Sunday, June 5, 2016

World Environment Day 5 June

world environment Day


पर्यावरण प्रदूषण की समस्या पर सन् 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने स्टॉकहोम (स्वीडन) में विश्व भर के देशों का पहला पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया. इसमें 119 देशों ने भाग लिया और पहली बार एक ही पृथ्वी का सिद्धांत मान्य किया. इसी सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) का जन्म हुआ तथा प्रति वर्ष 5 जून को पर्यावरण दिवस आयोजित करके नागरिकों को प्रदूषण की समस्या से अवगत कराने का निश्चय किया गया.

मित्रों, मानव अपनी व्युत्पत्ति से लेकर आज तक प्रकृति पर एकाधिकार करने में प्रयासरत है. विज्ञान ने इसमें बहुत सहारा दिया है. वैज्ञानिकों ने काफी चमत्कारिक आविष्कार किये हैं. परन्तु मानव ने उनका सद-उपयोग कम, दुर-उपयोग ज्यादा किया है. वह प्राकृतिक पर्यावरण को भूल गया. जिसके परिणाम स्वरुप जल-थल-नभ पूरा पर्यावरण प्रदूषित हो गया है. वह अपने ही कारनामो से अनेकानेक समस्याओं और बीमारियों को न्योता दे चुका है, अपनी जान जोखिम में डाल चुका है. पर्यावरण प्रदूषण एक गंभीर समस्या है. केंद्र सरकार व राज्य सरकारें सालों से स्वच्छता अभियान की कई स्कीमें चला रही है फिर भी हालात काबू में नहीं आ रहे हैं. स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 15 अगस्त 2014 को 68 वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से स्वच्छता अभियान चलाने आह्वान करना पड़ा.

प्रकृति, पेड़-पौधों व जीव-जन्तुओं की, जैवविविधता (Biodiversity) से परिपूर्ण है. मानव के लिये इसे समझना तो दूर, वह इसे पहचान भी नहीं पा रहा है. इन सब बातों को शब्दों बांधना नामुमकिन है. मैं ग्रीन हॉउस इफेक्ट, ब्लेक होल, केमिकल्सआदि आदि की विस्तार में बात नहीं करुंगा. मैं यहाँ केवल एक दृष्टांत अवश्य देना चहुँगा. गिद्ध ऐसा पक्षी जो केवल मृत जानवर के शव (carcass) को ही खाता है. मृत जानवरों का निस्तारण (सफाई) बहुत मुश्किल कार्य है. इनके खुले में सड़ने से कई तरह की बिमारियां ही नहीं महामारियां फ़ैल सकती है. गिद्ध मानव का मुफ्त का सफाईकर्मी है. परन्तु उसके लालच ने उसको भी मार दिया. गिद्ध की भारतीय प्रजातियाँ Indian vulture (Gyps indicus) व कई प्राय: लुप्त हो चुकी है,या लुप्त होने की कगार पर है.
पर्यावरण संरक्षण अधिनियम :
19 नवंबर 1986 से पर्यावरण संरक्षण अधिनियम लागू हुआ. तदनुसार जल, वायु, भूमि इन तीनों से संबंधित कारक तथा मानव, पौधो, सूक्ष्म जीव, अन्य जीवित पदार्थ आदि पर्यावरण के अंतर्गत आते हैं. पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के कई महत्त्वपूर्ण बिंदु हैं. जैसे

1.  पर्यावरण की गुणवत्ता के संरक्षण हेतु सभी आवश्यक क़दम उठाना.

2.  पर्यावरण प्रदूषण के निवारण, नियंत्रण और उपशमन हेतु राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम की योजना बनाना और उसे क्रियान्वित करना.

3.  पर्यावरण की गुणवत्ता के मानक निर्धारित करना.

4.  पर्यावरण सुरक्षा से संबंधित अधिनियमों के अंतर्गत राज्य-सरकारों, अधिकारियों और संबंधितों के काम में समन्वय स्थापित करना.

5.  ऐसे क्षेत्रों का परिसीमन करना, जहाँ किसी भी उद्योग की स्थापना अथवा औद्योगिक गतिविधियां संचालित न की जा सकें. आदि-आदि. उक्त-अधिनियम का उल्लंघन करने वालों के लिए कठोर दंड का प्रावधान है.
पर्यावरण संरक्षण के नारे (Environment Slogans in Hindi) :
(I) पर्यावरण संरक्षण के परम्परागत नारे :
1.  पेड़ लगाए हर इन्सान, माँ वसंधुरा देती वरदान.

2.  वृक्ष फेलाते हें हरयाली , जीवन में लाते खुशहाली.

3.  जहां हरयाली है, वहीं खुशहाली है.

4.  धरती पर स्वर्ग हे वहाँ, हरे भरे वृक्ष हे जहाँ.

5.  वृक्ष काट तुम मत करो अभिमान, रोती धरती तुम को देगी अभिशाप.

6.  पेड़ो से वायु, वायु से आयु.

7.  कहते हे सब वेद-पुराण, एक वृक्ष दस पुत्र सामान.

8.  पेड़ो को मत काटो भाई, ये करते प्राकृतिक भरपाई.

9.  कड़ी धूप में जलते हैं पाँव, होते पेड़ तो मिलती छाँव.

10. बंजर धरती करे पुकार, पेड़ लगाकर करो सिंगार.

11. यदि लानी हे सुंदर हरयाली, पेड़ पोधों की करो रखवाली.

12. मत काटो इन पेड़ो को इन में होती हे जान, बिन पेड़ो के हो जायेगा हम सब का जीवन सुनसान.

13. वन रोपें उद्यान लगायें, हरा-भरा निज देश बनाएँ.

14. वन उपवन कर रहे पुकार, देते हम वर्षा की बोछार.

15. वृक्ष-लघु सेवा, तरु हमसे लेते, अमित ताम जीवन भर हमें देते.

16. वृक्ष सभी का स्वागत करते, दे फल फूल पथ-श्रम हरते.

17. वृक्ष प्रदुषण-विष पी जाते, पर्यावरण पवित्र बनाते.

18. आओ बच्चो के साथ मनाए त्योहार, स्वस्थ जीवन के लिए दे एक पेड़ उपहार.

19.  सिर साटे रूख रहे तो भी सस्तो जाण.
(II) पर्यावरण संरक्षण के आधुनिक नारे :
20. नदियों को मुक्‍त बहने दो, नदियों की हत्‍या करना बंद करो.

21. भोपाल हादसे के पीड़ितों को न्‍याय दो, और सबक लेकर रिहायशी इलाकों में कारखाने लगाना बंद करो.

22. निजी वाहनों पर रोक लगाओ, हवा में जहर घोलना बंद करो.

23. खेतों में शहर बसाना, कारखाना लगाना बंद करो.

24. नदियों-पहाड़ों को बेचना बंद करो.

25. पर्यावरण को प्‍लास्टिक कचरे से मुक्‍त करो, कचरा जलाना बंद करो.

26. देशी-विदेशी कंपनियों के पर्यावरण के खिलाफ अपराध पर रोक लगाओ.

27. समुद्र में खतरनाक और रेडियोधर्मी कचरा डालना बंद करो, ज़हरीले कचरे का व्‍यापार बंद करो.

28. देशी-विदेशी खनन कंपनियों द्वारा खनिज के अवैध खनन पर रोक लगाओ.

29. मानव केंद्रित ज़हरीले विकास का त्‍याग करो, सभी जीव-जंतुओं के अधिकारों को मान्‍यता दो.

30. खेतों में रासायनिक खाद और रासायनिक कीटनाशक डालना बंद करो, खाद्य श्रृंखला को विषमुक्‍त करो.

31. पर्यावरण बचाओ आंदोलन के शहीदों को सलाम, शहादत की परंपरा को सलाम.

32. सौर ऊर्जा और अन्‍य प्रदूषणमुक्‍त बिजली के स्रोतों को स्‍वीकार करो

33. धूप में बल्‍ब जलाना बंद करो.

34. खेतों और खलिहानों को पार्क बनाना बंद करो.

35. तालाबों और नदियों पर मकान बनाना बंद करो.

36. जंगलों में कारखाने लगाना बंद करो.

37. नदियों में कचरा डालना बंद करो.

38. पहाड़ों को रहने दो, पेड़ों को रहने दो, बच्‍चों में बचपना रहने दो.

39. अमीरों की अमीरी से, कंपनियों की मुनाफाखोरी से पर्यावरण को खतरा है.

40. फुकुशिमा और चेरनोबिल हादसे से सबक सीखना होगा, परमाणु बिजलीघरों पर रोक लगानी होगी.

41. 1894 से लेकर अब तक हुए भूमि अधिग्रहण पर श्‍वेत पत्र जारी करो.









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