health से जुड़े लेखो
में आपने imunity शब्द कई बार पढ़ा होगा।
immunity यानि body की रोगों से लड़ने की क्षमता। वह रक्षा कवच, जो खांसी-जुकाम और
पेट व् liver के संक्रमण से तो दूर रखता ही है, साथ ही cancer जैसे रोगों से भी
body का बचाव करता है।
बार-बार बीमार पड़ने के
कारण क्या आपको अक्सर school,college या office से छुट्टिया लेनी पडती है? मौसम
में जरा-सा बदलाव भी खांसी-जुकाम का कारण बन जाता है? हालाकिं इसके कई और भी कारण
हो सकते है, लेकिन एक प्रमुख वजह immune system का कमजोर होना है, जो body की
रोगों से लड़ने की क्षमता को कम कर देता है।
Immunity क्या है?
immunity यानि प्रतिरोधक
क्षमता, जो body को विभिन्न कीटाणुओं व् virus के संक्रमण से बचाती है। immune
system वह अंदरूनी ताकत है, जिसमे body की कोशिकाए, उतक व् अंग भाग लेते है तथा
संक्रमित कीटाणुओं या रोगवाहको की पहचान कर उन्हें नष्ट करने में help करते है।
साधारण शब्दों में body का वह naturally system, जो body को रोगों से दूर रखता है
और body की किसी रोग से शीघ्र बाहर निकलने में help करता है।
immunity बढाने में body
के लिंफेटिक system की बड़ी भूमिका होती है, जिसमे अस्थि-मज्जा, तिल्ली, थायमस और
लिम्फ नोड्स आते है। लिंफोसाइट्स और ल्यकोसाइट्स, ये छोटी सफेद रक्त कोशिकाए होती
है, जो body को रोगों से बचाती है। body में बी-सेल और टी-सेल दो तरह के
लिंफोसाइट्स होते है। बी-सेल body में उन antibody का निर्माण करते है, जो
बेक्टीरिया व् toxin पर हमला करते है। वही टी-सेल संक्रमित और कैंसरजनित कोशिकाओ
को नष्ट करते है। immunity बढाने की प्रकिया में इसी पुरे तंत्र को मजबूत करने की
जरूरत होती है।
क्यों नही लड़ पाते रोगों
से
हमारा immune system एक
दिन में कमजोर नही होता। लम्बे समय तक अस्वस्थ जीवनशैली व् असंतुलित खान-पान body
की रोगों से लड़ने की क्षमता कमजोर कर देते है। समय-असमय खाना, बहुत अधिक junk food
खाना, धुम्रपान करना, शराब का सेवन व् अन्य नशे की लत, शारीरिक शारीरिक व्यायाम न
करना, vitamin व् खनिज पदार्थो की कमी होना, ज्यादा तनाव, नीद पूरा न होना,
प्रदुषण व् कुछ बीमारियां body के immune system को कमजोर बना देते है।
छोटे बच्चो का immune
system मां के गर्भ से ही बनना शुरू हो जाता है। यही वजह है कि गर्भवती महिलाओ को
अधिक से अधिक पौष्टिक आहार के साथ स्वस्थ जीवनशैली अपनाने पर जोर दिया जाता है।
प्रत्यक्ष व् अप्रत्यक्ष धुम्रपान से बचने की सलाह दी जाती है। युवाओं के मुकाबले
बच्चो और बुजुर्गो का immune system कमजोर होता है। इसी कारण वे बदलते मौसम में
रोगों के चपेट में अधिक आते है। हालांकि अस्वस्थ दिनचर्या और व्यायाम की कमी के
कारण युवा भी कम उम्र में जीवनशैली से जुड़े रोगों की चपेट में आ रहे है। युवाओं
में immune system के कमजोर होने के कारण धुम्रपान, शराब, अधिक तनाव और शारीरिक
गतिविधियां न करना है।
क्यों जरूरी है body का
मजबूत होना
immune system कमजोर होने
पर person रोगों के प्रति अधिक सवेंदनशील हो जाता है। इससे केवल सर्दी, जुकाम या
खांसी आदि रोग ही जल्दी-जल्दी नही होते, बल्कि सांस की problem, ह्रदय रोग, cancer
आदि होने का जोखिम भी बढ़ जाता है। कई बार आनुवंशिक रोगों या कुछ खास medicine को
लम्बे समय तक लेते रहना भी body के रक्षा तंत्र को कमजोर कर देता है। immune
system हो जाने पर body की क्षतिगस्त अंगो की मरम्मत करने की क्षमता घट जाती है।
ऐसे लोगो में allergy,liver,cancer, पेट व् रक्त सम्बन्धी विकार हो सकते है।
मानसून और Immunity
बदलते मौसम के समय body
की मजबूती कई तरह के रोगों से दूर रखती है, पर मानसून का मौसम immunity पर खासा
असर डालता है। इस मौसम में उमस व् वातावरण की नमी मच्छर, किटाणु व् जीवाणुओं के
पनपने के लिए अनुकूल होती है। जिनकी immunity कमजोर होती है, उनके बीमार पड़ने का
जोखिम बढ़ जाता है। इस मौसम में जिन लोगो को मधुमेह, सांस की दिक्कत या लंबी बीमारी
है, उन्हें ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है। आसपास साफ-सफाई, पोषक तत्वों से
युक्त घर पर बने खाने और ज्यादा से ज्यादा पानी पीने से मौसमी संक्रमण से दुरी
बनाई जा सकती है। फाइबरयुक्त खाद्य पदार्थो के सेवन से पेट सम्बन्धी problem को
control करने में मदद मिलती है। इसके अलावा तैलीय खाना, ज्यादा मसालेदार खाना,
junk food और सोडे से युक्त पेय पदार्थो से परहेज करना चाहिए।
यूं बढाये body की ताकत
·
immune
system को मजबूत करने के लिए संतुलित व् सम्पूर्ण भोजन करे। खाने में vitamin और
खनिज लवणों को प्रचुरता में शामिल करे। हरी सब्जियां, दालें, सलाद और साबुत अनाज
के साथ-साथ fruits का सेवन करे। भोजन प्रचुर मात्रा में नियमित समय पर करे। अधिक
बसा वाले भोजन से परहेज करे।
·
धुल-मिट्टी
व् प्रदूषित वातावरण से बचे। आसपास की साफ-सफाई के साथ-साथ व्यक्तिगत सफाई का भी
ध्यान रखे। रोज नहाए व् साफ-सुथरे कपड़े पहने। खाना खाने से पहले अच्छी तरह से हाथ धोये।
·
immunity
बढाने में व्यायाम की भी positive भूमिका होती है। नियमित व्यायाम न सिर्फ शारीरिक
तौर पर, बल्कि मानसिक रूप से भी body को मजबूत बनाता है। योगासन से मानसिक तनाव कम
होती है और एकाग्रता बढती है।
·
अपनी
नीद से कोई समझौता न करे। जल्दी सोने व् जल्दी उठने की आदत डाले। हर रोज कम से कम
6-7 घंटे की नीद ले। इस प्रक्रिया में रात में देर से सोकर सुबह देर से उठना भी
गलत है। नीद immunity को दुरुस्त रखने में मदद करती है।
·
junk
food, तले हुए खाद्य पदार्थो, प्रोसेस्ड या डिब्बा बंद खाद्य पदार्थ, चीनी युक्त
आहार, सोडा, कैफीन, शराब, धुम्रपान और नशीले पदार्थो से दुरी बनाये।
·
मोटापा
immunity की क्षमता कमजोर करता है। वजन को control रखने के लिए स्वस्थ जीवनशैली
अपनाए।
Vitamin-D का महत्व
vitamin-d immunity बढाने
में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। study के मुताबिक vitamin-d की कमी ऑटोइम्यून
बीमारियाँ होने का खतरा बढ़ा देती है और अति सवेंदनशील immune system अपने ही body
की कोशिकाओ व् अंगो को नुक्सान पहुंचाने लगता है।
immune system को सही
रखने में vitamin-d बहुत आवश्यक है, लेकिन चिंता का विषय ये है कि भारतीयों में
vitamin-d की कमी बहुत ज्यादा पायी जाती है। diabetes foundation of india ने
अनुमान लगाया है कि 80% भारतीय vitamin-d की कमी से जूझ रहे है। ये कमी भारत के
सभी आयु वर्गों में 50 से 90% पाई गई है।
सभी medical specialist
मानते है कि अगर खाद्य पदार्थ उपयुक्त मात्रा में vitamin-d को पूरा नही कर पाते
तो स्वस्थ रहने के लिए doctor की सलाह लेकर vitamin-d supplement लेने चाहिए। ये
सबसे किफायती और सभी के लिए आसान तरीका है। इसके अलावा नियमित सूरज की रोशनी से भी
पर्याप्त vitamin-d मिलने में मदद मिलती है।
खाने में शामिल करे
1-
हर्बल
या green tea, अंकुरित दाल व् काले चने, ताजे fruit व् उनका juice, मशरूम,
शकरकंदी, कददू, पीली व् लाल शिमला मिर्च.मेवे, vitamin-c युक्त चीजे जैसे संतरा,
नीबू, आंवला और अदरक आदि।
2-
vitamin-A
युक्त चीजे जैसे गाजर, मुली, मेवे, मछली, गाढ़ी हरे पत्तेदार सब्जियां
3-
vitamin-d
युक्त समुद्री खाना जैसे टूना और सैमन इत्यदि या विशेषज्ञों की राय से vitamin-d
supplement, पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ, हल्दी, सरसों, हींग, अजवाइन, कड़ी
पत्ता, मुलैठी, दालचीनी, कालीमिर्च, धनिया व् पुदीने का इस्तेमाल।
No comments:
Post a Comment