एक स्पष्ट रणनीति के तहत काम करने और
भावी योजनायें तैयार करने के लिए office में meetings करना आवश्यक है।
लेकिन अकसर देखने में आता है कि इसके लिए बेहतर planning नही होने की वजह से इस
प्रक्रिया में भी काफी समय बर्बाद हो जाता है। तो क्यों न इस प्रक्रिया को कारगर
बनाने के लिए कुछ प्रभावी को कारगर बनाने के लिए कुछ प्रभावी तरीकों पर विचार किया
जाये। इस लिहाज से meeting से जुड़ी कुछ चीजों पर focus करना बेहद जरूरी है:
लगायें Timer
meeting के दौरान बिना वक्त की परवाह किये बोलते जाना या विषय से भटक
जाना आम बात है। meetings में समय बर्बाद न हो, इसके लिए smartphone में timer
लगाये जा सकते है। इससे meetings तय समय में पूरी होगी और विषय से भटकाव की
गुंजाइश भी कम रहेगी। google की physical clock इन दिनों काफी चर्चित है। इसे
तैयार करने वाले जैक नैप का मानना है कि अन्य timer apps की तुलना में यह कही
ज्यादा प्रभावी है।
प्रभावशाली एजेंडा बनाएं
कामयाब उधमी मानते है कि प्रभावी meetings प्रभावी एजेंडे के साथ
शुरू होती है। प्रभावशाली एजेंडा तय करने के सीक्रेट इन चीजों में छिपे है-
1-
एजेंडे का input
meeting से पहले ही प्रतिभागियों से मांग लीजिये, ताकि नये विषय पर चर्चा की जा
सके।
2-
meeting का purpose स्पष्ट रखें।
3-
पहले से ही साफ कर लें कि समन्वयक
कौन है।
4-
meeting में मौजूद सभी प्रतिभागियों
से पहचान होनी चाहिए, न होने की स्थिति में परिचय कराया जाना चाहिए। हो सकें तो
meeting में चुनिंदा लोग ही रखें। स्टीव जॉब्स खासतौर से इस चीज के लिए जाने जाते
थे कि अगर कोई शख्स एक वाजिब कारण और बेहतर idea के साथ वहां नही है तो उसे
meeting से बाहर भेज देते थे।
5-
विषय से जुड़ी decision making पर
अधिक focus करें।
6-
हर एजेंडे का एक समय तय करें, ताकि
प्रतिभागी focus कर सकें।
Stand-up Meetings ज्यादा बेहतर
साल 1999 में मनोवैज्ञानिकों की एक
team ने खड़े होकर और बैठकर, दोनों तरह से होने वाली meetings पर research किया था।
56 अलग-अलग समूहों पर हुई इस research में यह बात निकलकर आई कि खड़े होकर चलने वाली
meetings के मुकाबले बैठकर की जाने वाली meetings 34% ज्यादा लम्बी खिंचती है।
उनके नतीजे standing meetings के मुकाबले अच्छे फैसले लिए जाते है। वाशिंगटन
university के एक अन्य study में भी standing meetings को बेहतर बताया गया।
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