Saturday, December 10, 2016

Winter में Lifestyle और Diet

सर्दी से बचाएंगे देशी तरीके

आयुर्वेद के अनुसार सर्दियां health बनाने का मौसम है। इस मौसम में जुटाई गई रोगों से लड़ने की ताकत पूरे साल के लिए हमें चुस्त, दुरुस्त और मस्त बनाये रख सकती है। जरूरत है तो अपने खान-पान और रहन-सहन को देसी खुराक देने की।

सर्दी के मौसम का भरपूर फायदा उठाने के लिए दो चीजों का ध्यान रखना जरूरी है। एक, आहार कैसा हो और विहार कैसा हो। सामान्य शब्दों में कहें तो खान-पान और रहन-सहन। जैसे-जैसे ठंड बढ़े, वैसे-वैसे खान-पान में परिवर्तन करना शुरू कर देना चाहिए। बाहरी तापमान से तालमेल बैठाने के लिए इस मौसम में body का भीतरी तंत्र ज्यादा मुस्तैदी से काम करने लगता है। बाहर पड़ रही शीत का संपर्क हमारी skin से बना रहता है तो body के भीतर मौजूद जठराग्नि प्रबल हो जाती है और इस तरह सर्दियां body की पाचन-शक्ति में इजाफा कर देती है। बाकी मौसमों की तुलना में हमारा body खाए-पिए को अच्छे से ग्रहण कर पाता है।

आलस से बचें

सर्दी के मौसम में आलस से बचना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार आलस वात प्रकृति के लोगो का सबसे बड़ा दुश्मन है। गर्मी के ठीक विपरीत सर्दी के दिन में सोने की आदत नही बनानी चाहिए, अन्यथा body में भारीपन, सर्दी-जुकाम आदि का आक्रमण आसानी से हो सकता है। शीतकाल में रातें लम्बी होती है यानी nature ही हमें लम्बे विश्राम का वक्त देती है। विश्राम के इस समय को कम नही करना चाहिए। भरपूर नीद लें।

हाजमा सही रखें

देर रात में भोजन न करें और भोजन कर लें तो ज्यादा देर तक जगें नही। ठंडी की शुरुआत होने पर खाने में घी, दूध, मलाई, उड़द की दाल, तिल जैसी चिकनाई वाली और पौष्टिक चीजों का सेवन करना शुरू कर दें।

भोजन से 10-15 minute पहले करीब 10 gram अदरक के छोटे टुकड़ो पर सेंधा नमक छिड़क कर चबा-चबा कर खाएं। इससे भूख खुलती है, तेज ठंड से बचाव होता है और pollution का असर भी body पर कम होता है।

सर्दी में ज्यादा समय तक खाली पेट न रहें। वैसे भी भारतीय परिस्थितियों में सर्दी के दिनों में body को आमतौर पर ज्यादा calorie की जरूरत पड़ती है। गुड़, मूंगफली और तिल की पट्टी व् सूखे मेवे इस मौसम के लिए भरपुर energy के स्रोत है। याद रखें, हाजमा दुरुस्त हो तो ही पौष्टिक और गरिष्ठ चीजें खाएं, वरना पहले हाजमा ठीक करें। naturally चिकित्सा के तरीके से एनिमा लिया जाये तो पाचनशक्ति को मदद मिलती है। आधा चम्मच छोटी हरड‍‌ का चूर्ण रात में गुनगुने पानी से कुछ दिनों तक लेने से कब्ज खत्म होता है और पाचन को बल मिलता है। सवेरे गुनगुने पानी में नींबू निचोड़ कर पीने से भी पाचन ठीक रहता है।

Exercise करना न छोड़े

सर्दी के मौसम में body के अंगो को भरपूर हरकत देने पर भी ध्यान देना चाहिए। health लोग भारी exercise कर सकते है, पर सामान्य लोगों को भी हल्का-फुल्का exercise करना चाहिए। करीब सभी तरह के आसन इस मौसम के लिए उपयुक्त है, पर प्राणायामों में शीतली-शीतकारी प्राणायाम नही करने चाहिए, क्योंकि इससे body में ठंड का आभास होता है। इस समय भस्त्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम के साथ सूर्यभेदी प्राणायाम करना चाहिए। धूप में बैठकर तेल की मालिश करना body को vitamin-d देने का बढ़िया तरीका है। skin निरोग रहती है। मांशपेशियों को ताकत मिलती है। मालिश के लिए सरसों, तिल या जैतून का तेल लें।

जुकाम, खांसी

कम तापमान की स्थिति में अगर सावधानी न रखी जाए तो सर्दी, जुकाम, खांसी, गले में खराश का infection आसानी से हो जाता है।

1-  सवेरे शाम तुलसी, अदरक और लौंग का काढ़ा बना कर पियें। अधिक उपयोगी बनाने के लिए मुलहठी और दालचीनी का चूर्ण भी मिला सकते है।

2-  दिन में दो-तीन बार गर्म पानी में सेंधा नमक मिलाकर गरारे करें। खांसी के अलावा गले की खराश, infection आदि में भी राहत मिलेगी।

3-  लहसुन की पांच कलियों को घी में भून कर दिन में दो बार खाने से भी आराम मिलता है। लहसुन में मौजूद एलीसिन रसायन anti-bacterial, anti fungal और antivirus प्रभाव रखता है।

4-  तुलसी के 15-20 पत्ते पीसकर इसमें एक चम्मच शहद मिलायें और दिन में दो बार खाली पेट चाट लें। यह सर्दी की तकलीफों से रक्षा करता है। रोग-प्रतिरोधक शक्ति भी बढ़ती है।

5-  गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर पीने से जल्दी राहत मिलती है।

Heart Attack

doctor के मुताबिक इस मौसम में एंजाइना और दिल का दौरा पड़ने की आशंका 50% तक बढ़ जाती है। तापमान में बदलाव के कारण दिल की धमनियों में सिकुड़न आ जाती है। oxygen की आपूर्ति और खून के बहाव पड़ने लगता है। मौसमी अवसाद और vitamin-d की कमी के कारण भी रक्तचाप बढ़ने लगता है। doctor की बताई medicine लेना न छोड़े।

1-  fiber युक्त भोजन अधिक लें

2-  हरी सब्जियां, अंकुरित अनाज व् सूखे मेवे लें। पानी खूब पीयें। पाचन ठीक रहता है। मौसमी अवसाद से बचते है।

3-  खाली पेट लौकी का juice पियें। इसमें तुलसी और पुदीने के चार-छह पत्ते मिला लिए जाएँ तो और अच्छा है। धमनियों के अवरोध में भी फायदा मिलता है।

4-  vitamin-d का स्तर बनाये रखने के लिए सुबह की गुनगुनी धूप सेकें।

दमा

ठंडी हवाओं के साथ सर्दी-जुकाम और गले में swelling पैदा करने वाले Bactria दमा रोगी की मुसीबत और बढ़ा देते है

1-  कही भी सर्द-गर्म वातावरण में अचानक प्रवेश करने से बचना चाहिए

2-  पानी गुनगुना करके पियें।

3-  कफ बाहर निकालने वाले और iron जैसे तत्वों से भरपूर चीजें खाएं। खजूर खाना फायदेमंद है।

4-  इन्हेलर तथा doctor की advice medicine साथ रखें।

5-  धुम्रपान सांस की तकलीफों को बढ़ाता है। प्रत्यक्ष व् अप्रत्यक्ष दोनों से बचें।

6-  दो चम्मच मेथी दाने एक लीटर पानी में डालकर आधे घंटे तक उबालें और छान लें। अब इसमें दो चम्मच अदरक का रस और एक चम्मच शुद्ध शहद मिला दमा के रोगी को पिलायें। रोज सवेरे यह करें।

जोड़ो का Pain

सर्दी body में वात और कफ की वृद्धि का मौसम है। चूँकि जोड़ो का pain वात असंतुलन की वजह से होता है, इसलिए जाहिर तौर पर सर्दी में तकलीफ बढ़ जाती है। हल्का-फुल्का exercise जरुर करें।

वात का effect कम करने वाली चीजों को अपने आहार में शामिल करें।

1-  100ml milk में इतना ही पानी मिलाएं और दस लहसुन की कलियाँ डालकर उबालें। पानी जल जाएँ तो लहसुन खाकर घूंट-घूंट कर दूध पी लें। इससे जोड़ो के pain में फायदा मिलता है।

2-  जिन जोड़ो में दर्द हो, वहां सरसों के तेल में लहसुन और अजवायन पकाकर उस तेल से मालिश करनी चाहिए

3-  चुकन्दर और सेब भरपूर खाएं, इससे यूरिक acid सही रहता है।





   


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