Thursday, January 29, 2015

तीन नियम



०1

मन:
नये विचारो को जीवन में जगह देने के लिए दिमाग को खुला रखना जरूरी है। यह सिखने की प्रकिया भी है और बदलाव की भी। एफ.नीत्शे कहते है कि जो सांप अपनी केचुंल नही छोड़ता, वह मर जाता है। इसी तरह जो अपने ही विचारो के प्रति आग्रही रहते है,उनके मन का विकास भी रुक जाता है।
02

वचन:
हम अकेलेपन से डरते है। खुद से बाते करने का ख्याल कुछ को मुर्खताभरा लगता है। इसलिए हम हर समय दुसरो से बाते करने की कोशिश करते रहते है। अमेरिकी कॉमेडियन जार्ज कार्लिन के अनुसार, मैं स्वयं से बाते करता हु। इसकी वजह है कि मैं ही केवल वह व्यक्ति हु,जिसके दिए गये जवाबो को मैं सुनता हु।
03 

काया:
प्रकृति के साथ समय बिताने का एक अच्छा तरीका है बागवानी। 19वी सदी के कवि एल्फ्रेड ऑस्ट्रिन कहते है,बागवानी एक अनोखा अनुभव है। हाथ मिट्टी में होते है। सिर को सूरज का ताप मिलता है और दिल प्रकृति में रमा होता है। पेड़-पौधों का ध्यान रखना केवल शरीर ही नही, आत्मा को भी पोषण देता है।   

Wednesday, January 28, 2015

आपको कौन करता है प्यार

आप जो भी कर रहे है,उस कार्य के लिए खुद को प्यार करे। जो भी एहसास कर रहे है,उस अहसास के लिए खुद को प्यार करे।
             तेदियस गोलास
आप प्रेम को समझते है? दया और दोस्ती के भाव रखते है? दुसरो को प्रेरित करना जानते है? इन प्रश्नों के लिए हममे से अधिकतर का जवाब हा में होगा। होना भी चाहिए। पर क्या आप खुद को भी प्रेम करते है? खुद के प्रति उतने ही दयालु और दोस्ताना है?खुद को प्रेरित करते है? बहुत सम्भव है कि इन प्रश्नों का जवाब हां में देना कठिन हो जाये। वास्तव में हर सुरत में खुद को प्रेम करने का यही सही पैमाना है।
खुद को प्यार करना है जरूरी  
शोध कहते है कि खुद को प्यार करना सफलता, ख़ुशी और स्वस्थ सम्बंधो का आधार है। पर हम यह कैसे कर सकते है? अपनी अच्छाइयों व् उपलब्धियों के लिए खुद को सराहना बहुत आसान है। पर क्या अपनी खामियों से प्यार करना भी इतना ही आसान है? इसके लिए सीधा तरीका करना भी इतना ही आसान है? इसके लिए सीधा तरीका है कि आप जो भी अनुभव कर रहे है, उसे स्वीकार करे। यदि इसमे परेशानी हो रही है, तो भी सहज भाव से मान ले कि इस समय ऐसा करना मुश्किल हो रहा है। खुद से प्रेम करने की इस प्रकिया में आप आत्ममुग्ध नही होते। दुसरो से दूर नही जाते,बल्कि उन गुणों को अपनाते चले जाते है,जो आपको अपने और अपनों के नजदीक ले जाते है।

इसे आजमाए 
किसी ऐसी बात के बारे में सोचे,जो आपको खुद में अच्छी नही लगती,जैसे –मोटा या पतला होना,सुंदर न होना आदि। अब आंखे बंद कर ले, किसी ऐसे समय के बारे में सोचे,जब आपको किसी भी व्यक्ति या चीज़ के प्रति प्रेम का अहसास हुआ है। क्या ह्रदय में किसी तरह की गर्माहट या विस्तार का अनुभव हो रहा है? अब वही अहसास खुद के लिए महसूस करे।
ध्यान रहे,मैं यह नही कह रहा हो की आप अपने मोटापे या कमजोरियों से प्यार करे या उनके प्रति लापरवाह बने रहे। मैं सिर्फ कह रहा हो की आप केवल चुनौती झेल रहे उस व्यक्ति के प्रति प्यार,करुणा व् समझ विकसित करे, जो कोई और नही आप है। जैसे ही इसे करेगे,आप अपने शरीर में कुछ अच्छा होते हुए महसूस करेगे। खुद के प्रति सहज होगे। ब्रिटेन के शोधकर्ताओ की एक टीम के अगुआ डाक्टर पॉल गिलबर्ट के अनुसार, लोगो को यह सिखाना जरूरी है कि हर सूरत में वे खुद को प्यार कर सके,खुद की आलोचना कर सके। यह उनके मानसिक तनाव,अवसाद,बेचैनी तथा हीन भाव में कमी लाता है। वे अधिक बेहतर तरीके से खुद को उबार पाते है। 

खुद से प्यार है क्या? 
अधिकतर लोग अपनी हसती हुई तस्वीर लगाने,अच्छी व् प्रेरक बाते करने को खुद से प्रेम करना कहते है। यह गलत है। यह ऐसा ही है, जैसे कि समस्याओ के ढेर पर सकारात्मक विचारो की कोई परत ओढा दी जाये।यदि आप हर समय वास्तविकता को ऐसे ही सकारात्मक भावो से दबाते रहेगे,तो उन स्थितियों को कभी नही बदल पायेगे। लेकिन यदि अपने सभी गुणों के प्रति सहज रहेगे तो निश्चित ही उन्हें बदल भी सकेगे।

खुद का विस्तार 
मैं हे रोज कई बार खुद से पूछता हो की अभी ऐसा सबसे अच्छा क्या कर सकता हू कि खुद से प्यार करने लग लगू? आप भी ऐसा करे। फिर जो जवाब मिले,उसे ध्यान से सुने। कई बार आवाज़ आती है कि जो बात दुःख दे रही है,उसके प्रति थोडा विन्रम हो जाये,अपनी गलतियों के लिए खुद को माफ कर दे। कुछ देर अकेले पैदल चलना या एक अच्छे दोस्त से बात करने जैसी आवाज़े भी सुनाई देगी। ऐसा कतई नही सोचे कि आप स्वार्थी है। जब आप खुद को प्यार करते है,तभी दुसरो से प्रेम कर पाते है। 

प्यार के तीन मंत्र
1 यह समझे की हम क्या है 

प्यार वह नही जो हम दुसरो के लिए महसूस करे है। यह बताता है कि हम क्या है। आमतौर पर हम प्रेम को दो व्यक्तियों के बीच की भावनात्मक धारा समझ लेटे है,पर यह एक सागर की तरह है,जो कि हमारे भीतर और आसपास मैजूद है।

2 दिल का दरवाज़ा खोले
 

आपका दिल केवल खून की पम्पिंग करने वाला अंग नही है। यह बिना शर्त प्रेम की ओर ले जाने वाला दरवाज़ा है। यह खुला है तो प्यार स्वत्रंत प्रवाहित होता है और यदि बंद है तो आपको दुसरो से पेश आने में परेशानी होती है। एस दरवाजे को खुला रखना बहुत जरूरी है। तभी आप विस्तार पाते है। अपनी भावनाओ और विचारो में बदलाव कर पाते है।

3 प्यार बढ़ाना ही जीवन का उद्देश्य है
 

आप जिन्दा रहने के लिए कुछ भी क्यों न करे, पर प्रेम ही आपका मुख्य काम या रोज़गार है। जब भी यह तय करने में परेशानी हो कि आपको क्या करना है, आप एक तरीका अपनाये: आप वह करे,जो आपको प्रेम और स्नेह की ओर ले जाये। जब आप प्रेम पाने और देने को ही वरीयता देते है, तो जीवन में अधिक सफलता की ओर बढ़ते है। जीवन के स्तर को सुधारते है।  

 



 


 




Sunday, January 18, 2015

दृश्य बदल रहा है, पर द्रष्टा वही है








नये साल के समय बहुत से लोगो को अचानक यह अहसास होता है,’अरे! एक साल और बीत गया !’ समय धारा के एस बहाव के प्रति हम कुछ क्षणों के लिए आशचर्य करते है और उसके बाद फिर से व्यस्त हो जाते है अजीब बात ये है की यह लगभग हर साल होता है। अजीब बात यह है कि इन क्षणों में गहराई से जाये तो हमे ये बोध होगा की हमारे अंदर एक ऐसा पहलू है, जो समय की इन सभी घटनाओ का साक्षी अपरिवर्तनीय है और उसी संदर्भ से हम समय के साथ आने वाले बदलाव का अवलोकन कर पाते है।

जीवन में बीती सभी घटनाये आज एक सपना बन गई है। ज्ञान यानि जीवन की इस सपना रूपी प्रकृति के बारे में सजग होना, जो अब भी बीतता जा रहा है। इस ज्ञान से अंदर से बहुत शक्ति मिलती है। और घटनाओ ओर परिस्थितियों से आप विचलित नही होते। साथ ही, घटनाओ का जीवन में एक अपना स्थान है। हमे उनसे सीख लेकर आगे बढने की आवश्यकता है।
जो भी चुनौतिया हो,हमे एक बेहतर दुनिया बनाने के लिए प्रयासरत रहने की आवश्यकता है। यह तभी सम्भव है,जब हम अपने भीतर आत्मस्थित होकर तटस्थ रहे। आप ही के अंदर एक अभिनेता भी है और एक दर्शक भी। जितना तुम अपने अंदर जाते हो, उतना ही तुम्हारा सक्शिस्वरूप पहलू बढ़ता है और तुम घटनाओ से अछूते रहते हो। जितना तुम बाहर जाते हो, उतना ही अधिक तुम्हारा अभिनेता परिस्थितियों के अनुकूल प्रतिकिया देने में दक्ष हो जाता है। हमारे अस्तित्व के ये दो बिलकुल विपरीत पहलू ध्यान द्वारा पोषित होते है। जब तुम आत्मा के समीप आते हो तो तुम्हारे द्वारा किये गये कर्म दुनिया में अधिक प्रभावशाली बन जाते है और दुनिया में किये गये सही कर्म आत्मा के समीप जाने के लिए सहायक होते है।
समय लोगो को बदलता है, पर कुछ ऐसे लोग है, जो समय को बदलते है। आप उनमे से एक रहे।