय के लिए chemical products का इस्तेमाल बंद कर दे। skin को खुद ठीक होने दे।

2-  नियमित व्यायाम से सेहत को कई लाभ होते है, जिसका असर skin पर भी पड़ता है। skin खूबसूरती बढ़ती है।

3-  रात में किसी भी तरह का makeup व् chemical products लगा कर न सोयें। naturally toner जैसे नारियल पानी और दही लगायें। aloevera juice पियें। skin पर भी लगायें।

4-  बाहर निकलते समय sunscreen lotion या cream लगायें। पराबैगनी किरणें skin कोशिकाओं और रक्त वाहिनियों को कमजोर बनाती है।

5-  सोरायसिस की एक वजह धुम्रपान व् alcohol का सेवन है। इससे skin से oxygen की मात्रा कम हो जाती है और skin बेरंग लगती है।

6-  tension skin के naturally anti-oxidant को कम करता है, जिससे skin असमय बूढी होने लगती है। hormones असंतुलन से दाने होने लगते है।

7-  खूब सारा पानी पियें। skin को hydrate रखना बेहद जरूरी है।







  


Wednesday, August 10, 2016

Skin पर Monsoon का असर

monsoon skin effect

मानसून की फुहारें राहत लाती है तो कई तरह के skin रोग भी। गंदा पानी, पसीना न सूखना, काफी देर तक गीला रहना और अधिक नमी कई तरह की skin से जुड़ी परेशानियाँ खड़ी कर देते है। हालाँकि कुछ बातों का ध्यान रख कर इनसे आसानी से बचा जा सकता है।

दाद

यह कई तरह के फफूंद की वजह से होता है, जिनमें डर्मेटोफाइटस और yeast प्रमुख है। फफूंद मृत केरोटिन में पनपता है और धीरे-धीरे body के नम स्थानों में फैलता जाता है, जैसे पैर की एड़ी, नाख़ून, जननांग और छाती वाला भाग।

क्या करें

skin की नमी मुक्त रखें। ढीले व् हल्के सूती कपड़े पहने। doctor के बताये गये anti fungal powder व् cream का ही इस्तेमाल करें। देर तक गीला न रहें।

घरेलू उपाय

नीम की पत्तियों के उबले पानी से दाद को साफ करें। चक्रमर्द के बीजों को गंधक व् मक्खन में मिला कर लगाएं। दाद पर छह भाग नारियल तेल और एक भाग गंधक घोट कर मलहम बना लगायें।

फोड़े-फुंसी

दूषित पानी व् गंदगी में पनपे Bactria के संपर्क में आने से फोड़े-फुंसिया हो जाते है। बच्चों के अलावा diabetes, cancer या aids के पीड़ितों में इनकी problem अधिक होती है।

क्या करें

skin को साफ सुधरा रखें। रोज स्नान करें। चोट लगी जगह को गंदे पानी व् गंदगी से बचाएं। problem serious होने पर doctor को अवश्य दिखाएँ। antiseptic साबुन व् lotion का इस्तेमाल करें।

घरेलू उपाय

नीम की पत्तियों को उबाल कर इसके पानी से नहायें।

खुजली यानी रैशेज

खुजली के कई कारण हो सकते है। कई medicine की गर्मी भी खुजली कर देती है। लेकिन इस मौसम में इसका कारण impure पानी और Bactria का infection होता है। कब्ज होने पर भी खुजली की problem होने लगती है।

क्या करें

बारिश में भीगने से बचें। skin साफ व् सूखी रखें। साफ व् सूखे कपड़े पहनें। antiseptic साबुन व् lotion ही लगायें।

घरेलू उपाय

दशांग लेप, जो आर्युवेद की 10 जड़ी-बूटियों से तैयार किया जाता है, खुजली से राहत देता है। नीम का तेल और उसका लेप भी आराम देता है। गंधक मिले गुनगुने पानी में नहाना भी फायदेमंद है।

घमौरियां

गर्मी व् उमस के समय होने वाली problem है। इससे skin पर छोटी-छोटी और लाल लाल फुंसियाँ निकलती है, जिनमे से कई बार द्रव भी निकलता है। खुजली भी बहुत होती है।

क्या करें

अधिक मसालेदार खाने से बचें। बारिश के पानी में स्नान करने से आराम मिलता है। प्रिकली हीट powder लगायें। बर्फ को 5-7 minute तक रगड़ने से भी आराम मिलता है।

घरेलू उपाय

नीम की पत्तियां उबाल कर तैयार किये गये पानी में स्नान करें। सुबह के समय नीम की 4-5 कच्ची पत्तियां चबाने से भी बहुत जल्दी आराम आने लगता है।

एथलीट फुट

पैर की उँगलियों के बीच उष्ण और नम रहने वाले हिस्से में कवक के कारण होने वाला संक्रमण। इससे पैर की skin भुरभुरी और लाल हो जाती है। खुजली, जलन, skin फटने के साथ-साथ फफोले भी पड़ सकते है।

क्या करें

बारिश में पैरों को भीगने से बचाएं। साबुन और पानी से नियमित सफाई करें। पैर की उंगलियों को सूखा रखें। antiseptic powder लगाते रहें।

घरेलू उपाय

इसका इलाज कवक-रोधी medicine है। zinc oxide का उपयोग भी किया जा सकता है। टी ट्री तेल लगाना भी आराम पहुंचाता है।





                                         Skin की सेहत पर होने वाले Problem